हनुमानगढ़: लाधु सिंह भाटी पर्यावरण प्रहरी बनकर पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहे हैं. साल 2015 में शुद्ध पर्यावरण के लिए पेड़-पौधों के महत्व को समझा. फिर पौधरोपण अभियान शुरू किया और पीछे मुड़कर नहीं देखा.
पर्यावरण के पहरेदार ने हनुमानगढ जिले के छोटे से कस्बे तलवाड़ा झील की कल्याण भूमि में पौधरोपण शुरू किया. पहले लोगों ने मजाक भी उड़ाया लेकिन निराश नहीं हुए. लाधुसिंह भाटी ने तलवाड़ा झील में 2015 में मानव उत्थान सेवा समिति नाम से संस्था का गठन कर कुछ सदस्यों के साथ मिलकर पौधे लगाने शुरू किए. यह सिलसिला आज भी जारी है. हालांकि ये काम आसान नहीं था. लेकिन जिद और जुनून के आगे कोई काम असभंव नहीं होता.
महज 6 साल में ही लाधुसिंह अपनी संस्था के सदस्यों और जनसहयोग से सड़क किनारे और सरकारी कार्यालयों में अब तक 10 हजार विभिन्न किस्मों के पौधे लगा चुके हैं. इनमें करीब साढ़े सात हजार पौधे अब छायादार पेड़ बन चुके हैं. खास बात यह भी है कि हर पौधे को सुरक्षित रखने के लिए पौधों पर ट्री गार्ड अवश्य लगाए जाते हैं.
पर्यावरण संरक्षण के लिए मिला सम्मान
लाधु सिंह भाटी कई बार जिला स्तर पर सम्मानित हो चुके हैं. उन्हें अमृता देवी बिश्नोई जीव रक्षा पुरस्कार भी मिल चुका है. हर कोई इनकी मुहिम का हिस्सा भी बनता है और उनकी तारीफ भी करता है.
कैसे मिली प्रेरणा?
लाधुसिंह भाटी के मुताबिक वे किसी काम से रामदेवरा से जोधपुर और सिरोही होते हुए अहमदाबाद जा रहे थे. सड़क के दोनों किनारे पर पेड़ ही पेड़ लगे थे. यह देखकर उन्होंने तय किया कि वे अपने क्षेत्र को भी हरा-भरा करेंगे. तभी से लाधुसिंह लगातार मेहनत कर रहे हैं. पिछले 6 साल से लगातार जिले में पौधरोपण का अभियान चला रखा है. अब तक संस्था और जनसहयोग से लाखों रुपये की लागत से हजारों पौधे लगा चुके हैं.
बंजर भूमि को भी किया आबाद
लाधुसिंह भाटी ने तलवाड़ा झील कस्बे की बंजर कल्याण भूमि को भी आबाद कर दिया है. इस कल्याण भूमि को संवारने के लिए लाधुसिंह भाटी जनसहयोग से हर साल डेढ़ लाख रुपया खर्च करते हैं. इनकी पर्यावरण मुहिम का हिस्सा राजनेताओं से लेकर जिला कलेक्टर और एसपी तक बन चुके हैं. वाकई लाधुसिंह पर्यावरण के सच्चे पहरेदार हैं.
शासन-प्रसासन को भी ऐसे पर्यावरण प्रेमियों को प्रोत्साहित करने की जरूरत है ताकि अन्य लोग भी प्रेरणा लें और पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभाएं.