जयपुर. राजस्थान में एक तरफ केंद्र एवं राज्य सरकार के अधीन कई विभागों और उपक्रमों के जयपुर, जोधपुर और अजमेर तीनों विद्युत वितरण निगम के 1947.41 करोड़ बकाया हैं, जिन्हें ऊर्जा विभाग अब तक वसूल नहीं कर सका है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट में आम जनता के लिए अप्रैल से 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने की घोषणा की है, लेकिन इस घोषणा के साथ ही अप्रैल महीने से ही विद्युत उपभोक्ताओं को फ्यूल सरचार्ज के तौर पर प्रति यूनिट 31 पैसे बढ़ोतरी का करंट लगने जा रहा है. यह वसूली कोयला खरीद के नाम होगी, जिससे 562 करोड़ रुपए वसूले जाएंगे.
विद्युत निगमों के 1947.41 करोड़ बकायाः आपको बता दें कि राजस्थान में तीनों डिस्कॉम के 1947.41 करोड़ रुपए सरकारी विभागों पर बकाया चल रहे हैं. इनमें से सर्वाधिक 104.65 करोड़ रुपए जयपुर डिस्कॉम, 621.90 करोड़ जोधपुर डिस्कॉम और 320.86 करोड़ रुपए अजमेर डिस्कॉम पर सरकारी विभागों के बकाया हैं. हालात यह हैं कि यह बकाया नहीं देने के चलते अब प्रदेश में 15 जून, 2022 से आईएफएमएस (इंटीग्रेटेड फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम) राज पे मैनेजर से बिलिंग सिस्टम का यूपीआई एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस के तहत विद्युत बिल संबंधित विभागों को आईएफएमएस के माध्यम से जनरेट होते ही ऑनलाइन स्वत ही भुगतान के लिए प्रेषित कर दिए जाते हैं.
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22 जून, 2022 के बाद का बिल तो बकाया नहीं है, लेकिन उससे पहले के बकाया 1947 करोड़ रुपए विभाग अभी वसूल नहीं कर सका है. इस 1947.41 करोड़ रुपए में से 1218.13 करोड़ रुपए सार्वजनिक पथ प्रकाश के विरुद्ध बकाया राशि है. जिसके संबंध में स्वायत्त शासन विभाग राजस्थान सरकार को जारी की जाने वाली अनुदान राशि में से कटौती कर सीधे ही विद्युत वितरण निगमों को भुगतान करने की कार्रवाई करेगा.
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आपको बता दें कि जिन विभागों के बिल बकाया हैं, उनमें यूआईटी, जलदाय विभाग, पुलिस, नगर निगम, जनता जल योजना प्रशासन, पंचायती राज विभाग सहित अन्य विभाग हैं. अब सरकारी महकमों में 1 लाख 42000 दफ्तरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है, ताकि प्रीपेड मीटर के जरिए पहले भुगतान हो और उसके बाद आगे की बिजली विभागों को मिले. अगर भुगतान नहीं होगा, तो अब विभागों की बिजली काटने में भी देर नहीं होगी.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट में किसानों के लिए तो मुफ्त बिजली जारी रखी ही है, आम उपभोक्ता के लिए भी 50 यूनिट से बढ़ाकर 100 यूनिट तक बिजली मुफ्त कर दी है. अप्रैल महीने से आम उपभोक्ता को यह फायदा मिलने भी लगेगा, लेकिन इसी अप्रैल महीने से आम उपभोक्ता को 31 पैसे प्रति यूनिट के तौर पर फ्यूल सरचार्ज का बोझ भी झेलना पड़ेगा. महंगे कोयले का हवाला देकर लगाए जा रहे 31 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज के जरिए जनता से 562 करोड़ वसूले जाएंगे. हालात यह है कि 2018 से तुलना की जाए, तो आज प्रत्येक उपभोक्ता पर बिजली के बिल में 125 से 175 रुपए तक बढ़ोतरी हो चुकी है.