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विश्व पर्यावरण दिवस 2021: पर्यावरण के सच्चे पहरेदार हैं हनुमानगढ़ के लाधुसिंह भाटी - हनुमानगढ़ पर्यावरण प्रेमी लाधु सिंह भाटी

पौधे लगाना तो आसान है लेकिन उसकी देखभाल करना बहुत मुश्किल है. आज हम आपको पर्यावरण के सच्चे पहरेदार से मिला रहे हैं. जिन्होंने न सिर्फ पौधे लगाए बल्कि उनकी अच्छे से देखभाल भी की.

Hanumangarh Environment Lover Ladhusingh Bhati
विश्व पर्यावरण दिवस 2021
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Published : Jun 5, 2021, 5:01 PM IST

हनुमानगढ़: लाधु सिंह भाटी पर्यावरण प्रहरी बनकर पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहे हैं. साल 2015 में शुद्ध पर्यावरण के लिए पेड़-पौधों के महत्व को समझा. फिर पौधरोपण अभियान शुरू किया और पीछे मुड़कर नहीं देखा.

पर्यावरण के पहरेदार

पर्यावरण के पहरेदार ने हनुमानगढ जिले के छोटे से कस्बे तलवाड़ा झील की कल्याण भूमि में पौधरोपण शुरू किया. पहले लोगों ने मजाक भी उड़ाया लेकिन निराश नहीं हुए. लाधुसिंह भाटी ने तलवाड़ा झील में 2015 में मानव उत्थान सेवा समिति नाम से संस्था का गठन कर कुछ सदस्यों के साथ मिलकर पौधे लगाने शुरू किए. यह सिलसिला आज भी जारी है. हालांकि ये काम आसान नहीं था. लेकिन जिद और जुनून के आगे कोई काम असभंव नहीं होता.

Hanumangarh Environment Lover Ladhusingh Bhati
विश्व पर्यावरण दिवस

महज 6 साल में ही लाधुसिंह अपनी संस्था के सदस्यों और जनसहयोग से सड़क किनारे और सरकारी कार्यालयों में अब तक 10 हजार विभिन्न किस्मों के पौधे लगा चुके हैं. इनमें करीब साढ़े सात हजार पौधे अब छायादार पेड़ बन चुके हैं. खास बात यह भी है कि हर पौधे को सुरक्षित रखने के लिए पौधों पर ट्री गार्ड अवश्य लगाए जाते हैं.

Hanumangarh Environment Lover Ladhusingh Bhati
पौधे लगाते ही नहीं, सींचते भी हैं

पढ़ें-World Environment Day 2021: राजस्थान का ऐसा गांव जहां पेड़ काटना तो दूर टहनी तक तोड़ना माना जाता है पाप

पर्यावरण संरक्षण के लिए मिला सम्मान

लाधु सिंह भाटी कई बार जिला स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं. उन्हें अमृता देवी बिश्नोई जीव रक्षा पुरस्कार भी मिल चुका है. हर कोई इनकी मुहिम का हिस्सा भी बनता है और उनकी तारीफ भी करता है.

Hanumangarh Environment Lover Ladhusingh Bhati
ट्री-गार्ड लगाना नहीं भूलते

कैसे मिली प्रेरणा?

लाधुसिंह भाटी के मुताबिक वे किसी काम से रामदेवरा से जोधपुर और सिरोही होते हुए अहमदाबाद जा रहे थे. सड़क के दोनों किनारे पर पेड़ ही पेड़ लगे थे. यह देखकर उन्होंने तय किया कि वे अपने क्षेत्र को भी हरा-भरा करेंगे. तभी से लाधुसिंह लगातार मेहनत कर रहे हैं. पिछले 6 साल से लगातार जिले में पौधरोपण का अभियान चला रखा है. अब तक संस्था और जनसहयोग से लाखों रुपये की लागत से हजारों पौधे लगा चुके हैं.

Hanumangarh Environment Lover Ladhusingh Bhati
उनके लगाए पौधे अब पेड़ बन चुके हैं

बंजर भूमि को भी किया आबाद

लाधुसिंह भाटी ने तलवाड़ा झील कस्बे की बंजर कल्याण भूमि को भी आबाद कर दिया है. इस कल्याण भूमि को संवारने के लिए लाधुसिंह भाटी जनसहयोग से हर साल डेढ़ लाख रुपया खर्च करते हैं. इनकी पर्यावरण मुहिम का हिस्सा राजनेताओं से लेकर जिला कलेक्टर और एसपी तक बन चुके हैं. वाकई लाधुसिंह पर्यावरण के सच्चे पहरेदार हैं.

Hanumangarh Environment Lover Ladhusingh Bhati
कई पुरस्कारों से नवाजा गया

शासन-प्रसासन को भी ऐसे पर्यावरण प्रेमियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है ताकि अन्य लोग भी प्रेरणा लें और पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभाएं.

हनुमानगढ़: लाधु सिंह भाटी पर्यावरण प्रहरी बनकर पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहे हैं. साल 2015 में शुद्ध पर्यावरण के लिए पेड़-पौधों के महत्व को समझा. फिर पौधरोपण अभियान शुरू किया और पीछे मुड़कर नहीं देखा.

पर्यावरण के पहरेदार

पर्यावरण के पहरेदार ने हनुमानगढ जिले के छोटे से कस्बे तलवाड़ा झील की कल्याण भूमि में पौधरोपण शुरू किया. पहले लोगों ने मजाक भी उड़ाया लेकिन निराश नहीं हुए. लाधुसिंह भाटी ने तलवाड़ा झील में 2015 में मानव उत्थान सेवा समिति नाम से संस्था का गठन कर कुछ सदस्यों के साथ मिलकर पौधे लगाने शुरू किए. यह सिलसिला आज भी जारी है. हालांकि ये काम आसान नहीं था. लेकिन जिद और जुनून के आगे कोई काम असभंव नहीं होता.

Hanumangarh Environment Lover Ladhusingh Bhati
विश्व पर्यावरण दिवस

महज 6 साल में ही लाधुसिंह अपनी संस्था के सदस्यों और जनसहयोग से सड़क किनारे और सरकारी कार्यालयों में अब तक 10 हजार विभिन्न किस्मों के पौधे लगा चुके हैं. इनमें करीब साढ़े सात हजार पौधे अब छायादार पेड़ बन चुके हैं. खास बात यह भी है कि हर पौधे को सुरक्षित रखने के लिए पौधों पर ट्री गार्ड अवश्य लगाए जाते हैं.

Hanumangarh Environment Lover Ladhusingh Bhati
पौधे लगाते ही नहीं, सींचते भी हैं

पढ़ें-World Environment Day 2021: राजस्थान का ऐसा गांव जहां पेड़ काटना तो दूर टहनी तक तोड़ना माना जाता है पाप

पर्यावरण संरक्षण के लिए मिला सम्मान

लाधु सिंह भाटी कई बार जिला स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं. उन्हें अमृता देवी बिश्नोई जीव रक्षा पुरस्कार भी मिल चुका है. हर कोई इनकी मुहिम का हिस्सा भी बनता है और उनकी तारीफ भी करता है.

Hanumangarh Environment Lover Ladhusingh Bhati
ट्री-गार्ड लगाना नहीं भूलते

कैसे मिली प्रेरणा?

लाधुसिंह भाटी के मुताबिक वे किसी काम से रामदेवरा से जोधपुर और सिरोही होते हुए अहमदाबाद जा रहे थे. सड़क के दोनों किनारे पर पेड़ ही पेड़ लगे थे. यह देखकर उन्होंने तय किया कि वे अपने क्षेत्र को भी हरा-भरा करेंगे. तभी से लाधुसिंह लगातार मेहनत कर रहे हैं. पिछले 6 साल से लगातार जिले में पौधरोपण का अभियान चला रखा है. अब तक संस्था और जनसहयोग से लाखों रुपये की लागत से हजारों पौधे लगा चुके हैं.

Hanumangarh Environment Lover Ladhusingh Bhati
उनके लगाए पौधे अब पेड़ बन चुके हैं

बंजर भूमि को भी किया आबाद

लाधुसिंह भाटी ने तलवाड़ा झील कस्बे की बंजर कल्याण भूमि को भी आबाद कर दिया है. इस कल्याण भूमि को संवारने के लिए लाधुसिंह भाटी जनसहयोग से हर साल डेढ़ लाख रुपया खर्च करते हैं. इनकी पर्यावरण मुहिम का हिस्सा राजनेताओं से लेकर जिला कलेक्टर और एसपी तक बन चुके हैं. वाकई लाधुसिंह पर्यावरण के सच्चे पहरेदार हैं.

Hanumangarh Environment Lover Ladhusingh Bhati
कई पुरस्कारों से नवाजा गया

शासन-प्रसासन को भी ऐसे पर्यावरण प्रेमियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है ताकि अन्य लोग भी प्रेरणा लें और पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभाएं.

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