जयपुर. फिनलैंड से मंगाई गई एरियल हाइड्रोलिक लैडर प्लेटफार्म 4 शहरों में आग (Aerial hydraulic ladder platform for 4 cities) बुझाएगी. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने मंगलवार को इन एरियल हाइड्रोलिक लैडर प्लेटफार्म को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. ये एएचएलपी जोधपुर उत्तर नगर निगम, कोटा उत्तर नगर निगम, भिवाड़ी नगर परिषद और उदयपुर नगर निगम को दी गई है. इन एएचएलपी से 60 मीटर ऊंची इमारतों में लगी आग को भी बुझाया जा सकेगा. एक एएचएलपी की लागत 15 करोड़ है.
बढ़ते शहरीकरण और बहुमंजिला 60 मीटर तक की ऊंचाई की इमारतों में आग बुझाने और जान-माल की हानि से बचाव के लिए चार नगरीय निकायों में फायर दस्ते को फिनलैंड से मंगाई गई एएचएलपी से और मजबूत किया गया है. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि जयपुर के पास पहले ही 70 मीटर एएचएलपी है. ऐसे में अब अन्य चार शहर जोधपुर, कोटा, उदयपुर, भिवाड़ी के लिए 60 मीटर एएचएलपी मंगवाई गई है. 60 करोड़ की लागत से चार एएचएलपी फायर ब्रिगेड दस्ते को मजबूत करेंगी. इन्हें फिनलैंड से मंगवाया गया है. क्योंकि ये एएचएलपी विश्व में फिनलैंड में ही बनती है.
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उन्होंने बताया कि अब इन शहरों में 60 मीटर तक की हाइट वाली बिल्डिंग में आगजनी की घटनाओं पर काबू पाया जा सकेगा. इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा की थी. जिस पर काम करते हुए चार शहरों को एएचएलपी उपलब्ध कराई गई है. इसके साथ ही राज्य सरकार फायरमैन की भर्ती भी कर रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल जिन शहरों में 60 मीटर ऊंची इमारतें हैं, उन्हें ही ये एएचएलपी उपलब्ध कराई गई है. दूसरे शहरों में अभी इतनी ऊंची इमारतें मौजूद नहीं है. आवश्यकता पड़ने पर दूसरे शहरों को भी उपलब्ध कराई जाएंगी.
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वहीं राजधानी में जयपुर मेट्रो के विस्तार को लेकर धारीवाल ने कहा कि फेज 1 के तीसरे चरण के रूट के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 993.51 करोड़ के बजट की मंजूरी दी है. ये रूट बड़ी चौपड़ से आगे दिल्ली बाइपास पर ट्रांसपोर्ट नगर तक बनाया जाएगा. इस रूट के बनने के बाद यात्रियों को मानसरोवर से दिल्ली रोड तक की कनेक्टिविटी मिल जाएगी. इसमें 2.26 किलोमीटर का एलिवेटेड ट्रैक रहेगा, जबकि 590 मीटर का अंडरग्राउंड ट्रैक होगा. इस तरह ये रूट कुल 2.85 किलोमीटर का होगा.
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आपको बता दें कि जयपुर मेट्रो की डीपीआर के अनुसार, अब मानसरोवर से ट्रांसपोर्ट नगर तक साल 2031 तक प्रतिदिन 1.38 लाख यात्री मेट्रो में सफर करेंगे. जिससे जयपुर चारदीवारी में ट्रैफिक लोड काफी हद तक कंट्रोल रहेगा. अभी जयपुर में मेट्रो का संचालन मानसरोवर से बड़ी चौपड़ तक हो रहा है, जो करीब 11.3 किलोमीटर लम्बाई में है. इस रूट पर 3 अंडरग्राउंड, जबकि 8 स्टेशन एलिवेटेड हैं.