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समानता का संदेशः हनुमानगढ़ में बेटी को घोड़ी पर बिठाकर निकाली बिंदौरी - हनुमानगढ़ में निकाली गई बिंदौरी

हनमानगढ़ में गुरुवार को समाज में बदलाव की पहल करते हुए एक बेटी को घोड़ी पर बैठाकर बिंदौरी निकाली गई. इस दौरान परिजनों ने गाजे-बाजे के साथ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ सहित बेटा-बेटी में भेद को मिटाने का अनूठा संदेश दिया.

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बेटी को घोड़ी पर बिठाकर निकाली गई बिंदोरी
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Published : Dec 10, 2020, 1:20 PM IST

हनुमानगढ़. समाज में बदलाव की पहल करते हुए जिले में एक बेटी को घोड़ी पर बैठाकर बिंदौरी निकाली गई. इस दौरान परिजनों ने गाजे-बाजे के साथ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ सहित बेटा-बेटी में भेद को मिटाने का अनूठा संदेश दिया, जो कि क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.

बता दें कि हनुमानगढ़ के टिब्बी कस्बे के चक 7 MJW में जहां मूंड परिवार ने अपनी बेटी की शादी में उनको घोड़ी पर बैठाकर सादगीपूर्ण तरीके से बिंदौरी निकाल बेटों के समान दर्जा दिया. वहीं, गोपाल सेवा समिति डबलीकलां के कोषाध्यक्ष रामजी लाल मूंड के छोटे भाई गंगाराम मूंड की ओर से उनकी बेटी रुचिका की शादी पर दिए सकरात्मक संदेश की क्षेत्र में हर कोई सराहना कर रहा है.

पढ़ें: भाजपा का जिला प्रमुख बनना लगभग तय, जाने यह हो सकते हैं दावेदार

खास बात ये है कि यह संदेश ग्रामीण परिवेश में रहने वाले परिवार ने दिया है जो उन लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं. गौरतलब है कि पूर्व में भी टिब्बी कस्बे व हनुमानगढ़ के सेक्टर 12 से बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच का संदेश दिया जा चुका है.

बता दें कि 2019 में यह जिला बेटियों के प्रति जागरूक दिखा और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान में राजस्थान के 25 जिलों में झुंझुनूं सहित हनुमानगढ़ को भी श्रेष्ठ जिलों में चयनित कर पुरस्कृत किया गया था हालांकि जिले में बेटियों के प्रति संकीर्ण सोच में काफी बदलाव आया है. 2011 की जनगणना के अनुसार यहां का लिंगानुपात महज 894 ही था. जिसके बाद अब यह बढ़कर 968 हो गया है.

बेटियों की इस बढ़ती संख्या से उम्मीद की जा सकती है कि जनगणना 2021 में जिले के लिंगानुपात में और भी सुधार होगा. अभी भी जिले से बेटियों को कोख में मारने और उन्हें लावारिस छोड़ने के एक या दो मामले सामने आते हैं.

हनुमानगढ़. समाज में बदलाव की पहल करते हुए जिले में एक बेटी को घोड़ी पर बैठाकर बिंदौरी निकाली गई. इस दौरान परिजनों ने गाजे-बाजे के साथ बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ सहित बेटा-बेटी में भेद को मिटाने का अनूठा संदेश दिया, जो कि क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.

बता दें कि हनुमानगढ़ के टिब्बी कस्बे के चक 7 MJW में जहां मूंड परिवार ने अपनी बेटी की शादी में उनको घोड़ी पर बैठाकर सादगीपूर्ण तरीके से बिंदौरी निकाल बेटों के समान दर्जा दिया. वहीं, गोपाल सेवा समिति डबलीकलां के कोषाध्यक्ष रामजी लाल मूंड के छोटे भाई गंगाराम मूंड की ओर से उनकी बेटी रुचिका की शादी पर दिए सकरात्मक संदेश की क्षेत्र में हर कोई सराहना कर रहा है.

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खास बात ये है कि यह संदेश ग्रामीण परिवेश में रहने वाले परिवार ने दिया है जो उन लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं. गौरतलब है कि पूर्व में भी टिब्बी कस्बे व हनुमानगढ़ के सेक्टर 12 से बेटियों के प्रति सकारात्मक सोच का संदेश दिया जा चुका है.

बता दें कि 2019 में यह जिला बेटियों के प्रति जागरूक दिखा और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान में राजस्थान के 25 जिलों में झुंझुनूं सहित हनुमानगढ़ को भी श्रेष्ठ जिलों में चयनित कर पुरस्कृत किया गया था हालांकि जिले में बेटियों के प्रति संकीर्ण सोच में काफी बदलाव आया है. 2011 की जनगणना के अनुसार यहां का लिंगानुपात महज 894 ही था. जिसके बाद अब यह बढ़कर 968 हो गया है.

बेटियों की इस बढ़ती संख्या से उम्मीद की जा सकती है कि जनगणना 2021 में जिले के लिंगानुपात में और भी सुधार होगा. अभी भी जिले से बेटियों को कोख में मारने और उन्हें लावारिस छोड़ने के एक या दो मामले सामने आते हैं.

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