हनुमानगढ़. राजस्थान में प्रवासी मजदूरों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. लॉकडाउन की इस मजबूरी में लोग ठगी करने से भी बाज नहीं आ रहे हैं. क्योंकि जिस रोजी-रोटी के लिए घरों से दूर काम करने के लिए गए थे, वो रोजगार भी कोरोना वैश्विक महामारी ने छीन लिया है.
राजस्थान से पंजाब के लुधियाना में व्यापार करने गए करीब 12 लोग रविवार को राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर पर पैदल प्रवेश कर रहे थे. बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मियों ने इनसे पूछा तो प्रवासियों ने बताया कि एक गाड़ी चालक ने राजस्थान के बीकानेर पहुंचाने के बदले इनसे 40 हजार रुपये ऐंठ लिए, लेकिन फिर भी इन्हें चालक पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर छोड़कर रफूचक्कर हो गया. इसके बाद ये लोग 8 घंटे पैदल चलकर राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर स्थित हरियाणा के चौटाला बाइपास पर पहुंचे हैं.
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बीकानेर, चूरू और डूंगरपुर जिलों में जाने वाले इन प्रवासियों में एक महिला और बच्ची देर शाम तक 181 नंबर पर शिकायत करने के लिए फोन करती रही, लेकिन वह नंबर भी नहीं मिला. इनके बॉर्डर पर पहुंचने के दौरान संभागीय आयुक्त बीकानेर और रेंज के आईजी जोस मोहन व स्थानीय अधिकारी राज्य की सीमाओं के दौरे पर थे. इन लोगों ने अधिकारियों से घर वापसी की गुहार भी लगाई, लेकिन इनकी कोई सुनवाई नहीं हुई और इन्हें वापस हरियाणा भेज दिया गया.
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एक दिन पहले हनुमानगढ़ के प्रभारी मंत्री गोविंद डोटासरा ने हनुमानगढ़ सहित राजस्थान की व्यवस्थायों को लेकर काफी संतुष्टि जताई थी. बड़े-बड़े दावे भी किए थे, लेकिन जिस तरह से राजस्थान की कांग्रेस सरकार और भाजपा सांसदों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति हो रही है. उससे तो यही लग रहा है कि आमजन की समस्याओं की परवाह किसी को भी नहीं है.