जयपुर. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी विधि मानवाधिकार विभाग एवं आरटीआई विभाग के अध्यक्ष और बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के पूर्व चेयरमैन सुशील शर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के साथ ही विधि एवं न्याय मंत्री शांति कुमार धारीवाल को कांग्रेस का वह वादा याद दिलाया है. जो उन्होंने अपने घोशणा पत्र में वकीलों के लिए रखा था.
बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के पूर्व चेयरमैन सुशील शर्मा ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ राजस्थान में सर्वसम्मति से अधिवक्ताओं के वेलफेयर हेतु कई प्रस्ताव पारित किए गए थे. जो कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भी शामिल किए थे. उन्होंने कहा कि बार काउंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा की गई मांगों को राज्य सरकार की कैबिनेट ने भी अपने दो दिवसीय कार्य योजना में शामिल किया था. ऐसे में अब उन मांगों को सरकार को बजट सत्र में ही पूरा कर देना चाहिए.
शर्मा ने कहा कि बार काउंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा अधिवक्ताओं के वेलफेयर हेतु एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल 2019 एडवोकेट वेलफेयर फंड में संशोधन, सरकारी अनुदान अजमेर में एडवोकेट भवन हेतु स्थान आवंटन, न्यायालयों में केंद्रीय लाइब्रेरी और अधिवक्ताओं के चेंबर हेतु वित्तीय सहायता, अधिवक्ताओं हेतु सस्ती आवासी योजना, युवा अधिवक्ताओं के लिए स्थाई फंड और राज्य सरकार के बोर्ड निगमों में अधिवक्ताओं को प्राथमिकता दिए जाने के प्रस्ताव राज्य सरकार को दिए हैं.
उन्होंने कहा कि एडवोकेट की यह मांग जायज है और उन्हें इसी बजट सत्र में पूरा किया जाना चाहिए. शर्मा ने कहा कि एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को राजस्थान सरकार इसी बजट सत्र में रखें.