हनुमानगढ़. राजस्थान रोडवेज और लोक परिवहन का आपसी विवाद मानो चोली-दामन का विवाद हो गया है. ताजा विवाद श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ आगार में एक बार फिर से सामने आया है. जिसके चलते हनुमानगढ़ और श्रीगंगानगर जिले के रोडवेज कर्मीयों ने अनूपगढ़ आगार कर्मीयों के समर्थन में प्रदर्शन करते हुए बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है. साथ ही बसों के चक्के जाम होने से सवारियां परेशान हो रही है.
तत्कालीन भाजपा सरकार ने सवारियों के बढ़ते भार के चलते राहत देने के लिए राजस्थान में पीपीपी मोड पर लोक परिवहन बस सेवा शुरू की थी. लेकिन इसके शुरु होने से लेकर आजतक रोडवेज कर्मी इसका विरोध कर रहे है. नित नए विवाद के चलते दोनों सेवाओं के कर्मी आमने-सामने खड़े होते है. इतना ही नही बसे खड़ी करने और अधिक से अधिक सवारियां उठाने के चक्कर में आये दिन इनके बीच मारपीट तक होती रहती है. विवाद थानों और कोर्ट कचहरी तक मे पहुंच चुके है. एक बार फिर इनके बीच विवाद खड़ा हो गया है.
इस बार मामला श्रीगंगानगर की अनूपगढ़ तहसील का है. रोडवेज कर्मीयों का आरोप है कि अनूपगढ़ में लोक परिवहन संचालक मनमर्जी करते हुए रोडवेज बस स्टैंड के सामने बसें खडी कर रहे है. हालांकि मामला कोर्ट में भी गया और लोक परिवहन को अलग से स्टैंड भी दिया हुआ है लेकिन वे मनमानी कर रहे है. ऐसा ही हर रोज हनुमानगढ़ में भी होता है.
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साथ ही कर्मीयो ने आरोप लगाए कि प्राइवेट परिवहन प्राधिकार बीकानेर की ओर से राजस्थान रोडवेज और लोक परिवहन की रावतसर से श्रीगंगानगर और रावतसर से भादरा मार्ग की बनाई गई संयुक्त समय सारणी बिना किसी सहमति के एकतरफा बनाई गई है. इससे राजस्थान रोडवेज को हानि के साथ-साथ वाहन संचालित करने में परेशानी आ रही है. इन्ही समस्याओं को लेकर रोडवेज कर्मीयों और इनसे जुड़े संघठनों ने रोडवेज डिपो पर प्रदर्शन करते हुए चेतावनी दी है कि जब तक सरकार और प्रशासन अनूपगढ़ समय सारणी की समस्या का हल नही करता तब तक ये हड़ताल जारी रहेगी और बसें नहीं चलेगी.
राजस्थान रोडवेज संघर्ष समिति के बैनर तले विरोध-प्रदर्शन कर रहे एटक, सीटू, बीएमएस, बीजेएम, इन्टक, रिटायर्ड एसोसिएशन कल्याण समिति ने समर्थन दिया है. हालांकि हड़ताल से सवारियां दिन भर हलकान होती रही. साथ ही उनका कहना था कि वे घरों से तो निजी बसों पर आ गए लेकिन यहां आकर पता चला कि आज हड़ताल है. अब देखने वाली बात होगी की इस विवाद का निपटारा कब तक होता है. कब रोडवेज के थमे पहिये फिर से चलते है और सवारियों को राहत मिलती हैं.