डूंगरपुर. जिले में मेडिकल कॉलेज की ओर से हीमोफीलिया और थैलेसीमिया रोग संबंधी कार्यशाला और स्वैच्छिक रक्तदाता सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में लोगों को रक्तदान की महत्ता समझाई गई और लोगों को अधिक से अधिक रक्तदान की अपील की गई.
डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सामुदायिक भवन में आयोजित हुई कार्यशाला में आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष रूपलाल डामोर मुख्य अतिथि रहे. वहीं, समाजसेवी बदामीलाल वखरिया ने कार्यशाला की अध्यक्षता की.
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. कांतिलाल मेघवाल ने थैलेसीमिया और हिमोफिलिया रोग के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह दोनों रोग रक्त से जुड़े हुए हैं और आनुवंशिक रोग है. इसमें मरीज को खून की कमी हो जाती है और इनके खून में आरबीसी पर्याप्त मात्रा में नहीं बनते हैं. ऐसे में इन रोगों से पीड़ित मरीजों को हर महीने खून की आवश्यकता पड़ती है.
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रूपलाल डामोर ने अपने संबोधन में आदिवासी समाज से आह्वान किया कि वह रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियों से दूर रहें और अधिक से अधिक संख्या में रक्तदान करें. ब्लड बैंक के प्रभारी पद्मेश गांधी ने बताया कि कार्यशाला में पिछले 3 सालों के दौरान रक्तदान शिविर आयोजित करवाने वाले 40 से अधिक संगठनों का सम्मान किया गया और लोगों से कहा कि रक्तदान से कई लोगो की जिंदगी को बचाया जा सकता है. उन्होंने किसी खास दिन को रक्तदान कर यादगार बनाने की भी अपील की गई.