जयपुर. प्रदेश के 4 लाख शिक्षकों में से 25 फीसदी शिक्षकों की ड्यूटी फिलहाल विधानसभा चुनाव में लगी हुई है, जिसका खामियाजा स्कूली छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. ऐसे में आगामी नई सरकार के सामने गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त करने को लेकर महा अभियान चलाने का शिक्षकों ने फैसला लिया है. शिक्षकों ने तय किया है कि नई राज्य सरकार से पहले सत्र में ही ट्रांसफर पॉलिसी बनाकर शिक्षकों के ट्रांसफर करने और शिक्षकों की लंबित पदोन्नति की समस्या को दूर करने की मांग भी पूरी कराई जाएगी. इसके लिए जरूरत पड़ी तो आंदोलन भी किया जाएगा.
राजधानी के दहलावास में हुए शैक्षिक सम्मेलन में शिक्षकों ने एक स्वर में गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को मुक्त करने को लेकर आवाज बुलंद की है. इस संबंध में कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि शिक्षक संगठन ने फैसला लिया है कि आगामी सत्र में शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखने के लिए एक महा अभियान चलाया जाएगा. गैर शैक्षणिक कार्यों की वजह से छात्रों की पढ़ाई बाधित होती है, जो समय छात्रों को मिलना चाहिए वो उन्हें नहीं मिल पाता. इसके साथ ही शिक्षकों की अटकी हुई पदोन्नति, तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले और ट्रांसफर पॉलिसी पर भी चर्चा की गई.
सरकार नहीं मानी तो करेंगे आंदोलन : उन्होंने बताया कि फिलहाल आचार संहिता लगी हुई है. आगामी सत्र में जब नई सरकार आएगी, तो सभी शिक्षक एकजुट होकर महा अभियान संचालित करेंगे. सरकार नहीं मानेगी तो संघर्ष का रास्ता भी अपनाया जाएगा. उन्होंने अपनी मांगों को स्पष्ट करते हुए कहा कि शिक्षकों की पदोन्नति भी की जाए. तृतीय श्रेणी शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी बनाकर ट्रांसफर किए जाएं और सबसे प्रमुख शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखा जाए.