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हनुमानगढ़ में कोरोना से तीन लोगों की मौत - कोरोना वायरस न्यूज

हनुमानगढ़ में कारोना से दो युवकों और एक युवती की मौत का मामला सामने आया है, जिसमे पीलीबंगा निवासी एक युवक का इलाज राजधानी जयपुर के एक अस्पताल में चल रहा था. वहीं मक्कासर गांव की युवती हनुमानगढ़ जिला अस्पताल में उपचाराधीन थी.

Hanumangarh news, died from corona
हनुमानगढ़ में कोरोना से तीन लोगों की मौत
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Published : Oct 12, 2020, 4:44 AM IST

हनुमानगढ़. जिले में कारोना से दो युवकों और एक युवती की मौत का मामला सामने आया है, जिसमे पीलीबंगा निवासी एक युवक का इलाज राजधानी जयपुर के एक अस्पताल में चल रहा था. वहीं मक्कासर गांव की युवती हनुमानगढ़ जिला अस्पताल में उपचाराधीन थी. पीलीबंगा के वार्ड 3 के निवासी एक युवक को करीब एक माह पूर्व कारोना हुआ था. जैसे ही परिजनों को युवक के कारोना पॉजिटिव होने की खबर लगी, तो परिजन युवक को हनुमानगढ़ के निजी अस्पताल में ले गए, लेकिन हालात गंभीर होने की वजह से परिजन इलाज के लिए युवक को जयपुर ले गए. वहां जयपुर में लगातार चार बार रिपोर्ट पॉजिटिव आई, लेकिन पांचवी बार रिपोर्ट नेगटिव आ गई थी, लेकिन स्वास्थ में सुधार नहीं हुआ.

लम्बे समय से कारोना ग्रसित रहने की वजह से रोगी के अग्नाशय और लिवर पर कुप्रभाव पड़ा, जिसकी वजह से इस युवक सहित एक अन्य की मौत हो गई. वहीं हनुमानगढ़ के मक्कासर के नजदीकी गांव मक्कासर में 23 वर्षीया युवती की भी जिला अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई. युवती डायबिटीज की पेशंट थी, जिस वजह से युवती को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वहां चिकित्सकों ने युवती की कोरोना जांच करवाई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. इस मामले में जिला अस्पताल की लापरवाही और शिथिलता सामने आई है. जिला अस्पताल में स्थापित हेल्प डेस्क और प्रशासन की लेटलतीफी के चलते मृतक युवती के परिजनों को 5 घण्टे तक एम्बुलेंस का इंतजार करना पड़ा.

अस्पताल प्रशासन 5 घण्टे तक कागजी कार्रवाई और एम्बुलेंस की व्यवस्था तक नहीं कर पाया. नतीजन युवती का दाह संस्कार शाम सवा सात बजे कोविड-19 की गाइड लाइन अनुसार करवाया गया. बता दें कि जिले में पहला ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें इतनी कम उम्र (23 वर्ष) में कोरोना रोगी की मौत हुई है. वहीं हनुमानगढ़ स्वास्थ्य विभाग की बात करे तो कोरोना महामारी को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है और विभाग सिर्फ आंकड़ों का खेल-खेलकर कारोना का ग्राफ घटाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन धरातल पर कुछ खास नहीं हो रहा है. इतना ही नहीं पिछले 12 दिनों से स्वास्थ्य विभाग कोविड को लेकर सही बुलिटेन तक जारी नहीं कर रहा है.

यह भी पढ़ें- Corona Update: प्रदेश में 2144 नए मामले आए सामने, 14 मौत...कुल आंकड़ा 1,59,052

कारोना से हुई मौतों की भी विभाग ने जानकारी देनी बन्द कर दी है. हलांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो आंकड़े छुपाए जा रहे हैं, इस बारे में जब हनुमानगढ़ दौरे पर आए ऊर्जा और जिला प्रभारी मंत्री बीडी कल्ला से पूछा गया कि क्या सरकार की तरफ से स्वास्थ्य विभाग को कोई ऐसे आदेश-निर्देश दिए गए हैं, जिनमें मीडिया को कोरोना के सही आंकड़े नहीं देने की बात कही गई हो, तो उन्होंने साफ रूप से इंकार कर दिया. इस मामले में जांच की बात कही थी.

हनुमानगढ़. जिले में कारोना से दो युवकों और एक युवती की मौत का मामला सामने आया है, जिसमे पीलीबंगा निवासी एक युवक का इलाज राजधानी जयपुर के एक अस्पताल में चल रहा था. वहीं मक्कासर गांव की युवती हनुमानगढ़ जिला अस्पताल में उपचाराधीन थी. पीलीबंगा के वार्ड 3 के निवासी एक युवक को करीब एक माह पूर्व कारोना हुआ था. जैसे ही परिजनों को युवक के कारोना पॉजिटिव होने की खबर लगी, तो परिजन युवक को हनुमानगढ़ के निजी अस्पताल में ले गए, लेकिन हालात गंभीर होने की वजह से परिजन इलाज के लिए युवक को जयपुर ले गए. वहां जयपुर में लगातार चार बार रिपोर्ट पॉजिटिव आई, लेकिन पांचवी बार रिपोर्ट नेगटिव आ गई थी, लेकिन स्वास्थ में सुधार नहीं हुआ.

लम्बे समय से कारोना ग्रसित रहने की वजह से रोगी के अग्नाशय और लिवर पर कुप्रभाव पड़ा, जिसकी वजह से इस युवक सहित एक अन्य की मौत हो गई. वहीं हनुमानगढ़ के मक्कासर के नजदीकी गांव मक्कासर में 23 वर्षीया युवती की भी जिला अस्पताल में कोरोना से मौत हो गई. युवती डायबिटीज की पेशंट थी, जिस वजह से युवती को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. वहां चिकित्सकों ने युवती की कोरोना जांच करवाई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. इस मामले में जिला अस्पताल की लापरवाही और शिथिलता सामने आई है. जिला अस्पताल में स्थापित हेल्प डेस्क और प्रशासन की लेटलतीफी के चलते मृतक युवती के परिजनों को 5 घण्टे तक एम्बुलेंस का इंतजार करना पड़ा.

अस्पताल प्रशासन 5 घण्टे तक कागजी कार्रवाई और एम्बुलेंस की व्यवस्था तक नहीं कर पाया. नतीजन युवती का दाह संस्कार शाम सवा सात बजे कोविड-19 की गाइड लाइन अनुसार करवाया गया. बता दें कि जिले में पहला ऐसा मामला सामने आया है, जिसमें इतनी कम उम्र (23 वर्ष) में कोरोना रोगी की मौत हुई है. वहीं हनुमानगढ़ स्वास्थ्य विभाग की बात करे तो कोरोना महामारी को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है और विभाग सिर्फ आंकड़ों का खेल-खेलकर कारोना का ग्राफ घटाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन धरातल पर कुछ खास नहीं हो रहा है. इतना ही नहीं पिछले 12 दिनों से स्वास्थ्य विभाग कोविड को लेकर सही बुलिटेन तक जारी नहीं कर रहा है.

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कारोना से हुई मौतों की भी विभाग ने जानकारी देनी बन्द कर दी है. हलांकि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो आंकड़े छुपाए जा रहे हैं, इस बारे में जब हनुमानगढ़ दौरे पर आए ऊर्जा और जिला प्रभारी मंत्री बीडी कल्ला से पूछा गया कि क्या सरकार की तरफ से स्वास्थ्य विभाग को कोई ऐसे आदेश-निर्देश दिए गए हैं, जिनमें मीडिया को कोरोना के सही आंकड़े नहीं देने की बात कही गई हो, तो उन्होंने साफ रूप से इंकार कर दिया. इस मामले में जांच की बात कही थी.

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