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RPSC Exam Bribe Case: ACB एडीजी ने आरपीएससी को दी क्लीन चिट, बोले- जांच में नहीं मिला कोई कनेक्शन

राज्य घुमंतू मंतु जाति कल्याण बोर्ड के पूर्व चेयरमैन गोपाल केसावत समेत चार लोगों को रिश्वत के (ACB Gives Clean chit to RPSC) मामले में गिरफ्तार करने के बाद एसीबी एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने रविवार को मीडिया से बात की. उन्होंने इस मामले में आरपीएससी को क्लीन चीट दी है.

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Published : Jul 16, 2023, 9:47 PM IST

ACB एडीजी ने आरपीएससी को दी क्लीन चिट

जयपुर. आरपीएससी की ओर से आयोजित भर्ती परीक्षा में पास करवाने के नाम पर घुमंतू बोर्ड के पूर्व चेयरमैन समेत चार आरोपियों के ट्रैप के मामले में एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने आरपीएससी को क्लीन चिट दे दी है. एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि इस पूरे मामले में आरपीएससी सदस्य से कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है, न कोई भर्ती प्रक्रिया और न ही किसी मेंबर से कोई कनेक्शन सामने आया है. अब मोबाइल डिटेल्स की जांच की जा रही है.

अभ्यर्थियों से अपील : राजस्थान एसीबी ने शनिवार को घुमंतू बोर्ड के पूर्व चेयरमैन गोपाल केसावत समेत चार आरोपियों को 18.5 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि किसी भी भ्रष्टाचार की शिकायत पर जीरो टॉलरेंस की नीति से काम करने के लिए एसीबी कटिबद्ध है. अभ्यर्थियों से अपील है कि वह किसी भी व्यक्ति के झांसे में नहीं आएं. अगर कोई भी व्यक्ति किसी पद का झांसा देकर ठगी कर रहा है, तो एसीबी में शिकायत करें.

पढ़ें. Rajasthan : 18.5 लाख की रिश्वत लेते राज्य घुमंतू जाति कल्याण बोर्ड के पूर्व चेयरमैन सहित 4 गिरफ्तार, भाजपा ने घेरा, डोटासरा ने दी सफाई

न्यायिक अभिरक्षा में भेजा : उन्होंने कहा कि गोपाल केसावत समेत चार आरोपियों के ट्रैप मामले में आरपीएससी के किसी भी कर्मचारी, अधिकारी और सदस्य का संपर्क होना सामने नहीं आया है. चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से न्यायालय ने आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है. आरोपियों के मोबाइल डाटा और सीडीआर का विश्लेषण किया जा रहा है. आरोपियों की एकाउंट्स की भी जांच की जाएगी. जांच पड़ताल में जो भी चीजें सामने आएंगी, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. जरूरत पड़ने पर आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की जाएगी.

RPSC सदस्य के नाम से मांगी थी रिश्वत : एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी के मुताबिक आरोपियों ने आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा के नाम से रिश्वत मांगी थी. परिवादी ने अपनी रिपोर्ट में यह बात बताई थी. एफआईआर में भी मंजू शर्मा का नाम है, लेकिन दूर-दूर तक मंजू शर्मा का इस मामले से कोई वास्ता नहीं है. एसीबी की जांच पड़ताल में अभी तक आरपीएससी के किसी भी सदस्य अधिकारी और कर्मचारी का कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है. एडीजी ने बताया कि आरपीएससी के किसी भी अधिकारी- कर्मचारी और सदस्य से गोपाल केसावत के जुड़े होने का कोई साक्ष्य सामने नहीं आया है. एसीबी इस पूरे मामले को ठगी का मान रही है.

ये था मामला : बता दें कि राजस्थान एसीबी ने कार्रवाई करते हुए राज्य घुमंतू जाति कल्याण बोर्ड के पूर्व चेयरमैन गोपाल केसावत समेत चार आरोपियों को 18.50 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. आरपीएससी की ओर से आयोजित अधिशासी अधिकारी भर्ती परीक्षा में पास करवाने के नाम पर रिश्वत राशि मांगी गई थी. सीकर और जयपुर में कार्रवाई करते हुए राज्य घुमंतू जाति कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गोपाल केसावत, अनिल कुमार, ब्रह्म प्रकाश और रविंद्र शर्मा को परिवादी से 18.5 लाख रुपए रिश्वत राशि लेते गिरफ्तार किया गया.

ACB एडीजी ने आरपीएससी को दी क्लीन चिट

जयपुर. आरपीएससी की ओर से आयोजित भर्ती परीक्षा में पास करवाने के नाम पर घुमंतू बोर्ड के पूर्व चेयरमैन समेत चार आरोपियों के ट्रैप के मामले में एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने आरपीएससी को क्लीन चिट दे दी है. एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि इस पूरे मामले में आरपीएससी सदस्य से कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है, न कोई भर्ती प्रक्रिया और न ही किसी मेंबर से कोई कनेक्शन सामने आया है. अब मोबाइल डिटेल्स की जांच की जा रही है.

अभ्यर्थियों से अपील : राजस्थान एसीबी ने शनिवार को घुमंतू बोर्ड के पूर्व चेयरमैन गोपाल केसावत समेत चार आरोपियों को 18.5 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था. एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी ने बताया कि किसी भी भ्रष्टाचार की शिकायत पर जीरो टॉलरेंस की नीति से काम करने के लिए एसीबी कटिबद्ध है. अभ्यर्थियों से अपील है कि वह किसी भी व्यक्ति के झांसे में नहीं आएं. अगर कोई भी व्यक्ति किसी पद का झांसा देकर ठगी कर रहा है, तो एसीबी में शिकायत करें.

पढ़ें. Rajasthan : 18.5 लाख की रिश्वत लेते राज्य घुमंतू जाति कल्याण बोर्ड के पूर्व चेयरमैन सहित 4 गिरफ्तार, भाजपा ने घेरा, डोटासरा ने दी सफाई

न्यायिक अभिरक्षा में भेजा : उन्होंने कहा कि गोपाल केसावत समेत चार आरोपियों के ट्रैप मामले में आरपीएससी के किसी भी कर्मचारी, अधिकारी और सदस्य का संपर्क होना सामने नहीं आया है. चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से न्यायालय ने आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया है. आरोपियों के मोबाइल डाटा और सीडीआर का विश्लेषण किया जा रहा है. आरोपियों की एकाउंट्स की भी जांच की जाएगी. जांच पड़ताल में जो भी चीजें सामने आएंगी, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी. जरूरत पड़ने पर आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ भी की जाएगी.

RPSC सदस्य के नाम से मांगी थी रिश्वत : एसीबी के एडीजी हेमंत प्रियदर्शी के मुताबिक आरोपियों ने आरपीएससी सदस्य मंजू शर्मा के नाम से रिश्वत मांगी थी. परिवादी ने अपनी रिपोर्ट में यह बात बताई थी. एफआईआर में भी मंजू शर्मा का नाम है, लेकिन दूर-दूर तक मंजू शर्मा का इस मामले से कोई वास्ता नहीं है. एसीबी की जांच पड़ताल में अभी तक आरपीएससी के किसी भी सदस्य अधिकारी और कर्मचारी का कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है. एडीजी ने बताया कि आरपीएससी के किसी भी अधिकारी- कर्मचारी और सदस्य से गोपाल केसावत के जुड़े होने का कोई साक्ष्य सामने नहीं आया है. एसीबी इस पूरे मामले को ठगी का मान रही है.

ये था मामला : बता दें कि राजस्थान एसीबी ने कार्रवाई करते हुए राज्य घुमंतू जाति कल्याण बोर्ड के पूर्व चेयरमैन गोपाल केसावत समेत चार आरोपियों को 18.50 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था. आरपीएससी की ओर से आयोजित अधिशासी अधिकारी भर्ती परीक्षा में पास करवाने के नाम पर रिश्वत राशि मांगी गई थी. सीकर और जयपुर में कार्रवाई करते हुए राज्य घुमंतू जाति कल्याण बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गोपाल केसावत, अनिल कुमार, ब्रह्म प्रकाश और रविंद्र शर्मा को परिवादी से 18.5 लाख रुपए रिश्वत राशि लेते गिरफ्तार किया गया.

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