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हनुमानगढ़ में CPI (M) ने मानव श्रंखला बनाकर किया कृषि कानूनों का विरोध

हनुमानगढ़ में कृषि कानूनों के विरोध में CPI (M) ने मानव श्रंखला बनाई. माकपा कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और सरकार से कानून वापस लेने की मांग की.

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हनुमानगढ़ में CPI (M) ने मानव श्रंखला बनाकर किया कृषि कानूनों का विरोध
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Published : Feb 27, 2021, 4:31 PM IST

हनुमानगढ़. केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ राजनीतिक पार्टियां और किसान संगठनों का विरोध लगातार जारी है. इसी कड़ी में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सयुंक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर माकापा कार्यालय पर एकत्रित होकर मानव श्रंखला बनाकर कृषि कानूनों का विरोध किया.

पढ़ें: हम चार हैं, CI साहब भी...गाड़ी छुड़ानी है तो 20 हजार से एक रुपये भी कम नहीं, रिश्वतखोर कांस्टेबल का Video Viral

मानव श्रंखला के साथ ही कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए जिला कलक्ट्रेट पहुंचे. माकापा नेतायों ने तीनों कानूनों को काला कानून बताते हुए वापस लेने की मांग की और कहा कि केंद्र सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही. कार्यकर्ताओं ने कहा कि इसका खामियाजा केंद्र सरकार को भुगतना पड़ेगा. माकापा नेता रामेश्वर वर्मा ने कहा कि एमएसपी पर सुनिश्चित खरीद और तीनों कानूनों के वापिस ना होने तक आंदोलन जारी रहेगा और माकापा पार्टी किसानों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर इस आंदोलन को पूरे देश मे फैलाएगी.

कृषि कानून और तेज होते विरोध के स्वर

कृषि कानून को लेकर लगभग 3 महीनों से किसान दिल्ली के बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं. अब धीरे-धीरे विरोध का स्वर हरियाणा, पंजाब के अलावा देश के दूसरे राज्यों में भी पहुंच रहा है. राजस्थान में भी पिछले कुछ दिनों में किसान आंदोलन ने नई गति पकड़ी है. किसान नेता राकेश टिकैत लगातार प्रदेश में महापंचायत कर केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

हनुमानगढ़. केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ राजनीतिक पार्टियां और किसान संगठनों का विरोध लगातार जारी है. इसी कड़ी में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सयुंक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर माकापा कार्यालय पर एकत्रित होकर मानव श्रंखला बनाकर कृषि कानूनों का विरोध किया.

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मानव श्रंखला के साथ ही कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए जिला कलक्ट्रेट पहुंचे. माकापा नेतायों ने तीनों कानूनों को काला कानून बताते हुए वापस लेने की मांग की और कहा कि केंद्र सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही. कार्यकर्ताओं ने कहा कि इसका खामियाजा केंद्र सरकार को भुगतना पड़ेगा. माकापा नेता रामेश्वर वर्मा ने कहा कि एमएसपी पर सुनिश्चित खरीद और तीनों कानूनों के वापिस ना होने तक आंदोलन जारी रहेगा और माकापा पार्टी किसानों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर इस आंदोलन को पूरे देश मे फैलाएगी.

कृषि कानून और तेज होते विरोध के स्वर

कृषि कानून को लेकर लगभग 3 महीनों से किसान दिल्ली के बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं. अब धीरे-धीरे विरोध का स्वर हरियाणा, पंजाब के अलावा देश के दूसरे राज्यों में भी पहुंच रहा है. राजस्थान में भी पिछले कुछ दिनों में किसान आंदोलन ने नई गति पकड़ी है. किसान नेता राकेश टिकैत लगातार प्रदेश में महापंचायत कर केंद्र सरकार से कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.

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