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हनुमानगढ़ में सरकार की नीतियों को लेकर मजदूरों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव

भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले गुरुवार को सैकड़ों मजदूरों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलेक्ट्रेट पर हल्ला बोला. उन्होंने सरकार पर मजदूर विरोधी नीति का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार हर क्षेत्र में निजी करण चाहती है. जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी और मजदूर यह बर्दाश्त नहीं करेंगे.

labor movement in Hanumangarh, हनुमानगढ़ न्यूज
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Published : Nov 7, 2019, 6:21 PM IST

हनुमानगढ़. भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले जिले भर के मजदूरों ने जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किया और सरकार विरोधी नारे लगाए. इस दौरान मजदूरों ने कहा कि सरकार हर विभाग को निजी हाथों में सौंपना चाहती है. जिस तरह से रेलवे को निजीकरण किया जा रहा है और साथ ही जो दूसरे अन्य विभाग हैं, उनके भी निजीकरण की तैयारी की जा रही है. मजदूर बेरोजगार हो रहा है, उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है.

सरकार की नीतियों को लेकर मजदूरों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव

साथ ही यह भी कहा कि जिस तरह से बेरोजगारी बढ़ रही है, उससे साफ है कि सरकार की नीतियां आमजन और मजदूरों के लिए ठीक नहीं हैं. उन्होंने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने जो यह टोल टैक्स वापस शुरू किया है, यह उनके लिए ताबूत में आखिरी कील साबित होने वाला है. क्योंकि जहां एक तरफ लोग महंगाई से जूझ रहे हैं, वहीं सरकार द्वारा इस तरह के टैक्स लगाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है. इसके लिए वे आंदोलन करेंगे. अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो वे उग्र आंदोलन को भी मजबूर हो सकते हैं.

पढ़ें- जयपुर में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने किया 'जनता क्लीनिक' का शिलान्यास

ज्ञापन सौंपने के बाद मजदूरों ने एकजुट होकर कहा कि अगर उनकी मांगें जल्द ही नहीं मानी जाती हैं, तो सरकार एक बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहे. क्योंकि वे कई बार ज्ञापन के माध्यम से सरकार को चेतावनी दे चुके हैं. लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है.

हनुमानगढ़. भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले जिले भर के मजदूरों ने जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किया और सरकार विरोधी नारे लगाए. इस दौरान मजदूरों ने कहा कि सरकार हर विभाग को निजी हाथों में सौंपना चाहती है. जिस तरह से रेलवे को निजीकरण किया जा रहा है और साथ ही जो दूसरे अन्य विभाग हैं, उनके भी निजीकरण की तैयारी की जा रही है. मजदूर बेरोजगार हो रहा है, उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है.

सरकार की नीतियों को लेकर मजदूरों ने किया कलेक्ट्रेट का घेराव

साथ ही यह भी कहा कि जिस तरह से बेरोजगारी बढ़ रही है, उससे साफ है कि सरकार की नीतियां आमजन और मजदूरों के लिए ठीक नहीं हैं. उन्होंने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने जो यह टोल टैक्स वापस शुरू किया है, यह उनके लिए ताबूत में आखिरी कील साबित होने वाला है. क्योंकि जहां एक तरफ लोग महंगाई से जूझ रहे हैं, वहीं सरकार द्वारा इस तरह के टैक्स लगाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है. इसके लिए वे आंदोलन करेंगे. अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं, तो वे उग्र आंदोलन को भी मजबूर हो सकते हैं.

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ज्ञापन सौंपने के बाद मजदूरों ने एकजुट होकर कहा कि अगर उनकी मांगें जल्द ही नहीं मानी जाती हैं, तो सरकार एक बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहे. क्योंकि वे कई बार ज्ञापन के माध्यम से सरकार को चेतावनी दे चुके हैं. लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है.

Intro:भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले आज सैकड़ों मजदूरों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलेक्ट्रेट पर हल्ला बोला उन्होंने सरकार पर मजदूर विरोधी नीति का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार हर क्षेत्र में निजी करण चाहती है जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी और वे यह बर्दाश्त नहीं करेंगे

Body:भारतीय मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले आज जिले भर के मजदूरों ने जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किया और सरकार विरोधी नारे लगाए उन्होंने कहा कि सरकार हर विभाग को निजी हाथों में सौंपना चाहती है जिस तरह से रेलवे को निजीकरण किया जा रहा है और साथ ही जो दूसरे अन्य विभाग है उनको भी निजी करण की तैयारी की जा रही है मजदूर बेरोजगार हो रहा है उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है साथ ही जिस तरह से बेरोजगारी बढ़ रही है उसे साफ है कि सरकार की नीतियां आमजन और मजदूरों के लिए ठीक नहीं है गहलोत सरकार पर उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि गहलोत सरकार ने जो यह टोल टैक्स वापस शुरू किया है यह उनके लिए ताबूत में आखिरी कील होने वाला है क्योंकि जहां एक और लोग महंगाई से जूझ रहे हैं वहीं सरकार द्वारा इस तरह के टैक्स लगाकर उन्हें परेशान किया जा रहा है इसके लिए वे आंदोलन करेंगे अगर मांगे नहीं मानी गई तो वे उग्र आंदोलन को भी मजबूर हो सकते हैं
बाईट विनोद कुमार,मजदूर नेता
Conclusion:ज्ञापन सौंपने के बाद मजदूरों ने एकजुट होकर कहा कि अगर उनकी मांगें जल्द ही नहीं मानी जाती है तो सरकार एक बड़े आंदोलन के लिए तैयार हैं क्योंकि वे कई बार ज्ञापन के माध्यम से सरकार को चेतावनी के हैं लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है
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