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कोर्ट ने पूछा, बीस करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में अब तक क्या जांच की? - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम 2 ने 20 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी मामले में जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश गांधी नगर थाना पुलिस को दिए हैं.

fraud case of Rs 20 crores,  investigation in fraud case
बीस करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में अब तक क्या जांच की.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 27, 2023, 8:59 PM IST

जयपुर. अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम 2 ने गांधी नगर थाना पुलिस से प्रगति रिपोर्ट पेश कर बताने को कहा है कि बीस करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में दर्ज एफआईआर पर अब तक क्या कार्रवाई की है?. अदालत ने यह आदेश परिवादी राज डॉक्टर की ओर से पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता अभिजीत शर्मा ने अदालत को बताया कि उसने मनीष तुलसियान, निशांत तुलसियान, इनफिना फाइनेंस और कोटक सिक्योरिटीज के खिलाफ गत 8 नवंबर को गांधीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें बताया गया था कि वह भारत-कनाडा एचआईवी एड्स परियोजना की पांच वर्षीय परियोजना में प्रबंधक रह चुका है. इस दौरान वह मनीष तुलसियान के संपर्क में आया था.

पढ़ेंः चिकित्सा अधिकारी भर्ती 2022: हम नहीं दे रहे निर्देश, मुख्यमंत्री के आश्वासन को ध्यान में रखते हुए करें विचार-राजस्थान हाईकोर्ट

मनीष ने खुद को सीए बताते हुए परिवादी का सारा आयकर का काम करना शुरू कर दिया. वहीं बाद में उसने अन्य आरोपियों से मिलीभगत कर परिवादी के फर्जी दस्तावेज तैयार कर इनफिना फाइनेंस से उसके नाम बीस करोड़ रुपए का लोन ले लिया. पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने के बावजूद अब तक मामले में कोई जांच नहीं की गई है. यहां तक कि पुलिस ने परिवादी के बयान भी दर्ज नहीं किए हैं. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पुलिस से मामले की गई जांच की रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

जयपुर. अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम 2 ने गांधी नगर थाना पुलिस से प्रगति रिपोर्ट पेश कर बताने को कहा है कि बीस करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में दर्ज एफआईआर पर अब तक क्या कार्रवाई की है?. अदालत ने यह आदेश परिवादी राज डॉक्टर की ओर से पेश प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए दिए.

प्रार्थना पत्र में अधिवक्ता अभिजीत शर्मा ने अदालत को बताया कि उसने मनीष तुलसियान, निशांत तुलसियान, इनफिना फाइनेंस और कोटक सिक्योरिटीज के खिलाफ गत 8 नवंबर को गांधीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसमें बताया गया था कि वह भारत-कनाडा एचआईवी एड्स परियोजना की पांच वर्षीय परियोजना में प्रबंधक रह चुका है. इस दौरान वह मनीष तुलसियान के संपर्क में आया था.

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मनीष ने खुद को सीए बताते हुए परिवादी का सारा आयकर का काम करना शुरू कर दिया. वहीं बाद में उसने अन्य आरोपियों से मिलीभगत कर परिवादी के फर्जी दस्तावेज तैयार कर इनफिना फाइनेंस से उसके नाम बीस करोड़ रुपए का लोन ले लिया. पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने के बावजूद अब तक मामले में कोई जांच नहीं की गई है. यहां तक कि पुलिस ने परिवादी के बयान भी दर्ज नहीं किए हैं. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पुलिस से मामले की गई जांच की रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

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