जयपुर. शहरी सरकार कि ओर से राज्य सरकार के निर्देशों के विपरीत सफाई कर्मियों की बंदरबांट चलाई जा रही है. स्वायत्त शासन विभाग के निर्देश हैं कि सफाई कर्मी के रूप में भर्ती कार्मिकों से सिर्फ सफाई का काम ही कराया जाए लेकिन निगम अधिकारियों को सरकार के इन आदेशों की परवाह ही नहीं है. यही वजह है कि करीब 1200 सफाई कर्मियों को दूसरे काम में लगा रखा है.
नगर निगम प्रशासन राज्य सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखा रहा है. सफाई कर्मचारियों को सप्लाई ठेका कैंसिल होने के बहाने दूसरे काम में लगा दिया गया है. करीब 9 महीने पहले 4600 से ज्यादा सफाई कर्मियों की भर्ती की गई थी. इनमें से तकरीबन 1200 सफाई कर्मचारियों को निगम के दूसरे कामों में लगा रखा है...
- 80 कार्मिकों को गैराज शाखा में.
- 32 कार्मिकों को होल्डिंग शाखा में.
- 91 कर्मचारी हूपर मोनिटरिंग में.
- 865 कर्मचारी सड़क कचरा डिपो मोनिटरिंग में.
- 36 कर्मचारी ट्रांसपोर्टेशन में.
- 40 कर्मचारी सतर्कता शाखा में.
- करीब 100 सफाई कर्मी अफसरों के घर में.
इनमें से अधिकांश सफाई कर्मी ऐसे हैं जो सामान्य, एसटी, ओबीसी या विशेष ओबीसी से हैं. पहले भी निगम प्रशासन की ओर से मलेरिया और फायर शाखा में सफाई कर्मियों को लगाया जा चुका है. नगर निगम में सफाई कर्मियों को कार्यालय में लंबे समय से लगा रखा है. निगम में करीब 30 से ज्यादा पुराने सफाई कर्मी बुधवार तक कार्यालय में काम कर रहे हैं. जबकि स्वायत्त शासन विभाग ने इन कर्मचारियों को उनके मूल काम सफाई में लगाने के सख्त निर्देश जारी कर रखे हैं. ऐसे में साफतौर पर स्वायत्त शासन विभाग के आदेशों की निगम की ओर से अवहेलना की जा रही है.