जयपुर. 16वीं विधानसभा के पहले सत्र में सदन के अंदर और बाहर कई रंग देखने को मिले. जिनमें राजस्थान के विभिन्न अंचल की संस्कृति भी बिखरी. तो वहीं बीजेपी के कई विधायक भगवा वस्त्र और साफा धारण कर सदन में पहुंचे. कुछ ने पचरंगा सफा भी धारण किया. तो वहीं हवा महल विधायक बजरंगबली की गदा और श्रीफल के साथ विधानसभा पहुंचे. हालांकि उन्हें गदा अंदर नहीं ले जाने दी गई. जबकि श्रीफल को विधानसभा की सीढ़िया पर फोड़कर उन्होंने सदन में प्रवेश किया.
राजस्थान विधानसभा में पहुंचने वाले माननीयों ने बुधवार को शपथ ग्रहण की. इस दौरान कुछ विधायकों ने सदन में अपनी स्थानीय संस्कृति और पहनावे का परिचय भी दिया. राजस्थान में तीसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी भारत आदिवासी पार्टी से चुने गए विधायक राजकुमार रोत, उमेश मीणा और थावरचंद अपने स्थानीय परिधान धारण कर सदन में पहुंचे. राजकुमार रोत ने बताया कि भारत देश एक महान देश के रूप में जाना जाता है और इसका एक कारण यहां की विविधता में एकता है. वो खुद आदिवासी समाज से आते हैं. उनका क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है. वो चाहते हैं कि आदिवासी कल्चर को राजस्थान की जनता जाने और देश जाने. भारत आदिवासी पार्टी का जो उद्देश्य है कि वो अपने कल्चर को बचाए रखें और अधिकारों के लिए लड़ें. इसी के लिए आज यहां पहुंचे हैं.
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वहीं विधायक थावरचंद ने बताया कि उनके क्षेत्र में स्कूल कॉलेज की भी समस्या है. जिसकी वजह से छात्रों को पलायन करना पड़ता है. इस पर आज तक किसी ने धरातल पर नहीं रखा उनके क्षेत्र में बीजेपी कांग्रेस एक हो गई, लेकिन क्षेत्रीय जनता ने उन्हें चुनकर भेजा. उन्होंने बताया कि उनका पहनावा उनकी संस्कृति का हिस्सा है. पुरखों की व्यवस्था है और वो इस संस्कृति को जीवित रखना चाहते हैं. गमछा रूपी ताज, धोती-कुर्ता उनकी संस्कृति का हिस्सा है.
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वहीं बयाना विधायक रितु बनावत गुर्जर समाज की संस्कृति की पहचान लुंगड़ी पहनकर सदन पहुंची. जबकि बीजेपी के कई विधायक अलग-अलग रूप में भगवा धारण कर सदन में पहुंचे. किसी ने भगवा रंग का दुपट्टा पहना, तो किसी ने भगवा रंग का साफा पहना. वहीं बीजेपी से सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा भगवा रंग का कोट पहन कर सदन में पहुंचे. इससे पहले उन्होंने कहा कि भगवा रंग देश के विकास का प्रतीक है और उसी तरफ आगे बढ़ेंगे और उनकी प्राथमिकता भी राजस्थान के विकास की है.