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गैंगरेप के मामले में दो आरोपी दोषी करार, पॉक्सो कोर्ट ने सुनवाई आजीवन कारावास की सजा

हनुमानगढ़ की पॉक्सो कोर्ट ने 20 अप्रैल 2015 को नाबालिग से गैंगरेप मामले में दोषी दो लोगों को आजीवन कारावास की सजा दी (Life imprisonment to convicts of gangrape) है. कोर्ट ने उन पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. एक आरोपी को डीएनए टेस्ट के आधार पर दोषी पाया गया. तीन आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया.

Life imprisonment to convicts of gangrape by POCSO court of Hanumangarh
गैंगरेप के मामले में दो आरोपी दोषी करार, पॉक्सो कोर्ट ने सुनवाई आजीवन कारावास की सजा
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Published : Nov 25, 2022, 7:04 PM IST

हनुमानगढ़. पॉक्सो न्यायालय हनुमानगढ़ के विशिष्ट न्यायाधीश मदन गोपाल आर्य ने नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए दोषी दो युवकों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इन पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए.

राज्य सरकार की ओर से पैरवी विशिष्ट लोक अभियोजक विनोद डूडी ने की, जबकि परिवादी पक्ष की ओर से पैरवी अधिवक्ता राजेन्द्र महरोलिया व प्रीतपाल सिंह ने की. प्रकरण के अनुसार 20 अप्रैल, 2015 को पीलीबंगा पुलिस थाना में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप के आरोप में 5 जनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया (gangrape in Hanumangarh with minor girl in 2015) गया. अनुसंधान के बाद पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया.

पढ़ें: नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में 63 वर्षीय व्यक्ति को उम्रकैद

अभियोग पक्ष की ओर से कुल 21 गवाह न्यायालय में पेश किए गए व 42 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए गए. पॉक्सो न्यायालय के विशिष्ट न्यायाधीश मदन गोपाल आर्य ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद आरोपी संजय उर्फ संदीप पोटलिया व सुरेन्द्र सिंह उर्फ शेरू पुत्र जगदीश निवासी जाखड़ांवाली पीएस पीलीबंगा को दोषी करार दिया. इन्हें आजीवन कारावास व 50 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया. जुर्माना अदा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा.

पढ़ें: पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष समेत पुत्र, भाई और एक अन्य को आजीवन कारावास, पीट-पीटकर की थी दलित बुजुर्ग की हत्या

शेष तीन आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया. अधिवक्ता राजेन्द्र महरोलिया ने बताया कि इस प्रकरण में दोषी करार दिए गए आरोपी संजय उर्फ संदीप पोटलिया का डीएनए टेस्ट करवाया गया था. क्योंकि पीड़िता गैंगरेप के बाद गर्भवती हो गई. अस्पताल में उसकी डिलीवरी हुई और बच्ची पैदा हुई. इस संबंध में डॉक्यूमेंट भी पत्रावली में शामिल किए. पुलिस ने भी डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल लेने के लिए आरोपी संजय को गिरफ्तार करने का काफी प्रयास किया, लेकिन वह पुलिस की गिरफ्त में आने से बचता रहा. कोर्ट के आदेश पर उसका डीएनए सैंपल लिया गया. पीड़िता और आरोपी का डीएनए टेस्ट मैच किया गया. इसके आधार पर संजय को इस केस में दोषी पाया गया.

हनुमानगढ़. पॉक्सो न्यायालय हनुमानगढ़ के विशिष्ट न्यायाधीश मदन गोपाल आर्य ने नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए दोषी दो युवकों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इन पर 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास भुगतने के आदेश दिए.

राज्य सरकार की ओर से पैरवी विशिष्ट लोक अभियोजक विनोद डूडी ने की, जबकि परिवादी पक्ष की ओर से पैरवी अधिवक्ता राजेन्द्र महरोलिया व प्रीतपाल सिंह ने की. प्रकरण के अनुसार 20 अप्रैल, 2015 को पीलीबंगा पुलिस थाना में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप के आरोप में 5 जनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया (gangrape in Hanumangarh with minor girl in 2015) गया. अनुसंधान के बाद पुलिस ने पांचों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय में चालान पेश किया.

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अभियोग पक्ष की ओर से कुल 21 गवाह न्यायालय में पेश किए गए व 42 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए गए. पॉक्सो न्यायालय के विशिष्ट न्यायाधीश मदन गोपाल आर्य ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद आरोपी संजय उर्फ संदीप पोटलिया व सुरेन्द्र सिंह उर्फ शेरू पुत्र जगदीश निवासी जाखड़ांवाली पीएस पीलीबंगा को दोषी करार दिया. इन्हें आजीवन कारावास व 50 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया. जुर्माना अदा न करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा.

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शेष तीन आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया. अधिवक्ता राजेन्द्र महरोलिया ने बताया कि इस प्रकरण में दोषी करार दिए गए आरोपी संजय उर्फ संदीप पोटलिया का डीएनए टेस्ट करवाया गया था. क्योंकि पीड़िता गैंगरेप के बाद गर्भवती हो गई. अस्पताल में उसकी डिलीवरी हुई और बच्ची पैदा हुई. इस संबंध में डॉक्यूमेंट भी पत्रावली में शामिल किए. पुलिस ने भी डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल लेने के लिए आरोपी संजय को गिरफ्तार करने का काफी प्रयास किया, लेकिन वह पुलिस की गिरफ्त में आने से बचता रहा. कोर्ट के आदेश पर उसका डीएनए सैंपल लिया गया. पीड़िता और आरोपी का डीएनए टेस्ट मैच किया गया. इसके आधार पर संजय को इस केस में दोषी पाया गया.

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