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व्यंजन द्वादशी: देवस्थान विभाग मंदिरों में ठाकुर जी को लगाएगा छप्पन भोग, गोविंद देव मंदिर में विशेष झांकी - 56 bhog by Devasthan Vibhag on Vyanjan Dwadashi

राजस्थान का देवस्थान विभाग व्यंजन द्वादशी पर प्रदेश के 5 मंदिरों में छप्पन भोग की झांकी (56 bhog by Devasthan Vibhag on Vyanjan Dwadashi) लगाएगा. इस मौके पर जयपुर के गोविंद देव मंदिर में भी विशेष झांकी सजाई जाएगी. मौसम के बदलाव के अनुसार ठाकुर जी को विशेष पोशाक भी धारण करवाई जाएगी.

56 bhog by Devasthan Vibhag on Vyanjan Dwadashi in 5 temples
व्यंजन द्वादशी: देवस्थान विभाग मंदिरों में ठाकुर जी को लगाएगा छप्पन भोग, गोविंद देव मंदिर में विशेष झांकी
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Published : Dec 3, 2022, 6:36 PM IST

जयपुर. तिथि के फेर के चलते श्रद्धालु मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की मौनी एकादशी और व्यंजन द्वादशी 4 दिसंबर को एक साथ मनाएंगे. हालांकि इस बार एकादशी 3 और 4 दिसंबर को जबकि द्वादशी 4 और 5 दिसंबर को मनाई जा रही है. व्यंजन द्वादशी की अगर बात करें तो इस दिन मंदिरों में ठाकुरजी को विभिन्न प्रकार के शारदीय व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. खास बात यह है कि इस बार देवस्थान विभाग की ओर से प्रदेश के 5 मंदिरों में व्यंजन द्वादशी के उपलक्ष में छप्पन भोग की झांकी सजाई (56 bhog by Devasthan Vibhag on Vyanjan Dwadashi) जाएगी. जयपुर के गोविंद देव मंदिर में भी विशेष झांकी का आयोजन होगा.

देवस्थान विभाग की ओर से प्रदेश के पांच मंदिरों में व्यंजन द्वादशी के उपलक्ष्य में 56 भाेग का आयाेजन किया जाएगा. ठाकुरजी को विभिन्न प्रकार के शारदीय व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. देवस्थान विभाग ने जयपुर के चांदनी चौक स्थित ब्रजनिधि मंदिर, जोधपुर स्थित रसिक बिहारी मंदिर नैयनी बाई, अलवर स्थित मथुराधीश मंदिर, उदयपुर स्थित जगदीश चौक जगदीश मंदिर और भरतपुर स्थित बिहारीजी मंदिर किला में उत्सव मनाना तय किया है. इसके लिए विशेष बजट जारी किया गया है.

पढ़ें: Mohini Ekadashi 2022: मोहिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की ऐसे करें आराधना, जानें इस दिन का महत्व और शुभ मुहूर्त

भोग में ये व्यंजन शामिल, बदलेगा पहनावा: ठाकुरजी को कच्चे भोग में खिचड़ी, महेरी, कढ़ी, बाजरा, मूंग, मोगर, भात, फुलका, खीर, हलवा, गजक आदि गर्म तासीर के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. इसके अलावा दूध, हलवा, तिल बर्फी, तिल पट्टी, मूंगफली, गजक, रेवड़ी, गोंद के लड्डू आदि का भाेग लगाने की परंपरा है. वहीं मंदिरों में ठाकुर जी को व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. इसके साथ ही मंदिरों में ठाकुर जी के पहनावे भी बदलाव होगा. गर्भगृह में हीटर और अंगीठी लगाई जाएगी. ठाकुरजी को गर्म पोशाक में मफलर, जुराब और दस्ताने धारण करवाये जाएंगे.

पढ़ें: Vyanjan Dwadashi in Govind Dev mandir: व्यंजन द्वादशी पर गोविंददेवजी को जिमाए 56 भोग

वहीं राजधानी के आराध्य गोविंद देव मंदिर में व्यंजन द्वादशी पर विशेष झांकी सजाई जाएगी. ठाकुर जी को मफलर, जुराब, दस्ताने धारण कराने शुरू हो जाएंगे. गर्भगृह में अंगीठी सेवा भी शुरू हो जाएगी. ठाकुर जी को कच्चे भोग में बाजरा, मूंग, मोगर, चपाती, खीर, दो तरह की चटनी का भोग लगाया जाएगा. साथ में छप्पन भोग की झांकी सजाई जाएगी. मंदिर प्रबंधन की ओर से ही विभिन्न व्यंजन बनाकर ठाकुर जी को अर्पित किए जाएंगे. दोपहर 12 से 1 बजे तक विशेष झांकी के दर्शन होंगे, इसलिए सुबह राजभोग झांकी के दर्शन नहीं होंगे. बाकी झांकियों का समय यथावत रहेगा.

जयपुर. तिथि के फेर के चलते श्रद्धालु मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की मौनी एकादशी और व्यंजन द्वादशी 4 दिसंबर को एक साथ मनाएंगे. हालांकि इस बार एकादशी 3 और 4 दिसंबर को जबकि द्वादशी 4 और 5 दिसंबर को मनाई जा रही है. व्यंजन द्वादशी की अगर बात करें तो इस दिन मंदिरों में ठाकुरजी को विभिन्न प्रकार के शारदीय व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. खास बात यह है कि इस बार देवस्थान विभाग की ओर से प्रदेश के 5 मंदिरों में व्यंजन द्वादशी के उपलक्ष में छप्पन भोग की झांकी सजाई (56 bhog by Devasthan Vibhag on Vyanjan Dwadashi) जाएगी. जयपुर के गोविंद देव मंदिर में भी विशेष झांकी का आयोजन होगा.

देवस्थान विभाग की ओर से प्रदेश के पांच मंदिरों में व्यंजन द्वादशी के उपलक्ष्य में 56 भाेग का आयाेजन किया जाएगा. ठाकुरजी को विभिन्न प्रकार के शारदीय व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. देवस्थान विभाग ने जयपुर के चांदनी चौक स्थित ब्रजनिधि मंदिर, जोधपुर स्थित रसिक बिहारी मंदिर नैयनी बाई, अलवर स्थित मथुराधीश मंदिर, उदयपुर स्थित जगदीश चौक जगदीश मंदिर और भरतपुर स्थित बिहारीजी मंदिर किला में उत्सव मनाना तय किया है. इसके लिए विशेष बजट जारी किया गया है.

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भोग में ये व्यंजन शामिल, बदलेगा पहनावा: ठाकुरजी को कच्चे भोग में खिचड़ी, महेरी, कढ़ी, बाजरा, मूंग, मोगर, भात, फुलका, खीर, हलवा, गजक आदि गर्म तासीर के व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. इसके अलावा दूध, हलवा, तिल बर्फी, तिल पट्टी, मूंगफली, गजक, रेवड़ी, गोंद के लड्डू आदि का भाेग लगाने की परंपरा है. वहीं मंदिरों में ठाकुर जी को व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. इसके साथ ही मंदिरों में ठाकुर जी के पहनावे भी बदलाव होगा. गर्भगृह में हीटर और अंगीठी लगाई जाएगी. ठाकुरजी को गर्म पोशाक में मफलर, जुराब और दस्ताने धारण करवाये जाएंगे.

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वहीं राजधानी के आराध्य गोविंद देव मंदिर में व्यंजन द्वादशी पर विशेष झांकी सजाई जाएगी. ठाकुर जी को मफलर, जुराब, दस्ताने धारण कराने शुरू हो जाएंगे. गर्भगृह में अंगीठी सेवा भी शुरू हो जाएगी. ठाकुर जी को कच्चे भोग में बाजरा, मूंग, मोगर, चपाती, खीर, दो तरह की चटनी का भोग लगाया जाएगा. साथ में छप्पन भोग की झांकी सजाई जाएगी. मंदिर प्रबंधन की ओर से ही विभिन्न व्यंजन बनाकर ठाकुर जी को अर्पित किए जाएंगे. दोपहर 12 से 1 बजे तक विशेष झांकी के दर्शन होंगे, इसलिए सुबह राजभोग झांकी के दर्शन नहीं होंगे. बाकी झांकियों का समय यथावत रहेगा.

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