जयपुर. अबकी बजट सत्र के दौरान राजस्थान विधानसभा में मंत्रियों की गलत बयानी खासा सुर्खियों में रही है. बीते 24 जनवरी को सांगानेर से भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने राज्य की गहलोत सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने स्कूलों में महिला टॉयलेट नहीं होने की बात कही थी. साथ ही इस मुद्दे को लेकर उन्होंने राज्य सरकार पर कई आरोप लगाए थे. वहीं भाजपा विधायक के आरोपों को मंत्री बीड़ी कल्ला ने निराधार करार देते हुए उनके खिलाफ सदन में प्रिविलेज मोशन लाने की बात कही थी.
हालांकि, अब भाजपा विधायक के आरोप आंशिक रूप से सही साबित हुए हैं. इधर, अंजली विधायक बाबूलाल नागर के एक सवाल के जवाब में सरकार की ओर से बताया गया कि राज्य के खुद के भवनों में संचालित हो रहे 64939 राजकीय विद्यालयों में से 64700 विद्यालयों में बालिका व महिलाओं के लिए शौचालय की सुविधा है.जिसका मतलब साफ है कि राजस्थान में 239 राजकीय विद्यालय ऐसे हैं, जहां बालिका व महिला स्टाफों के लिए अलग से टॉयलेट की व्यवस्था नहीं है.
लाहोटी ओर कल्ला के बीच हुई थी बहस- दरअसल, राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस में भाग लेते हुए भाजपा विधायक अशोक लाहोटी ने कहा था कि स्कूलों में महिलाओं के लिए टॉयलेट नहीं है, बिजली नहीं है और जो अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोले गए हैं उनमें टीचर नहीं है. इसके लिए लाहोटी ने विधानसभा में शपथ पत्र देने का भी दावा करते हुए कहा था कि अगर मैं गलत कह रहा हूं तो शपथ पत्र देने को तैयार हूं.
इस पर मंत्री बीडी कल्ला ने विधानसभा में खड़े होकर यह कहा था की राजस्थान की एक या दो स्कूलों के नाम बता दो, जहां बिजली कनेक्शन नहीं है या कौन सी ऐसी स्कूल है जहां महिलाओं का टॉयलेट नहीं है. कल्ला ने कहा कि मैं सदन का पुराना अनुभव रखता हूं और कभी गलत तथ्य सदन में नहीं रखता. लेकिन अगर सदन में कोई भी गलत बात बोलेगा तो उसके खिलाफ प्रिविलेज मोशन आ सकता है. चाहे वह गलत बयान बाजी मैं करूं या फिर कोई और.
लेकिन अब विधानसभा में आए जवाब से यह साफ है कि राजस्थान में महिला टॉयलेट जिन स्कूलों में नहीं है वह एक या दो नहीं है बल्कि पूरे 239 हैं. यह जवाब किसी और ने नहीं खुद मंत्री बीडी कल्ला के विभाग की ओर से विधानसभा में लगाए गए सवाल के जवाब में दिया गया है.