डूंगरपुर. कोरोना संक्रमण के मामले में डूंगरपुर जिला प्रदेश के टॉप 10 जिलों में शुमार है. इसी अप्रैल महीने में कोरोना से सबसे ज्यादा हालात बिगड़ते जा रहे हैं, जबकि सरकार व प्रशासन कोरोना के बढ़ते खतरे को रोकने के लिए हर संभव तमाम प्रयास कर रहा है, लेकिन कोरोना के बढ़ते आंकड़े को रोकना मुश्किल सा लग रहा है, जिससे स्थितियां भयावह बनती जा रही हैं. कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के कारण जिले में किस तरह की स्थितियां है और अंकुश लगाने के लिए प्रशासन क्या कर रहा, यह तमाम जानकारी इस रिपोर्ट में देखिए.
6500 से ज्यादा पॉजिटिव केस इसी महीने में आये, अभी 1800 एक्टिव केस
डूंगरपुर जिले की बात करें तो अप्रैल महीने में कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ा है. इस महीने में अब तक 6500 से ज्यादा पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं. हालांकि अभी राहत की बात ये है कि जिले में करीब 1800 केस ही एक्टिव केस है. जिसमें से करीब 250 लोग कोविड अस्पताल या कोविड केयर सेंटर में भर्ती हैं. इसके अलावा करीब 1600 लोग अपने घरों पर ही होम आइसोलेट हैं. इसमें डूंगरपुर बांसवाडा सांसद कनकमल कटारा और कांग्रेस विधायक गणेश घोघरा भी अपने घरों पर होम आइसोलेट हैं.
कोविड अस्पताल में 305 बेड, अभी 245 बेड पर ही मरीज
कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने बताया कि जिला कोविड अस्पताल में अभी 305 बेड की सुविधा उपलब्ध है, जिसमें से 23 वेंटिलेटर बेड हैं. अस्पताल में वर्तमान में 245 मरीज आइसोलेशन वार्ड, पॉजिटिव वार्ड, नेगेटिव वार्ड व आईसीयू में भर्ती हैं. अस्पताल में अभी भी 60 बेड खाली हैं, जहां मरीजों को भर्ती किया जा सकता है. कलेक्टर ने बताया कि नगर परिषद के वृद्धाश्रम में 100 बेड का नया कोविड अस्पताल तैयार किया जा रहा है, जिससे आने वाले समय में भी अगर मरीजों की संख्या कुछ बढ़ती है, तो बेड की समस्या खत्म हो जाएगी.
80 बेड पर ऑटोमेटिक ऑक्सीजन तो 294 ऑक्सीजन सिलेंडर, 110 का स्टॉक
कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने बताया कि जिले में अभी ऑक्सीजन की कमी की समस्या नहीं आई है. मरीजों को जरूरत के अनुसार पर्याप्त ऑक्सीजन का स्टॉक भी उपलब्ध है, लेकिन कई मरीज ऐसे हैं, जिन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है. वे भी ऑक्सीजन की डिमांड करते हैं. इसलिये माहौल ऐसा बन रहा है. कलेक्टर ने कहा कि जिला कोविड अस्पताल में 80 बेड पर ऑटोमेटिक ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट से सीधे ऑक्सीजन दी जा रही है. इसके अलावा 294 ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध हैं. इसमें से 110 सिलेंडर स्टॉक में भरे हुए उपलब्ध हैं, जो अगले 2 से 3 दिन के लिए पर्याप्त हैं. कलेक्टर ने बताया कि जिले में रोजाना 50 से 60 सिलेंडर ऑक्सीजन की डिमांड रहती है. ऐसे में अभी पर्याप्त उपलब्धता है.
40 डोज रेमडेसिविर ही उपलब्ध, रोजाना डिमांड 100 से ज्यादा डोज
जिले में कोरोना के मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं और उसमें से बड़ी संख्या में गंभीर मरीज भी हैं. ऐसे हालातों से निपटने के लिए रोजाना 100 से ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत है, लेकिन जिले में अभी 40 डोज रेमडिसिवर ही उपलब्ध है. ऐसे में रेमडेसिवर इंजेक्शन की कमी से जिला जूझ रहा है. जिले में बड़ी संख्या में मरीज फेफड़ों में संक्रमण से गुजर रहे हैं और उन मरीजो की जान बचाने के लिए डॉक्टरों की ओर से भी रेमडेसिविर लिखे जा रहे हैं, लेकिन इंजेक्शन की अनुपलब्धता से परेशानी हो रही है.
28 दिन में करीब 130 से ज्यादा लोगो की मौत
जिले में कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा इसी महीने बढ़ा हैं, तो वहीं कोरोना काल में सबसे ज्यादा मौत भी रिकॉर्ड 130 से ज्यादा मौते भी हुई है. जिला कोविड अस्पताल में रोजाना 4 से 5 या कभी इससे ज्यादा लोगों की कोरोना संक्रमण से मौत हो रही है. इसके अलावा निजी अस्पताल, जिले से बाहर इलाजरत मरीज और घरों पर ही होम आइसोलेट मरीजो की भी बड़ी संख्या में मौत के मामले सामने आ रहे हैं, जिससे कोरोना की सबसे भयानक तस्वीर उभरकर सामने आ रही है.
83 प्रतिशत रिकवरी रेट
कलेक्टर ने बताया कि जिले में जिस तरह से कोरोना पॉजिटिव के आंकड़े सामने आ रहे हैं, उतनी ही रफ्तार से रिकवरी रेट भी अब बढ़ रही है, हालांकि उन्होंने माना कि पहले कोरोना के मामले तेज रफ्तार से बढ़े हैं. जिस कारण रिकवरी रेट कम थी, लेकिन अब जिले में करीब 83 प्रतिशत रिकवरी रेट है और बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज ठीक होकर अपने घरों पर हैं. कलेक्टर ने लोगों से कोविड गाइडलाइन का पालन करने के साथ ही दवाइयां लेने से मरीजों के ठीक होने की बात भी कबूली है.
कलेक्टर की सतत निगरानी और मॉनिटरिंग
जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला कोरोना के बढ़ते संक्रमण और उसकी रोकथाम को लेकर किये जा रहे प्रयासों की सतत निगरानी और मॉनिटरिंग कर रहे हैं. कलेक्टर सुरेश कुमार ओला पिछले 20 दिनों से रोजाना जिला कोविड अस्पताल का दौरा करते हुए मरीजों की जांच से लेकर दवा, साफ-सफाई, पानी, ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता, बेड की संख्या, रेमडेसिवर इंजेक्शन की उपलब्धता, डॉक्टरों के राउंड, मरीजों के ऑक्सीजन लेवल की स्थिति सहित अन्य फीडबैक ले रहे हैं, जिससे अस्पताल में जहां व्यवस्थाओं में सुधार हुआ है. वहीं मरीजो को भी राहत मिल रही है. इसके अलावा जिला कलेक्टर जिले में शादियों, बॉर्डर की स्थिति की भी निगरानी कर रहे हैं.
कलेक्टर की अपील: घरों में रहे सुरक्षित रहें और जांच करवाएं
कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने लोगों से कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए घरों पर ही सुरक्षित रहने की अपील की है. वहीं बुखार, सर्दी-जुकाम, खांसी या कोरोना से जुड़े किसी भी तरह के लक्षण नजर आने पर लोगों से तुरंत डॉक्टर से इलाज करवाते हुए जांच करवाने की अपील की है. साथ ही कलेक्टर ने कहा कि मरीज स्थिति गंभीर होने का इंतजार नहीं करें और तुरंत ही अस्पताल पंहुचकर डॉक्टर से अपना चेकअप करवाएं, जिससे जान बचाई जा सके.