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हनुमानगढ़: करोड़ों रुपए के नगर पालिका कार्यलय में साढ़े 3 साल में ही आई बड़ी-बड़ी दरारें

हनुमानगढ़ के पीलीबंगा में नगर पालिका मण्डल भवन का निर्माण साढ़े तीन साल पहले हुआ था और साढ़े तीन साल में ही भवन में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं, जिससे भवन तेजी से जर्जर होता जा रहा है. इसका निर्माण हनुमानगढ़ कमिश्नर पूजा शर्मा के कार्यकाल में हुआ था. इस बारे में जब पूजा शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने जबाव देने से इंकार कर दिया.

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करोड़ों रुपए के नगर पालिका कार्यलय में साढ़े 3 साल में ही आई बड़ी-बड़ी दरारें
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Published : Apr 11, 2021, 10:53 PM IST

हनुमानगढ़. सरकारी निर्माण कार्यों में गफलत किस स्तर पर होती है, इसकी एक बानगी देखने को मिली है. हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा में नगर पालिका मण्डल भवन का निर्माण साढ़े तीन साल पहले हुआ था और साढ़े तीन साल में ही भवन में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं, जिससे भवन तेजी से जर्जर होता जा रहा है.

करोड़ों रुपए के नगर पालिका कार्यलय में साढ़े 3 साल में ही आई बड़ी-बड़ी दरारें

भ्रष्टाचार नहीं तो बौखलाहट क्यों?

करीब 4 करोड़ रुपए की लागत से नगर पालिका मण्डल पीलीबंगा के भवन का लोकार्पण 10 नवम्बर 2017 को हुआ था और पूरे हनुमानगढ़ जिले में यह पालिका का सबसे बड़ा और आकर्षक भवन बना था, लेकिन यह भवन सिर्फ साढ़े तीन साल में ही जर्जर होने लगा और भवन के चारों तरफ बड़ी-बड़ी दरारें आ गई, जिससे इस भवन के भविष्य, जिनके कार्यकाल में इसका निर्माण हुआ, उन पर प्रश्नचिन्ह लग गया है. इस भवन का निर्माण और लोकार्पण पीलीबंगा के तत्कालीन पालिकाध्यक्ष राजकुमार फण्डा और तत्कालीन अधिशासी अधिकारी और वर्तमान में नगर परिषद हनुमानगढ़ कमिश्नर पूजा शर्मा के कार्यकाल में हुआ था और इस बारे में जब पूजा शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने पहले तो बौखलाहट के चलते जबाव देने से ही इंकार कर दिया और कैमरा चलने की जानकारी मिलने पर जांच में सब सामने आ जाएगा का कहकर पल्ला झाड़ लिया.

करोड़ो रुपए की लागत से बनाये गये इस शानदार भवन में मात्र साढ़े तीन साल में ही दरारें पड़ने से निर्माण कार्य में कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की बूं आ रही है और भवन के चारों तरफ बड़ी-बड़ी दरारें पड़ने से भवन के अंदर काम कर रहे कर्मचारियों में भी डर है. इस बारे में पीलीबंगा अधिशासी अधिकारी गोपीकृष्ण दाधीच और पालिकाध्यक्ष सुखचैन सिंह रमाणा का मानना है कि भवन में दरारें पड़ गई हैं और उनका कहना है कि इस बारे में जांच करवाई जाएगी और जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि इस बारे में अधिशासी अधिकारी जहां ठेकेदार को नोटिस दिए जाने की बात कह रहे हैं. वहीं पालिकाध्यक्ष का कहना है कि नोटिस दिया जाएगा और जांच करवाई जाएगी.

यह भी पढ़ें- SPECIAL : पाली में कोरोना का नया रूप, बिना लक्षण वाले मरीज मिल रहे संक्रमित....फेफड़ों में हो रहा संक्रमण

वर्तमान में भवन की दशा को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस कद्र भवन निर्माण में गुणवत्ताहीन कार्य किया गया है और पीलीबंगा नगरपरिषद की तत्कालीन अधिशासी अधिकारी और वर्तमान हनुमानगढ़ नगरपरिषद कमिश्नर पूजा शर्मा इस गंभीर मामले पर जिस तरह बात तक करना उचित नहीं समझती है, तो सवाल उठना लाजमी है कि अगर कुछ गलत नहीं हुआ तो मीडिया के प्रश्नों से बौखलाहट और दूरी क्यों?अब देखने वाली बात होगी कि वर्त्तमान पीलीबंगा पालिका प्रशासन इस मामले क्या कार्रवाई करता है.

हनुमानगढ़. सरकारी निर्माण कार्यों में गफलत किस स्तर पर होती है, इसकी एक बानगी देखने को मिली है. हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा में नगर पालिका मण्डल भवन का निर्माण साढ़े तीन साल पहले हुआ था और साढ़े तीन साल में ही भवन में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं, जिससे भवन तेजी से जर्जर होता जा रहा है.

करोड़ों रुपए के नगर पालिका कार्यलय में साढ़े 3 साल में ही आई बड़ी-बड़ी दरारें

भ्रष्टाचार नहीं तो बौखलाहट क्यों?

करीब 4 करोड़ रुपए की लागत से नगर पालिका मण्डल पीलीबंगा के भवन का लोकार्पण 10 नवम्बर 2017 को हुआ था और पूरे हनुमानगढ़ जिले में यह पालिका का सबसे बड़ा और आकर्षक भवन बना था, लेकिन यह भवन सिर्फ साढ़े तीन साल में ही जर्जर होने लगा और भवन के चारों तरफ बड़ी-बड़ी दरारें आ गई, जिससे इस भवन के भविष्य, जिनके कार्यकाल में इसका निर्माण हुआ, उन पर प्रश्नचिन्ह लग गया है. इस भवन का निर्माण और लोकार्पण पीलीबंगा के तत्कालीन पालिकाध्यक्ष राजकुमार फण्डा और तत्कालीन अधिशासी अधिकारी और वर्तमान में नगर परिषद हनुमानगढ़ कमिश्नर पूजा शर्मा के कार्यकाल में हुआ था और इस बारे में जब पूजा शर्मा से पूछा गया तो उन्होंने पहले तो बौखलाहट के चलते जबाव देने से ही इंकार कर दिया और कैमरा चलने की जानकारी मिलने पर जांच में सब सामने आ जाएगा का कहकर पल्ला झाड़ लिया.

करोड़ो रुपए की लागत से बनाये गये इस शानदार भवन में मात्र साढ़े तीन साल में ही दरारें पड़ने से निर्माण कार्य में कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की बूं आ रही है और भवन के चारों तरफ बड़ी-बड़ी दरारें पड़ने से भवन के अंदर काम कर रहे कर्मचारियों में भी डर है. इस बारे में पीलीबंगा अधिशासी अधिकारी गोपीकृष्ण दाधीच और पालिकाध्यक्ष सुखचैन सिंह रमाणा का मानना है कि भवन में दरारें पड़ गई हैं और उनका कहना है कि इस बारे में जांच करवाई जाएगी और जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि इस बारे में अधिशासी अधिकारी जहां ठेकेदार को नोटिस दिए जाने की बात कह रहे हैं. वहीं पालिकाध्यक्ष का कहना है कि नोटिस दिया जाएगा और जांच करवाई जाएगी.

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वर्तमान में भवन की दशा को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस कद्र भवन निर्माण में गुणवत्ताहीन कार्य किया गया है और पीलीबंगा नगरपरिषद की तत्कालीन अधिशासी अधिकारी और वर्तमान हनुमानगढ़ नगरपरिषद कमिश्नर पूजा शर्मा इस गंभीर मामले पर जिस तरह बात तक करना उचित नहीं समझती है, तो सवाल उठना लाजमी है कि अगर कुछ गलत नहीं हुआ तो मीडिया के प्रश्नों से बौखलाहट और दूरी क्यों?अब देखने वाली बात होगी कि वर्त्तमान पीलीबंगा पालिका प्रशासन इस मामले क्या कार्रवाई करता है.

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