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राजस्थान पुलिस के हेड कांस्टेबल ने राज्यपाल से मांगी परिवार सहित आत्महत्या की स्वीकृति

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Published : Aug 4, 2020, 3:20 AM IST

Updated : Aug 4, 2020, 6:24 AM IST

हनुमानगढ़ के रिजर्व पुलिस लाइन में तैनात एक हेड कांस्टेबल ने राज्यपाल को पत्र लिखकर आला अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए परिवार सहित आत्महत्या की स्वीकृति मांगी है. साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट में रिट पिटीशन लगाने का भी जिक्र किया है. इस पत्र को हेड कांस्टेबल कैलाश चंद्र ने पत्रकारों को भी भेजा है. वहीं, पत्र वायरल होने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है.

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हनुमानगढ़ में तैनात एक हेड कांस्टेबल ने राज्यपाल मांगी परिवार सहित आत्महत्या की स्वीकृति

हनुमानगढ़. जिले के रिजर्व पुलिस लाइन में तैनात एक हेड कांस्टेबल ने राज्यपाल, राष्ट्रपति और अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर अपने परिवार सहित आत्महत्या की स्वीकृति मांगी है. हेड कांस्टेबल कैलाश चंद्र ने राज्यपाल को 7 पन्नों का पत्र लिखा है. इसमें उसने खुद की और अपने पूरे परिवार की जान को खतरा होना भी बताया है. साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट में रिट पिटीशन लगाने का भी जिक्र किया है.

हनुमानगढ़ में तैनात एक हेड कांस्टेबल ने राज्यपाल मांगी परिवार सहित आत्महत्या की स्वीकृति

हेड कांस्टेबल कैलाश चंद्र ने पुलिस के आला अधिकारियों और कर्मचारियों पर मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाते हुए पत्र में लिखा है कि उसे पदोन्नति परीक्षा से तो वंचित किया ही गया, साथ ही उसे अलग-अलग तरह से परेशान भी किया जा रहा है. इसके चलते उसने मार्च में भी आत्महत्या करने का मन बना लिया था. लेकिन, एक साथी पुलिसकर्मी की ओर से समझाने पर उसने आत्महत्या नहीं की. इसके बाद भी उसकी परेशानियां कम नहीं हुई, जिसके चलते उसे ऐसा कठोर कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है.

पढ़ें: HC में विधायकों का वेतन रोकने, राज्यपाल को पद से हटाने और MLA भंवर लाल की याचिकाओं पर सुनवाई कल

कैलाश चंद्र ने रिजर्व पुलिस लाइन के एक अधिकारी पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा है कि सड़क हादसे में घायल होने के बावजूद जान बूझकर उसकी ड्यूटी हार्डकोर बदमाशों को अजमेर जेल में छोड़ने के लिए लगाई गई. इस संदर्भ में जिला पुलिस अधीक्षक को लिखित में अवगत कराने के बावजूद कोई राहत नहीं दी गई.

इसके अलावा हेड कांस्टेबल के मुताबिक रिजर्व पुलिस लाइन में कुछ लोगों ने गुट बना रखे हैं. एक गुट के लोग किसी को भी आगे नहीं बढ़ने देते और मनमानी से पैसा कमाते हैं. वहीं, रिजर्व पुलिस लाइन के एक अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा कि वो जलील करके रिकॉर्ड खराब करने और नौकरी करने लायक नहीं छोड़ने के लिए आए दिन धमकियां भी देते हैं.

पढ़ें: Special: Corona के बीच अब मलेरिया और डेंगू से भी बढ़ा खतरा, संकट में डूंगरपुर के 101 गांवों की आबादी

हेड कांस्टेबल कैलाश चंद्र ने पत्र के जरिए राज्यपाल से अपने से जुड़े मामलों की ईमानदार अधिकारी से निष्पक्ष जांच करवाने की मांग भी की है और जांच सही नहीं होने पर परिवार सहित सामूहिक रूप से आत्महत्या करने की चेतावनी दी है. साथ ही पत्र में उसने लिखा है कि अगर उसके और उसके परिवार के साथ कोई अनहोनी होती है तो जिला पुलिस अधीक्षक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहित कई अन्य पुलिस अधिकारी और कर्मचारी इसके जिम्मदार होंगे. इस पत्र को हेड कांस्टेबल कैलाश चंद्र ने पत्रकारों को भी भेजा है. वहीं, पत्र वायरल होने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है.

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले चूरू जिले में कार्यरत सीआई विष्णु दत्त की आत्महत्या का मामला सामने आया था. ऐसे में अब इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस महकमे के भीतर सब कुछ ठीक नहीं होने का इशारा साफ तौर से मिल रहा है. देखना होगा कि अक्सर पुलिसकर्मियों को मानसिक रूप से स्ट्रांग बनाने की बात कहने वाले पुलिस के आला अधिकारी इस गंभीर मामले में क्या एक्शन लेते हैं.

हनुमानगढ़. जिले के रिजर्व पुलिस लाइन में तैनात एक हेड कांस्टेबल ने राज्यपाल, राष्ट्रपति और अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर अपने परिवार सहित आत्महत्या की स्वीकृति मांगी है. हेड कांस्टेबल कैलाश चंद्र ने राज्यपाल को 7 पन्नों का पत्र लिखा है. इसमें उसने खुद की और अपने पूरे परिवार की जान को खतरा होना भी बताया है. साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट में रिट पिटीशन लगाने का भी जिक्र किया है.

हनुमानगढ़ में तैनात एक हेड कांस्टेबल ने राज्यपाल मांगी परिवार सहित आत्महत्या की स्वीकृति

हेड कांस्टेबल कैलाश चंद्र ने पुलिस के आला अधिकारियों और कर्मचारियों पर मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाते हुए पत्र में लिखा है कि उसे पदोन्नति परीक्षा से तो वंचित किया ही गया, साथ ही उसे अलग-अलग तरह से परेशान भी किया जा रहा है. इसके चलते उसने मार्च में भी आत्महत्या करने का मन बना लिया था. लेकिन, एक साथी पुलिसकर्मी की ओर से समझाने पर उसने आत्महत्या नहीं की. इसके बाद भी उसकी परेशानियां कम नहीं हुई, जिसके चलते उसे ऐसा कठोर कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा है.

पढ़ें: HC में विधायकों का वेतन रोकने, राज्यपाल को पद से हटाने और MLA भंवर लाल की याचिकाओं पर सुनवाई कल

कैलाश चंद्र ने रिजर्व पुलिस लाइन के एक अधिकारी पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा है कि सड़क हादसे में घायल होने के बावजूद जान बूझकर उसकी ड्यूटी हार्डकोर बदमाशों को अजमेर जेल में छोड़ने के लिए लगाई गई. इस संदर्भ में जिला पुलिस अधीक्षक को लिखित में अवगत कराने के बावजूद कोई राहत नहीं दी गई.

इसके अलावा हेड कांस्टेबल के मुताबिक रिजर्व पुलिस लाइन में कुछ लोगों ने गुट बना रखे हैं. एक गुट के लोग किसी को भी आगे नहीं बढ़ने देते और मनमानी से पैसा कमाते हैं. वहीं, रिजर्व पुलिस लाइन के एक अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा कि वो जलील करके रिकॉर्ड खराब करने और नौकरी करने लायक नहीं छोड़ने के लिए आए दिन धमकियां भी देते हैं.

पढ़ें: Special: Corona के बीच अब मलेरिया और डेंगू से भी बढ़ा खतरा, संकट में डूंगरपुर के 101 गांवों की आबादी

हेड कांस्टेबल कैलाश चंद्र ने पत्र के जरिए राज्यपाल से अपने से जुड़े मामलों की ईमानदार अधिकारी से निष्पक्ष जांच करवाने की मांग भी की है और जांच सही नहीं होने पर परिवार सहित सामूहिक रूप से आत्महत्या करने की चेतावनी दी है. साथ ही पत्र में उसने लिखा है कि अगर उसके और उसके परिवार के साथ कोई अनहोनी होती है तो जिला पुलिस अधीक्षक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सहित कई अन्य पुलिस अधिकारी और कर्मचारी इसके जिम्मदार होंगे. इस पत्र को हेड कांस्टेबल कैलाश चंद्र ने पत्रकारों को भी भेजा है. वहीं, पत्र वायरल होने के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है.

गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले चूरू जिले में कार्यरत सीआई विष्णु दत्त की आत्महत्या का मामला सामने आया था. ऐसे में अब इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस महकमे के भीतर सब कुछ ठीक नहीं होने का इशारा साफ तौर से मिल रहा है. देखना होगा कि अक्सर पुलिसकर्मियों को मानसिक रूप से स्ट्रांग बनाने की बात कहने वाले पुलिस के आला अधिकारी इस गंभीर मामले में क्या एक्शन लेते हैं.

Last Updated : Aug 4, 2020, 6:24 AM IST
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