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हनुमानगढ़ में किसानों का विरोध जारी, काली पट्टी बांधकर मनाई 'काली दिवाली' - Hanumangarh District Collectorate picket

हनुमानगढ़ जिला कलेक्ट्रेट के सामने पिछले 5 माह से धरने पर बैठे किसानों ने सरकार के विरोध में रविवार को काली दिवाली मनाई. उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी भूमि का उचित मुआवजा नहीं दे देती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.

हनुमानगढ़ किसानों का विरोध,Hanumangarh District Collectorate picket
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Published : Oct 27, 2019, 10:17 PM IST

हनुमानगढ़. पंजाब के अमृतसर से लेकर गुजरात के जामनगर तक बनने वाले 754k एक्सप्रेस हाईवे के लिए सरकार की ओर से किसानों की भूमि अधिग्रहण की जा रही है, लेकिन इसके बदले किसानों को जो मुआवजा दिया जा रहा है. वह उनके मुंह में जीरे के समान दिया जा रहा है मात्र 4 लाख बीघा की दर से उन्हें मुआवजा दिया जा रहा है, जोकि किसानों को ना मंजूर है.

सिर्फ मिला आश्वासन
वहीं किसानों का आरोप है कि दूसरे राज्यों में जहां 75 लाख रुपए 1 बीघा का दिया जा रहा है. वहीं राजस्थान सरकार बहुत कम मुआवजा दे रही है. इसके लिए वे पिछले 5 महीने से जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि प्रशासन के साथ उनकी कई बार वार्ता हो चुकी है,लेकिन वार्ता के बाद सिर्फ आश्वासन दिए जाते हैं.

किसानों ने काली पट्टी बांधकर मनाई काली दिवाली

आंदोलन रहेगा लगातार जारी
वहीं उनकी मांगे नहीं मानी जा रही है. वहीं डीएलसी की दर वसुंधरा सरकार में काफी कम कर दी थी.उनकी मांग है कि डीएलसी दर को रिवाइज किया जाए और उसके बाद अधिक दर के हिसाब से किसानों को मुआवजा दिया जाए.अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा.

पढ़ें- कोटाः घर में फंदे से लटका मिला शव, जांच में जुटी पुलिस

काली पट्टी बांधकर दिवाली मनाई
किसान संघर्ष समिति के सदस्यों ने सर और बांहों पर काली पट्टी बांधकर काली दिवाली के रूप में त्यौहार को मनाया है. उनका कहना है कि सरकार किसानों के लिए बिल्कुल भी गंभीर नहीं है. वहीं किसानों का कहना है कि कुछ दिन बाद उनका धरना कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर चला जाएगा और तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती.

हनुमानगढ़. पंजाब के अमृतसर से लेकर गुजरात के जामनगर तक बनने वाले 754k एक्सप्रेस हाईवे के लिए सरकार की ओर से किसानों की भूमि अधिग्रहण की जा रही है, लेकिन इसके बदले किसानों को जो मुआवजा दिया जा रहा है. वह उनके मुंह में जीरे के समान दिया जा रहा है मात्र 4 लाख बीघा की दर से उन्हें मुआवजा दिया जा रहा है, जोकि किसानों को ना मंजूर है.

सिर्फ मिला आश्वासन
वहीं किसानों का आरोप है कि दूसरे राज्यों में जहां 75 लाख रुपए 1 बीघा का दिया जा रहा है. वहीं राजस्थान सरकार बहुत कम मुआवजा दे रही है. इसके लिए वे पिछले 5 महीने से जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे हैं. उनका कहना है कि प्रशासन के साथ उनकी कई बार वार्ता हो चुकी है,लेकिन वार्ता के बाद सिर्फ आश्वासन दिए जाते हैं.

किसानों ने काली पट्टी बांधकर मनाई काली दिवाली

आंदोलन रहेगा लगातार जारी
वहीं उनकी मांगे नहीं मानी जा रही है. वहीं डीएलसी की दर वसुंधरा सरकार में काफी कम कर दी थी.उनकी मांग है कि डीएलसी दर को रिवाइज किया जाए और उसके बाद अधिक दर के हिसाब से किसानों को मुआवजा दिया जाए.अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा.

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काली पट्टी बांधकर दिवाली मनाई
किसान संघर्ष समिति के सदस्यों ने सर और बांहों पर काली पट्टी बांधकर काली दिवाली के रूप में त्यौहार को मनाया है. उनका कहना है कि सरकार किसानों के लिए बिल्कुल भी गंभीर नहीं है. वहीं किसानों का कहना है कि कुछ दिन बाद उनका धरना कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर चला जाएगा और तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती.

Intro:हनुमानगढ़ जिला कलेक्ट्रेट के सामने पिछले 5 माह से धरने पर बैठे किसानों ने सरकार के विरोध में आज काली दिवाली मनाई उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी भूमिका उचित मुआवजा नहीं दे देती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगाBody:पंजाब के अमृतसर से लेकर गुजरात के जामनगर तक बनने वाले 754k एक्सप्रेस हाईवे के लिए सरकार द्वारा किसानों की भूमि अधिग्रहण की जा रही है लेकिन इसके बदले किसानों को जो मुआवजा दिया जा रहा है वह उनके मुंह में जीरे के समान दिया जा रहा है मात्र 4 लाख बीघा की दर से उन्हें मुआवजा दिया जा रहा है जो कि किसानों को नामंजूर है किसानों का आरोप है कि दूसरे राज्यों में जहां 75 लाख रुपए 1 बीघा का दिया जा रहा है वहीं राजस्थान सरकार बहुत कम मुआवजा दे रही है इसके लिए वे पिछले 5 महीने से जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठे हैं उनका कहना है कि प्रशासन के साथ उनकी कई बार वार्ता हो चुकी है लेकिन वार्ता के बाद सिर्फ आश्वासन दिए जाते हैं उनकी मांगे नहीं मानी जा रही है जो डीएलसी किधर है वह वसुंधरा सरकार में काफी कम कर दी गई थी उनकी मांग है कि डीएलसी दर को रिवाइज किया जाए और उसके बाद अधिक दर के हिसाब से किसानों को मुआवजा दिया जाए नहीं तो उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा आंदोलन की कड़ी में उन्होंने दीपावली जैसे बड़े त्यौहार को भी काली दिवाली के रूप में मनाया है

बाईट सुरेंद्र शर्मा,किसान नेता
बाईट बहादुर सिंह,कामरेड नेताConclusion:किसान संघर्ष समिति ने अपने सर पर और बांहों पर काली पट्टी बांधकर काली दिवाली के रूप में त्यौहार को मनाया है उनका कहना है कि सरकार किसानों के लिए बिल्कुल भी गंभीर नहीं है लेकिन उन्होंने भी आर-पार की लड़ाई का मन बना रखा है कुछ दिन बाद उनका जो धरना कलेक्ट्रेट के सामने चल रहा है वह कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर चला जाएगा और तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती
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