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11 महीने से नहीं मिला वेतन, विकास डब्ल्यूएसपी के श्रमिक आंदोलन की राह पर

श्रीगंगानगर में प्रसिद्ध उद्योगपति बीडी अग्रवाल का निधन के बाद विकास डब्ल्यू एसपी लिमिटेड के श्रमिक आंदोलन करने पर उतर आए हैं. जिसमें कारखाने के कर्मचारियों का 11 महीने का वेतन और 3 साल का पीएफ दिलाने की मांग की गई है.

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जिले में आंदोलन की राह पर श्रमिक
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Published : Oct 20, 2020, 2:18 PM IST

श्रीगंगानगर. जिले में ग्वार गम के प्रसिद्ध उद्योगपति बीडी अग्रवाल का निधन होने के बाद विकास डब्ल्यूएसपी लिमिटेड के श्रमिक आंदोलन की राह पर उतर आए हैं. वहीं विकास डब्ल्यूएसपी कर्मचारी मजदूर यूनियन ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

जिले में आंदोलन की राह पर श्रमिक

जिसमें बताया गया है कि कारखाने के कर्मचारियों का 11 महीने का वेतन और 3 साल का पीएफ दिलाने की मांग की है. श्रमिकों का कहना है कि उद्योगपति बीडी अग्रवाल की मौत के बाद कंपनी के मालिक व पूर्व विधायक कामिनी जिंदल ने कर्मचारियों से मीटिंग की.

जिसमें उन्होंने कहा कि अब वे कंपनी नहीं चला सकती हैं. इसलिए सभी श्रमिक अपने स्तर पर नौकरी की तलाश कर लें. यूनियन पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर और भविष्य निधि संगठन विभाग को अवगत करवाया है कि 11 महीने का वेतन और लगभग 3 वर्षों का पीएफ बकाया है और दोनों के हिस्से का पीएफ वेतन में काटने के बाद भी प्रबंधन वर्ग ने उनके पीएफ खातों में जमा नहीं करवाया है.

साथ ही उन्होंने कहा कि कंपनी ने अपना भी पीएफ जमा नहीं करवाया है. वहीं मजदूरों के पीएफ का पैसा कंपनी खुद इस्तेमाल कर रही है जो कि नियम के विरुद्ध है. यूनियन पदाधिकारियों के अनुसार, प्रशासन व संबंधित अधिकारियों को सारा मामला बताने के बाद भी बकाया वेतन और पीएफ नहीं दिया जा रहा है. यूनियन के अनुसार बकाया वेतन और पीएफ के लिए श्रम विभाग को गुहार लगाई गई है.

पढ़ें: राज्यपाल कलराज मिश्र ने ली पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की ऑनलाइन समीक्षा बैठक

वहीं कर्मचारियों से करवाया गया समझौता श्रम विभाग लागू नहीं करवा रहा है. साथ ही पूर्व में समझौता हुआ था कि 25 अगस्त से 2 महीने का वेतन व 3 महीने का पीएफ जमा करवाया जाएगा. यह प्रक्रिया तब तक लागू रहेगी जब तक कि पुराना बकाया खत्म नहीं हो जाता. यूनियन का आरोप है कि श्रम विभाग अपने समझौते को पूरा नहीं कर पा रहा है.

साथ ही श्रम विभाग में यूनियन के पदाधिकारियों और कंपनी मैनेजमेंट गौरव गुप्ता चीफ इंजीनियर से हुई वार्ता में प्रबंधन वर्ग द्वारा नवंबर 2019 का बकाया वेतन मार्च 2021 में देने की बात की गई है. यूनियन की ओर से चेतावनी दी गई है कि अगर जल्दी वेतन और बकाया का भुगतान नहीं किया गया तो वे आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे.

श्रीगंगानगर. जिले में ग्वार गम के प्रसिद्ध उद्योगपति बीडी अग्रवाल का निधन होने के बाद विकास डब्ल्यूएसपी लिमिटेड के श्रमिक आंदोलन की राह पर उतर आए हैं. वहीं विकास डब्ल्यूएसपी कर्मचारी मजदूर यूनियन ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है.

जिले में आंदोलन की राह पर श्रमिक

जिसमें बताया गया है कि कारखाने के कर्मचारियों का 11 महीने का वेतन और 3 साल का पीएफ दिलाने की मांग की है. श्रमिकों का कहना है कि उद्योगपति बीडी अग्रवाल की मौत के बाद कंपनी के मालिक व पूर्व विधायक कामिनी जिंदल ने कर्मचारियों से मीटिंग की.

जिसमें उन्होंने कहा कि अब वे कंपनी नहीं चला सकती हैं. इसलिए सभी श्रमिक अपने स्तर पर नौकरी की तलाश कर लें. यूनियन पदाधिकारियों ने जिला कलेक्टर और भविष्य निधि संगठन विभाग को अवगत करवाया है कि 11 महीने का वेतन और लगभग 3 वर्षों का पीएफ बकाया है और दोनों के हिस्से का पीएफ वेतन में काटने के बाद भी प्रबंधन वर्ग ने उनके पीएफ खातों में जमा नहीं करवाया है.

साथ ही उन्होंने कहा कि कंपनी ने अपना भी पीएफ जमा नहीं करवाया है. वहीं मजदूरों के पीएफ का पैसा कंपनी खुद इस्तेमाल कर रही है जो कि नियम के विरुद्ध है. यूनियन पदाधिकारियों के अनुसार, प्रशासन व संबंधित अधिकारियों को सारा मामला बताने के बाद भी बकाया वेतन और पीएफ नहीं दिया जा रहा है. यूनियन के अनुसार बकाया वेतन और पीएफ के लिए श्रम विभाग को गुहार लगाई गई है.

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वहीं कर्मचारियों से करवाया गया समझौता श्रम विभाग लागू नहीं करवा रहा है. साथ ही पूर्व में समझौता हुआ था कि 25 अगस्त से 2 महीने का वेतन व 3 महीने का पीएफ जमा करवाया जाएगा. यह प्रक्रिया तब तक लागू रहेगी जब तक कि पुराना बकाया खत्म नहीं हो जाता. यूनियन का आरोप है कि श्रम विभाग अपने समझौते को पूरा नहीं कर पा रहा है.

साथ ही श्रम विभाग में यूनियन के पदाधिकारियों और कंपनी मैनेजमेंट गौरव गुप्ता चीफ इंजीनियर से हुई वार्ता में प्रबंधन वर्ग द्वारा नवंबर 2019 का बकाया वेतन मार्च 2021 में देने की बात की गई है. यूनियन की ओर से चेतावनी दी गई है कि अगर जल्दी वेतन और बकाया का भुगतान नहीं किया गया तो वे आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे.

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