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IPS अजय सिंह की बढ़ी मुश्किलें, 7 साल पुराने भ्रष्टाचार मामले में हाईकोर्ट जाएगी ACB...राज्य सरकार ने दी अनुमति

भ्रष्टाचार के आरोप में 7 साल पहले घिरे आईपीएस अजय सिंह कि मश्किलें बढ़ गई हैं. एसीबी कोर्ट में आरोप मुक्त होने के बाद अब मामले को हाईकोर्ट ले जाने की तैयारी है. राज्य सरकार ने मामले में एसीबी को अनुमति दे दी है.

अजय सिंह, IPS अधिकारी (फाइल फोटो).
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Published : Jul 13, 2019, 8:17 PM IST

जयपुर. अवैध बजरी खनन मामले में दिल्ली स्थानांतरित हुए आईपीएस अजय सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मामले में अब सरकार हाईकोर्ट में अपील करेगी. वहीं विधि विभाग के मंत्री शांति धारीवाल ने माना है कि एसीबी के पास आईपीएस अजय सिंह के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं.

दरअसल, अवैध खनन से जुड़ा यह मामला 7 साल पुराना है. मामले में आईपीएस अजय सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. एसीबी ने मामले को लेकर हाईकोर्ट में अपील करने का निर्णय लिया है. इससे पहले मामले में अजमेर की एसीबी कोर्ट अजय सिंह को बरी कर चुकी है. जिसके बाद अब एसीबी इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है. राज्य सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है.

7 साल पहले भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे IPS अधिकारी के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगी ACB

आईपीएस अजय सिंह रिश्वत के आरोप में वर्ष 2012 में गिरफ्तार किए गए थे. जिसके बाद उनका तबादला भी कर दिया गया था. उन्हें एसपी धौलपुर से दिल्ली में कमांडेंट पद पर तैनात किया गया था. मामले की सुनवाई अजमेर की टाडा कोर्ट में चल रही थी. सुनवाई पूरी करते हुए 12 अक्टूबर 2018 को अदालत ने अजय सिंह को आरोप मुक्त कर दिया था. जिसके बाद ऐसीबी कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देना चाहती थी, लेकिन सरकार ने नो अपील का आदेश का जारी कर दिया था.

मामला सुर्खियों में आने के बाद विधि विभाग के मंत्री शांति धारीवाल ने माना कि एसीबी के पास आईपीएस अजय सिंह के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं. ऐसे में विधि विभाग ने आईपीएस अजय सिंह के खिलाफ हाई कोर्ट में फिर से चुनौती देने वाली अर्जी को हरी झंडी दे दी है.

जयपुर. अवैध बजरी खनन मामले में दिल्ली स्थानांतरित हुए आईपीएस अजय सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मामले में अब सरकार हाईकोर्ट में अपील करेगी. वहीं विधि विभाग के मंत्री शांति धारीवाल ने माना है कि एसीबी के पास आईपीएस अजय सिंह के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं.

दरअसल, अवैध खनन से जुड़ा यह मामला 7 साल पुराना है. मामले में आईपीएस अजय सिंह की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. एसीबी ने मामले को लेकर हाईकोर्ट में अपील करने का निर्णय लिया है. इससे पहले मामले में अजमेर की एसीबी कोर्ट अजय सिंह को बरी कर चुकी है. जिसके बाद अब एसीबी इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है. राज्य सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है.

7 साल पहले भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे IPS अधिकारी के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगी ACB

आईपीएस अजय सिंह रिश्वत के आरोप में वर्ष 2012 में गिरफ्तार किए गए थे. जिसके बाद उनका तबादला भी कर दिया गया था. उन्हें एसपी धौलपुर से दिल्ली में कमांडेंट पद पर तैनात किया गया था. मामले की सुनवाई अजमेर की टाडा कोर्ट में चल रही थी. सुनवाई पूरी करते हुए 12 अक्टूबर 2018 को अदालत ने अजय सिंह को आरोप मुक्त कर दिया था. जिसके बाद ऐसीबी कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देना चाहती थी, लेकिन सरकार ने नो अपील का आदेश का जारी कर दिया था.

मामला सुर्खियों में आने के बाद विधि विभाग के मंत्री शांति धारीवाल ने माना कि एसीबी के पास आईपीएस अजय सिंह के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं. ऐसे में विधि विभाग ने आईपीएस अजय सिंह के खिलाफ हाई कोर्ट में फिर से चुनौती देने वाली अर्जी को हरी झंडी दे दी है.

Intro:
जयपुर

आईपीएस अजय सिंह की बढ़ी मुश्किलें , 2012 के रिश्वत मामले में अपील करेगी सरकार , विधि मंत्री शांति धारीवाल ने कहा आईपीएस अजय सिंह के खिलाफ एसीबी के पास प्रयाप्त साक्ष्य

एंकर:- धौलपुर में अवैध बजरी खनन विवाद के दिल्ली तबादला हुए आईपीएस की मुश्किलें कम नही ही रही , अजय सिंह की नो अपील फाइल पर अब सरकार हाईकोर्ट में अपील करेगी , विधि विभाग के मंत्री शांति शांति धारीवाल ने माना कि एसीबी के पास आईपीएस अजय सिंह के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य है , इस लिए अजय सिंह के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने का निर्णय लिया है ।




Body:VO:- अवैध बजरी खनन को लेकर विवाद खत्म हुआ था कि आईपीएएस अजय सिंह की अपने 7 साल पुराने मामले में मुश्किल है एक बार फिर बढ़ गई है , अजमेर की एसीबी कोर्ट में भ्रष्टाचार से 7 साल पुराने मामले में आईपीएस अजय सिंह को बरी कर दिया था इसमें भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो यानी एसीबी इस मामले को हाईकोर्ट में अपील करेगी, इसकी अनुमति राज्य सरकार ने दे दी है , हकांकि पहले सरकार ने अजीत सिंह के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने क्या देश को खारिज करते हुए नौकरी करने का निर्णय लिया था लेकिन बाद में जैसे ही मामला सुर्खियों में आया उसके बाद विधि विभाग के मंत्री शांति धारीवाल ने अजय सिंह की फाइल का अध्ययन किया अध्यन करने के बाद मंत्री शांति धारीवाल ने माना कि एसीबी के पास आईपीएस अजय सिंह के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं ऐसे में विधि विभाग ने आईपीएस अजय सिंह के खिलाफ हाई कोर्ट में फिर से चुनौती देने वाली अर्जी को हरी झंडी दे दी
दरअसल आईपीएस अजय सिंह रिश्वत के आरोप में वर्ष 2012 में गिरफ्तार किए गए थे मामले की सुनवाई अजमेर की टाडा कोर्ट में चल रही थी अदालत ने मामले की सुनवाई पूरी करते हुए 12 अक्टूबर 2018 को अजय सिंह को आरोप मुक्त कर दिया था , उसके बाद ऐसीबी कोर्ट के इस आदेश को चुनौती देना चाहती थी लेकिन सरकार ने नो अपील का आदेश को जारी कर दिया था , मामला चर्चा में आने के साथ ही मंत्री शांति धारीवाल ने मामले की पड़ताल शुरू कर दी है और फाइल पुनर्विचार के लिए मंगवा लिया और अध्ययन किया तो उन्होंने माना कि एसीबी के पास प्रयाय साक्ष्य है ,
बाइट:- शांति धारीवाल - विधि मंत्री




Conclusion:VO:- 2012 में रिश्वत के आरोपों में गिरफ्तार हुए आईपीएस अजय सिंह पिछले दिनों धौलपुर एसपी रहते हुए अवैध बजरी खनन के आरोपों में घिर गए थे , अवैध बजरी कोलेकर विवादों में आये अजय सिंह तबादला भी कर दिया गया था , उन्हें एसपी धौलपुर से कमांडेंट दिल्ली लगाया गया था , लेकिन जिस तरह से भ्रष्टाचार के पुराने मामले में सरकार ने हाई कोर्ट में अपील दायर करने की अर्जी को अनुमति दी है उसके बाद यह तो तय है कि अब एक बार फिर अजय सिंह को अपने 7 साल पुराने वाले मामले में शुरुआत लड़ाई लड़नी पड़ेगी
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