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लॉकडाउन 4.0: सरकारी कार्यालय खुलने के साथ ही रिश्वतखोरों पर लगाम लगाने के लिए ACB एक्टिव

कोरोना वायरस और लॉकडाउन में सरकारी दफ्तार बंद होने से भ्रष्टाचार और रिश्वत से जुड़े मामलों में कमी दर्ज की गई थी. लेकिन अब लॉकडाउन 4.0 में कई सरकारी दफ्तार भी खुलने लगे हैं ऐसे में एक फिर से रिश्वतखोरी का खेल शुरू होने वाला है. इन रिश्वतखोरों पर लगाम लगाने के लिए एक बार फिर से प्रदेश में ACB एक्टिव हो गई है.

rajasthan acb, राजस्थान एसीबी
राजस्थान में एसीबी फिर एक्टिव हुई
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Published : May 23, 2020, 7:53 PM IST

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना काल के चलते राजस्थान में भ्रष्टाचार का आंकड़ा काफी कम हुआ है. कोरोना के प्रकोप के चलते तमाम सरकारी विभाग में लॉकडाउन के पहले, दूसरे और तीसरे चरण में कामकाज लगभग बंद पड़ा था जिसके चलते भ्रष्टाचार फैलाने वाले लोगों पर स्वतः ही अंकुश लग गया. वहीं इस दौरान भी कुछ ऐसे लोग थे जिन्हें कोरोना का भी खौफ नहीं था और उन्होंने कोरोना काल में भी भ्रष्टाचार को फैलाने का काम किया जिन्हें एसीबी ने अपने शिकंजे में पकड़ा भी. वहीं अब लॉकडाउन के चौथे चरण में कई तरह की रियायत दी गई हैं और एक बार फिर से तमाम सरकारी विभागों में कामकाज शुरू हो गया है, इसे देखते हुए राजस्थान एसीबी एक बार फिर से एक्टिव मोड पर आ गई है.

राजस्थान में एसीबी फिर एक्टिव हुई
एसीबी एडीजी सौरभ श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना काल के चलते सरकारी विभागों में कामकाज बिल्कुल बंद था और 1 माह से अधिक समय तक तो सरकारी कार्यालय भी बंद थे. ऐसे में लोगों का आवागमन और एक दूसरे से मिलना पूरी तरह से प्रतिबंधित था जिसके चलते भ्रष्टाचार के प्रकरण सामने नहीं आए. हालांकि अब जैसे कि तमाम सरकारी विभागों में कामकाज एक बार फिर से शुरू हुआ है तो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले लोग भी एक बार फिर से एक्टिव हो चले हैं.

जिसे देखते हुए राजस्थान एसीबी टीम भी अब अलर्ट मोड पर आ गई है. अब भ्रष्टाचार की शिकायत लेकर परिवादी भी एसीबी मुख्यालय पहुंचने लगे हैं. राजस्थान एसीबी की आगामी दिनों में भ्रष्टाचार के खिलाफ फिर से ताबड़तोड़ कार्रवाई देखने को मिल सकती है.

कोरोना काल में ACB की कार्रवाई का ग्राफ:
एसीबी एडीजी सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना काल में राजस्थान में एसीबी की कार्रवाई में काफी कमी देखने को मिली है. यदि बात अप्रैल और मई माह की की जाए तो वर्ष 2020 में अप्रैल और मई माह में अब तक मात्र 4 ट्रेप की कार्रवाई को एसीबी द्वारा अंजाम दिया गया है. यानी कि वर्ष 2020 में, वर्ष 2019 की तुलना में 90 प्रतिशत से भी अधिक कार्रवाई में कमी देखने को मिली है. वहीं यदि वर्ष 2018, 2019 और 2020 में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी द्वारा की गई कार्रवाई का तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो कार्रवाई के आंकड़े कुछ इस तरह हैं.....

महीना- 2018 2019 2020
जनवरी 10210085
मार्च2729 17
अप्रैल 27 26 01
मई 58 38 03



मार्च महीने में की गई कार्रवाई:
वर्ष 2020 मार्च माह में एसीबी ने सीकर में ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम देते हुए खनिज विभाग के फोरमैन भानु प्रताप को 11 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रेप किया था. इसके साथ ही बांसवाड़ा में दानपुर पुलिस थाने के हेड कांस्टेबल मदन सिंह चौहान को 5 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया गया. इसी तरह से अजमेर में एसीबी टीम ने नगर निगम अजमेर में कार्यरत राजस्व निरीक्षक रेखा जेसवानी को 3 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया. भीलवाड़ा में भी एसीबी ने पटवारी सौमित्र दाधीच को 1 लाख 51 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रेप किया. इसके बाद एसीबी द्वारा नागौर, भरतपुर, टोंक और चूरू में रिश्वत लेने वाले कई रिश्वतखोरों को गिरफ्तार किया गया.

अप्रैल महीने में की गई कार्रवाई:
वर्ष 2020 अप्रैल महीने में एसीबी द्वारा मात्र एक कार्रवाई को अंजाम दिया गया. एसीबी ने झुंझुनू के चिड़ावा थाने की सुल्ताना पुलिस चौकी में तैनात एएसआई मक्खन लाल को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया था.

ये भी पढ़ें: चूरू के रतनगढ़ में विवाहिता के साथ सामूहिक दुष्कर्म

मई महीने में की गई कार्रवाई:
वर्ष 2020 मई महीने में एसीबी द्वारा अलवर में जयपुर डिस्कॉम के अधिशासी अभियंता के.एल.सैनी और तकनीकी सहायक बंटी सैनी को 70 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया. इसके साथ ही जयपुर नगर निगम के विद्याधर नगर जोन के हेल्थ इंस्पेक्टर जगदीश को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया.

ये भी पढ़ें:अलवरः ईट भट्टे के मुनीम ने मजदूरों से की मारपीट

अब शुरू होगा भ्रष्टाचार का खेल!
लॉकडाउन 4.0 में विभिन्न रियायत मिलने के साथ ही अब तमाम सरकारी विभागों में एक बार फिर से काम शुरू हो गया है. ऐसे में अब भ्रष्टाचार के प्रकरणों में भी काफी इजाफा होने की संभावना है. जिसे देखते हुए एसीबी की टीम एक बार फिर से अलर्ट मोड़ पर आ गई है. अब जो भी परिवादी एसीबी मुख्यालय में अपनी शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं उनकी शिकायत दर्ज कर सत्यापन कर ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया है. इसके साथ दूसरे विभागों में भी रिश्वत का गंदा खेल खेलने वाले कर्मचारी और अधिकारी भी एसीबी के रडार पर हैं जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है.

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना काल के चलते राजस्थान में भ्रष्टाचार का आंकड़ा काफी कम हुआ है. कोरोना के प्रकोप के चलते तमाम सरकारी विभाग में लॉकडाउन के पहले, दूसरे और तीसरे चरण में कामकाज लगभग बंद पड़ा था जिसके चलते भ्रष्टाचार फैलाने वाले लोगों पर स्वतः ही अंकुश लग गया. वहीं इस दौरान भी कुछ ऐसे लोग थे जिन्हें कोरोना का भी खौफ नहीं था और उन्होंने कोरोना काल में भी भ्रष्टाचार को फैलाने का काम किया जिन्हें एसीबी ने अपने शिकंजे में पकड़ा भी. वहीं अब लॉकडाउन के चौथे चरण में कई तरह की रियायत दी गई हैं और एक बार फिर से तमाम सरकारी विभागों में कामकाज शुरू हो गया है, इसे देखते हुए राजस्थान एसीबी एक बार फिर से एक्टिव मोड पर आ गई है.

राजस्थान में एसीबी फिर एक्टिव हुई
एसीबी एडीजी सौरभ श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि कोरोना काल के चलते सरकारी विभागों में कामकाज बिल्कुल बंद था और 1 माह से अधिक समय तक तो सरकारी कार्यालय भी बंद थे. ऐसे में लोगों का आवागमन और एक दूसरे से मिलना पूरी तरह से प्रतिबंधित था जिसके चलते भ्रष्टाचार के प्रकरण सामने नहीं आए. हालांकि अब जैसे कि तमाम सरकारी विभागों में कामकाज एक बार फिर से शुरू हुआ है तो भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाले लोग भी एक बार फिर से एक्टिव हो चले हैं.

जिसे देखते हुए राजस्थान एसीबी टीम भी अब अलर्ट मोड पर आ गई है. अब भ्रष्टाचार की शिकायत लेकर परिवादी भी एसीबी मुख्यालय पहुंचने लगे हैं. राजस्थान एसीबी की आगामी दिनों में भ्रष्टाचार के खिलाफ फिर से ताबड़तोड़ कार्रवाई देखने को मिल सकती है.

कोरोना काल में ACB की कार्रवाई का ग्राफ:
एसीबी एडीजी सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना काल में राजस्थान में एसीबी की कार्रवाई में काफी कमी देखने को मिली है. यदि बात अप्रैल और मई माह की की जाए तो वर्ष 2020 में अप्रैल और मई माह में अब तक मात्र 4 ट्रेप की कार्रवाई को एसीबी द्वारा अंजाम दिया गया है. यानी कि वर्ष 2020 में, वर्ष 2019 की तुलना में 90 प्रतिशत से भी अधिक कार्रवाई में कमी देखने को मिली है. वहीं यदि वर्ष 2018, 2019 और 2020 में भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी द्वारा की गई कार्रवाई का तुलनात्मक अध्ययन किया जाए तो कार्रवाई के आंकड़े कुछ इस तरह हैं.....

महीना- 2018 2019 2020
जनवरी 10210085
मार्च2729 17
अप्रैल 27 26 01
मई 58 38 03



मार्च महीने में की गई कार्रवाई:
वर्ष 2020 मार्च माह में एसीबी ने सीकर में ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम देते हुए खनिज विभाग के फोरमैन भानु प्रताप को 11 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रेप किया था. इसके साथ ही बांसवाड़ा में दानपुर पुलिस थाने के हेड कांस्टेबल मदन सिंह चौहान को 5 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया गया. इसी तरह से अजमेर में एसीबी टीम ने नगर निगम अजमेर में कार्यरत राजस्व निरीक्षक रेखा जेसवानी को 3 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया. भीलवाड़ा में भी एसीबी ने पटवारी सौमित्र दाधीच को 1 लाख 51 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रेप किया. इसके बाद एसीबी द्वारा नागौर, भरतपुर, टोंक और चूरू में रिश्वत लेने वाले कई रिश्वतखोरों को गिरफ्तार किया गया.

अप्रैल महीने में की गई कार्रवाई:
वर्ष 2020 अप्रैल महीने में एसीबी द्वारा मात्र एक कार्रवाई को अंजाम दिया गया. एसीबी ने झुंझुनू के चिड़ावा थाने की सुल्ताना पुलिस चौकी में तैनात एएसआई मक्खन लाल को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया था.

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मई महीने में की गई कार्रवाई:
वर्ष 2020 मई महीने में एसीबी द्वारा अलवर में जयपुर डिस्कॉम के अधिशासी अभियंता के.एल.सैनी और तकनीकी सहायक बंटी सैनी को 70 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया. इसके साथ ही जयपुर नगर निगम के विद्याधर नगर जोन के हेल्थ इंस्पेक्टर जगदीश को 4 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया.

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अब शुरू होगा भ्रष्टाचार का खेल!
लॉकडाउन 4.0 में विभिन्न रियायत मिलने के साथ ही अब तमाम सरकारी विभागों में एक बार फिर से काम शुरू हो गया है. ऐसे में अब भ्रष्टाचार के प्रकरणों में भी काफी इजाफा होने की संभावना है. जिसे देखते हुए एसीबी की टीम एक बार फिर से अलर्ट मोड़ पर आ गई है. अब जो भी परिवादी एसीबी मुख्यालय में अपनी शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं उनकी शिकायत दर्ज कर सत्यापन कर ट्रैप की कार्रवाई को अंजाम दिया है. इसके साथ दूसरे विभागों में भी रिश्वत का गंदा खेल खेलने वाले कर्मचारी और अधिकारी भी एसीबी के रडार पर हैं जिन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है.

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