जयपुर. एसीबी ने विधायकों की खरीद-फरोख्त से जुड़े ऑडियो टेप के मामले में संजय जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम धारा 12 सपठित धारा 7 के तहत आरोप पत्र पेश किया है. जबकि गजेन्द्र सिंह व अन्य के खिलाफ जांच लंबित रखी गई है.
एसीबी की ओर से बताया गया कि 13 जुलाई, 2020 को संजय जैन के मोबाइल फोन को सर्विलांस पर लिया था. इसी दौरान 15 जुलाई को संजय की दिवंगत एमएलए भंवरलाल शर्मा व केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह से बातचीत हुई थी और इसे रिकॉर्ड किया. बाद में एसीबी ने इसकी जांच सीएफएसएल हैदराबाद-तेलंगाना में करवाई. जांच रिपोर्ट के आधार पर ही संजय जैन सहित अन्य को आरोपी माना गया. वहीं एमएलए भंवरलाल शर्मा का 9 अक्टूबर, 2022 को निधन हो गया और इसके चलते उनके खिलाफ कार्रवाई को ड्राप किया गया है.
एसीबी कोर्ट-1 के जज उपेंद्र शर्मा ने चालान को मंजूर करते हुए मामले में प्रसंज्ञान बहस के लिए एक मार्च की तारीख तय की है. इस मामले में एसीबी ने संजय जैन व केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह के वॉइस सैंपल लेने के लिए निचली कोर्ट में अर्जी दायर की थी, लेकिन निचली कोर्ट ने एसीबी की अर्जी को खारिज कर दिया था. इस आदेश को एसीबी ने डीजे कोर्ट में चुनौती दे रखी है.
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यह है मामला: विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने 17 जुलाई, 2020 को एसओजी में एफआईआर दर्ज करवाई थी. जिसमें कहा कि 16 जुलाई को सोशल मीडिया पर ऑडियो वायरल हुए, जिसमें चुनी हुई सरकार को अस्थिर करने के लिए एमएलए की खरीद-फरोख्त की बात कही जा रही है. एसओजी ने इसे राजद्रोह होना बताया. वहीं एसओजी ने संजय जैन, अशोक सिंह चौहान एवं भरत कुमार मलानी को गिरफ्तार किया.
हालांकि एसओजी ने 4 अगस्त को कोर्ट में कहा कि यह राजद्रोह का अपराध नहीं बनता है और इसे एसीबी में भेजा जाए. इसके बाद एसओजी ने मामले में एफआर पेश कर दी. दूसरी ओर एसीबी ने इस मामले में अलग से एफआईआर दर्ज की. एसीबी ने कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट लेकर 6 अगस्त, 2020 को संजय जैन को पुन: गिरफ्तार किया था.