हनुमानगढ़. केंद सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानूनों वापस लेने की मांग दिन प्रतिदिन मुखर होती जा रही है. दिल्ली से लेकर हनुमानगढ़ तक पिछले दो माह से विपक्षी राजनीतिक पार्टियां और किसान आंदोलनरत है. आंदोलन की इसी कड़ी में माकपा पार्टी के कार्यकर्ताओं की ओर से जिला मुख्यालय पर पैदल मार्च निकाला गया. जिसमें सैंकड़ो मजदूरों और किसानों ने हिस्सा लिया.
पैदल मार्च में शामिल मजदूर और किसान जय जवान-जय किसान और सरकार विरोधी नारे लगाते हुए कलक्ट्रेट पहुंचे. जहां कलक्ट्रेट पर सभा का आयोजन कर गीतों के जरिए मोदी सरकार पर तंज कसते हुए विरोध जताया और सीपीआईएम नेताओं ने प्रशासनिक अधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.
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ज्ञापन के माध्यम से तीनों कृषि कानूनों को किसानी को बर्बाद कर देने वाले काले कानून बताते हुए कानून वापस लेने की मांग की. इस दौरान उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि, अगर कानून वापस नहीं लिए गए तो ये आंदोलन इतना फैलेगा कि केन्द्र सरकार से सिमटेगा नहीं. साथ ही उन्होंने दिल्ली में शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस और भाजपा की ओर से ज्यादती करने के आरोप लगाते हुए सरकार की निंदा की.