जयपुर. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) का राष्ट्रीय अधिवेशन तीन दिन 25 से 27 नवंबर तक जयपुर में (National Convention of ABVP in Jaipur) रहेगा. करीब 18 साल बाद राजस्थान में होने वाले इस राष्ट्रीय अधिवेशन में शिक्षा, रोजगार, फीस वृद्धि, करियर, संस्कृति और आंतरिक सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर मंथन किया जाएगा. वहीं पीएफआई पर बैन के बाद उठाए जाने वाले कदमों पर भी चर्चा की जाएगी.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 68वां राष्ट्रीय अधिवेशन, जयपुर इंजीनियरिंग कॉलेज एवं रिसर्च सेंटर यूनिवर्सिटी में होगा. विश्वविद्यालय परिसर को महाराणा प्रताप नगर नाम दिया गया है. इसमें विशाल सभागार का निर्माण किया गया है, जिसका नाम गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर रखा गया है. यहां आदिवासी महापुरुष गोविंद गुरु के नाम पर प्रदर्शनी लगाई जाएगी. वहीं ध्वज मंडप पर चित्तौड़गढ़ किले की आकृति बनाई गई है. इसके अलावा राजधानी की झलक दिखाता हुआ हवामहल भी आकर्षण का केंद्र रहेगा.
पढ़ें: 18 साल बाद जयपुर में होगा एबीवीपी का 68वां राष्ट्रीय अधिवेशन, बाबा रामदेव होंगे शामिल
अधिवेशन में महत्वपूर्ण कार्यक्रम:
- 23 नवंबर को एबीवीपी केन्द्रीय कार्यसमिति बैठक हुई.
- कार्यकम स्थल पर प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें एबीवीपी की अब तक की यात्रा को प्रदर्शित किया जाएगा. 24 नवंबर को शाम 5 बजे प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जाएगा. एबीवीपी की छात्रा कार्य प्रमुख मनु शर्मा कटारिया का भाषण होगा.
- राष्ट्रीय अधिवेशन का 25 नवंबर को उद्घाटन सत्र रहेगा, जिसके मुख्य अतिथि बाबा रामदेव होंगे. वहीं संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजशरण शाही की विशेष उपस्थिति रहेगी.
- इससे पहले 25 नवंबर को सुबह 11:30 बजे स्वालम्बी भारत और युवाओं की भूमिका पर भाषण होगा. एबीवीपी के राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री प्रफुल्ल अकांत मुख्य वक्ता रहेंगे.
- अधिवेशन के दूसरे दिन, शनिवार 26 नवंबर दोपहर 3:30 बजे शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें राष्ट्रीय अधिवेशन में देश भर से आए विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता अपने राज्यों के पारंपरिक परिधानों में सुसज्जित होकर शामिल होंगे.
- इसके बाद अल्बर्ट हॉल में खुला अधिवेशन होगा, जिसमें 'आत्मनिर्भर और स्वावलंबी भारत' विषय पर छात्र नेताओं के भाषण होंगे.
- अधिवेशन के अंतिम दिन 27 नवंबर को यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार समारोह रहेगा. हर साल ये पुरस्कार एक युवा व्यक्ति को समाज जीवन में सराहनीय सेवा कार्य के लिए दिया जाता है. समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान होंगे.
- इस वर्ष का यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा जिले के समाजसेवी नंद कुमार पालवे को निराश्रितों और मानसिक रूप से दिव्यांगो को पोषण, स्वास्थ्य और स्नेह देकर उनका सम्मानजनक पुनर्वास करने के लिए दिया जा रहा है. पुरस्कार में प्रोत्साहन राशि के रूप में 1 लाख रुपए और प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा.
अधिवेशन में ये प्रस्ताव होंगे पारित:
एबीवीपी की राष्ट्रीय मंत्री निधि त्रिपाठी ने बताया कि अधिवेशन में छात्राें और युवाओं के सर्वांगीण विकास पर मंथन किया जाएगा. इसके लिए पांच महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए जाएंगे.
- प्रस्ताव - 1 : शैक्षणिक संस्थान राष्ट्रीय शिक्षा नीति के नाम पर शुल्क वृद्धि करते हैं. ऐसे प्रस्ताव ला रहे हैं कि केंद्र और राज्य सरकारें बजट में एनईपी के लिए धनराशि का प्रावधान करें.
- प्रस्ताव - 2 : नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओं, भारतीय ज्ञान, परम्परा की बात की गई है. 11 दिसंबर को राष्ट्रीय कवि सुब्रमण्यम भारती के जन्मदिन को भारतीय भाषा दिवस घोषित किया गया है. इसका सेलिब्रेशन कैसे किया जा सकता है जिससे ज्यादा से ज्यादा युवा भागीदारी हो पर प्रस्ताव पारित किया जाएगा.
- प्रस्ताव - 3 : राज्य पब्लिक सर्विस कमीशन, नेशनल टेस्ट एजेंसी या यूजीसी नेट की परीक्षाएं वर्ष में दो बार कराई जाती थी, लेकिन अब एक साल में कराई जा रही है. चिरनिद्रा में सोए प्रशासन को जगाने के लिए प्रस्ताव पारित किया जाएगा. छात्रों का प्रवेश, परीक्षा, परिणाम समय पर किया जाए जिससे स्टूडेंट का करियर का खराब नहीं हो.
- प्रस्ताव - 4 : आंतरिक सुरक्षा के लिए पीएफआई पर बैन का स्वागत किया जाएगा. केंद्र सरकार के निर्णय का स्वागत किया. बैन के बाद क्या प्रीकोशन बरतने चाहिए.
- प्रस्ताव - 5 : भावी भारत के संदर्भ जी 20 प्लेटफॉर्म का सदुपयोग भारतीय मान्यताओं, मूल्यों और संस्कृति का वैश्विक उपयोग कैसे किया जाए पर मंथन किया जाएगा.
लघु भारत और राजस्थानी संस्कृति के होंगे दर्शन: एबीवीपी के 68वें राष्ट्रीय अधिवेशन मे लघु भारत के दर्शन होंगे. इसमें देश के सभी प्रदेशों से छात्र, शिक्षक तथा शिक्षाविद शामिल होंगे. इनमें पूर्वोत्तर के नागालैंड, जम्मू कश्मीर के श्रीनगर और लद्दाख राज्य के कार्यकर्ता भी अपने पारंपरिक परिधानों में उपस्थित होंगे. निधि त्रिपाठी ने बताया कि भारत को एकात्मकता सूत्र में बांधने के लिए अंतरराज्यीय छात्र जीवन दर्शन के आधार पर शील यात्रा आयोजित की जाती है. पूर्वोत्तर राज्यों में छात्र जाकर 15 दिन उनके परिवार में रहकर जीवन जीते हैं. वहीं पूर्वोत्तर के छात्रों को अन्य राज्यों में लेकर आते हैं ताकि आपसी भेदभाव खत्म हो सके.
5 से 20 नवम्बर तक पूर्वात्तर राज्यों में गए 75 विद्यार्थी जयपुर आ रहे हैं. वहीं अधिवेशन स्थल पर राजस्थानी संस्कृति की छटा भी करते हुए चित्तौड़ का किला, हवामहल, पारंपरिक झोपड़ियों जैसी कलाकृति भी देखने को मिलेगी. त्रिपाठी ने कहा कि देश में लव जेहाद पर रोक लगानी चाहिए. राज्य सरकारें अपने यहां इसको लेकर कानून बनाएं ताकि बेटियां बलि नहीं चढ़े. एबीवीपी के अधिवेश में इसको लेकर चर्चा होगी, लेकिन प्रस्ताव में शामिल नहीं किया गया है.