हनुमानगढ़. जिले के गोलूवाला कस्बे में दुष्कर्म पीड़िता और ब्यूटी पार्लर संचालिका को जिंदा जला देने के मामले में आखिरकार रविवार सुबह मृतका के शव का 35 घंटे बाद स्थानीय श्मशान घाट में संस्कार कर दिया गया. मृतका के भाई ने चिता को मुखाग्नि दी. शव के दाह संस्कार होते ही पुलिस के जांच के काम में भी तीव्र गति आई.
सूत्रों ने जानकारी दी कि मृतका की मौत से पहले जो कयास लगाए जा रहे थे वैसा भी नहीं है और कुछ अब पुलिस के रडार पर मृतका के नजदीकी लोग आ गए हैं. जिनमें से कुछ को पुलिस ने हिरासत में लिया है और उनसे कड़ी पूछताछ जारी है. पुलिस उच्चाधिकारियों की अगुवाई में कड़ी से कड़ी जोड़ने का काम कर रही है और पूरे मामले का शीघ्र आधिकारिक रूप से खुलासा होने की उम्मीद है.
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पुलिस ने रविवार को मृतका का मोबाइल फोन उसके भाई से जब्त कर लिया. जिसके तमाम डाटा सर्च किए जा रहे है. उम्मीद है पिछले चार दिन से जांच में उलझी पुलिस शीघ्र इस जघन्य अपराध के पीछे छुपे शातिर मुजरिमों के चेहरे से नकाब उतार देगी.
कुछ इस तरह बदली जांच
पुष्ट सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस शुरू से ही असली कातिलों तक पहुंचने के लिए हर एंगल से इस मामले की दशा और दिशा में काफी सतर्कता और साफगोई से कदम बढ़ा रही थी. कातिल ने आने और जाने के लिए दो अलग-अलग रास्तों का चयन किया था. हत्यारे ने आते वक्त मृतका के आवास के पीछे जेआरके नहर की दिशा स्थित दीवार को फांद कर घुसने में इस्तेमाल किया, वहीं वह वारदात को अंजाम देने के बाद मृतका के आवास के मुख्य दरवाजे को खोलकर बाहर जाता दिखाई दिया.
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दूसरा अहम बिंदु यह था कि परिजनों के बताए अनुसार मृतका के भाई के कमरे के बाहर कथित रूप से बांधी गई रस्सी पुलिस को बरामद नहीं हो पाई, जिससे संशय बढ़ गया. फिर जिस कमरे के दरवाजे की रस्सी तोड़कर बाहर आना बताया जा रहा था उसका एक दरवाजा अंदर से तोड़ा गया था, जबकि उस कमरे के 2 दरवाजे हैं. अगर मान भी लिया जाए कि अज्ञात हत्यारा उसके भाई के दरवाजे को रस्सी से बांध गया था तो वह निकलने के लिए मुख्य द्वार पर खुलने वाले दूसरे दरवाजे को भी खोल सकता था पर ऐसा नहीं किया गया. फिर हत्यारा अज्ञात था तो उसे इस मकान में मौजूद कमरों की लोकेशन कैसे पता लगी. मृतका का परिवार किस-किस कमरे में सो रहा था. इस मामले में कई ऐसे बिंदु हैं, जिस कारण मृतका के परिचित पुलिस की रडार पर आ गए हैं.
यूं चला घटनाक्रम
गौरतलब है कि 3 मार्च की रात करीब 1 बजे गोलूवाला स्थित अपनी नानी के घर में सो रही ब्यूटी पार्लर संचालिका को किसी ने घर के बाहर बुलाया. इसी दौरान केरोसीन डालकर उसे जिंदा जला दिया. पीड़िता चिल्लाई तो परिवार के अन्य लोग भागकर वहां आए. आग लगने से पीडिता 90 प्रतिशत झुलस चुकी थी. हालत गंभीर होने पर उसे श्रीगंगानगर से पहले बीकानेर और वहां से जयपुर रेफर कर दिया गया.
गोलूवाला पुलिस ने इस संबंध में पीड़िता की नानी की रिपोर्ट पर हत्या प्रयास के आरोप में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. शुक्रवार देर रात पीड़िता की मौत के बाद यह मामला हत्या में तब्दील हो गया. पीड़िता ने दो साल पहले प्रदीप बिश्नोई के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप में मामला दर्ज कराया था. करीब एक पखवाड़े पहले प्रदीप बिश्नोई ने ब्यूटी पार्लर संचालिका को जान से मारने की धमकी भी दी थी.
उसी आधार पर परिजनों ने प्रदीप बिश्नोई पर आग लगाकर जलाने का शक जताया था. मृतका विवाद के चलते अपने पति से अलग अपनी बेटी के साथ नानी के पास रह रही थी. राउंडअप किए गए प्रदीप बिश्नोई की भूमिका जांच में अभी तक सामने नहीं आई है. शनिवार को जिला प्रभारी मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने गोलूवाला पहुंच मृतका के परिजनों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता का चेक सौंपा था.