डूंगरपुर. प्राकृतिक और नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर रणसागर तालाब के किनारे शुक्रवार को बर्ड फेयर का आयोजन हुआ. आसपुर रोड पर शहर से 9 किलोमीटर दूर रणसागर तालाब में कई पक्षियों की अठखेलियां देखने को मिली. सुबह से ही यहां बर्ड फेयर को लेकर लोगों का जमघट लगना शुरू हो गया था.
बर्ड विशेषज्ञों के अनुसार सुबह में ही यहां पर करीब 100 से ज्यादा बर्ड्स देखने को मिले, जिसमें से कई स्थानीय और प्रवासी पक्षी थे. इन पक्षियों में खासकर फ्लैमिंगो, ब्लैक नेक्ड ग्रुज सहित कई पक्षी दिखे. इस दौरान विशेषज्ञों ने इन पक्षियों की उड़ान, खानपान और वहां के नैसर्गिक सौंदर्य के साथ उनके जलवायु का अध्ययन किया.
पढ़ें- पुलवामा का 'दर्द': जयपुर के शहीद रोहिताश की शहादत को भूली सरकार, ना स्मारक बना..ना बदला स्कूल का नाम
विशेषज्ञों ने बताया, कि पक्षियों के लिए यहां अच्छा माहौल है, जिस कारण से यह उनका पसंदीदा स्थल बना हुआ है. रणसागर तालाब में हजारों की संख्या में पक्षियों की चहचहाहट सुनकर पक्षी प्रेमी खूब उत्साहित हुए. फेयर में पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा सहित कई जनप्रतिनिधियों ने भी बर्ड वॉचिंग की.
बर्ड्स एक्सपर्टों ने कहा, कि उन्होंने कई बर्ड फेयर में हिस्सा लिया है. उन्होंने बताया, कि डूंगरपुर की आबोहवा, जलवायु, तालाबों और झीलों का नैसर्गिक सौंदर्य और पक्षियों के खानपान के लिए सभी चीजें प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है. साथ ही पक्षियों का यहां शिकार नहीं होता है यह अच्छी बात है.
ये पक्षी दिखे बर्ड फेयर में...
बर्ड फेयर में 100 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी देखने को मिले. इनमें खासकर हिमालय और उत्तर के विभिन्न देशों एवं यूरोप से आने वाले पक्षी शामिल रहे. फेयर में हेडेड गूज, ग्रे लेग ग्रुज, नॉर्दन शोवलर, नॉर्दन पिनटेल, कॉमन टील, रेड क्रिस्टेड पोचार्ड, टफटेड पोचार्ड, कॉमन पोचार्ड, गेड़वाल, यूरेशियर विजन, मेलार्ड, फेरजुनेस, पोचार्ड, गरग्रेनी, रडीशेलडक, फ्लेमिंगो और पेलिकन पक्षी दिखे.
पढ़ें- स्पेशल: ना पानी, ना मिट्टी....फिर भी उग रहीं सब्जियां, जानिए आखिर कैसे
साथ ही फेयर में कई स्थानीय पक्षी लेसर विहलसलिंग डक, कॉम्ब डक, इंडियन कॉटल टिल, स्पॉट बिल डक, लिटल बिल, ब्लैक हेडेड और आइबिस सहित कई पक्षी देखकर पक्षी प्रेमी उत्साहित हुए. बता दें कि जिले में 2013 से इस फेयर का आयोजन किया जा रहा है.