डूंगरपुर. कोरोना से बढ़ते खतरे के बीच मरीजों की रिपोर्ट आने में देरी से कई जिंदगियों से खिलवाड़ हो रहा है. ऐसे में कोरोना रिपोर्ट आने में 2 से 3 दिन का समय लग रहा है. इसकी असली वजह है, लैब में 1,200 सैंपल जांच करने की क्षमत. जबकि, रोजाना सैंपल कलेक्शन 2 हजार से 2 हजार 500 के करीब हो रहा है. ऐसे में सैंपल बैकलॉक रहने से रिपोर्ट का इंतजार भारी पड़ता नजर आ रहा है. वहीं जब ईटीवी भारत ने कोरोना संक्रमण के साथ ही सैंपल कलेक्शन के बढ़ते भार को दूर को लेकर प्रशासन की ओर से किए जा रहे इंतजामों को जानने का प्रयास किया तो कलेक्टर ने कहा, जल्द ही 4 हजार सैंपल जांच की क्षमता बढ़ाने के प्रयास करेंगे.
बता दें कि कोरोना संक्रमण का पहला मामला पिछले साल मार्च महीने में सामने आया था, उस समय जिले में कोरोना जांच की सुविधा भी नहीं थी. मुश्किल से 50-100 सैंपल कलेक्शन होता था, जिसे जांच के लिए उदयपुर लैब में भेजा जाता था, और रिपोर्ट तीन दिन बाद ही मिल पाती थी. वहीं अब इसके बाद संक्रमण का खतरा धीरे-धीरे तेज बढ़ा तो डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ही कोरोना लैब शुरू कर दी गई, जहां प्रतिदिन 1200 सैंपल जांच की क्षमता है, लेकिन कोरोना संक्रमण के शुरुआती दौर में लोगों में कोरोना के प्रति ख़ौफ़ के कारण सैंपल संग्रहण का आंकड़ा मुश्किल से 200 से 300 तक हो पाता था. ऐसे में कोरोना का इतना भार लैब पर नहीं था, लेकिन अब हालात बदलते जा रहे है और कोरोना सैंपल देने के लिए लोगों की भीड़ लग रही है. रोजाना 2 से ढाई हजार सैंपल कलेक्शन के साथ ही नए रिकॉर्ड बन रहे है.
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जानकारी के अनुसार मेडिकल कॉलेज कोविड अस्पताल में ही रोजाना 600 से 700 सैंपल कलेक्शन हो रहा है. ऐसे में सैम्पल कलेक्शन भले ही बढ़ रहा है, लेकिन सैंपल जांच की क्षमता 1200 पर ही अटकी है. हालात यह है कि रोजाना 1000 से 1500 सैंपल का बैकलॉक चल रहा है, जिस कारण सैंपल की रिपोर्ट आने से 2 से 3 दिन या फिर कई बार इससे ज्यादा का समय भी लग रहा है और यही इंतजार कोरोना के गंभीर मरीजों पर भारी पड़ता नजर आ रहा है. ऐसे में समय पर सैंपल रिपोर्ट नहीं आने से कई बार मरीज को इलाज मिलने में देरी हो जाती है और हालत गंभीर होने पर रिपोर्ट आने से पहले ही मरीज की जान चली जाती है.
बैकलॉक की स्थिति से निबटने अब 4000 हजार सैंपल जांच की योजना, नई मशीनें पंहुची
मेडिकल कॉलेज कोविड लैब में कोरोना सैंपल के बढ़ते भार को देखते हुए जिला प्रशासन ने अब नई योजना तैयार की है. इसके तहत अब कोविड लैब में सैंपल जांच की क्षमता बढ़ाई जाएगी. इसको लेकर कलेक्टर सुरेश कुमार ओला ने बताया कि कोविड लैब में अभी 1200 सैंपल जांच की क्षमता है, जिसे बढ़ाकर अब 4000 सैंपल प्रतिदिन जांच की करने जा रहे है.
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इसके लिए मेडिकल कॉलेज लेबोरेट्री में 1 बायोरेड आरटीपीसीआर मशीन, 1 ऑटोमैटिक आरएनए एक्सट्रेशन मशीन आ चुकी है. इन मशीनों को लैब में जल्द ही स्टॉलशन का काम पूरा कर लिया जाएगा और इसके बाद जांच की क्षमता 4000 हजार सैंपल प्रतिदिन तक हो जाएगी. ऐसे हालत में मरीजों को एक दिन में ही रिपोर्ट मिल जाएगी, जिससे ये पता चल जाएगा कि मरीज पॉजिटीव है या निगेटिव वहीं उसे समय पर इलाज भी मिल सकेगा. फिलहाल मेडिकल कॉलेज लैब में अभी 4 आरटीपीसीआर मशीनें और एक ऑटोमेटिक एक्ट्रेशन मशीन है.
गांवों में रिपोर्ट के हालत और बदतर, 5 दिनों में मिल रही रिपोर्ट
जिलेभर में कोरोना सैंपल के लिए एकमात्र लैब मेडिकल कॉलेज लैब में ही है. जिला मुख्यालय सहित सीएचसी या पीएचसी पर भी कोरोना सैंपल कलेक्शन किए जा रहे है. इसके अलावा चिकित्सा विभाग की ओर से गांवों में शिविर लगाकर भी सैंपल कलेक्शन किया जा रहा है ताकि कोरोना मरीजो की समय पर ट्रैकिंग कर होम आइसोलेशन और दवाइयां दी जा सके, लेकिन गांवो में जो सैंपल कलेक्शन हो रहे है उनकी रिपोर्ट आने में 4 से 5 दिन का वक्त लग रहा है. ऐसे में कई बार मरीज की हालत खराब हो जाती है और समय पर इलाज नहीं मिल पाने से मौत हो जाती है.
जांच मशीनों के साथ बढ़ेगा मैन पावर
कोविड लैब मशीनों की कम क्षमता के साथ ही मैन पावर की कमी से भी जूझ रही है. हालात यह है कि रोजाना 1200 सैंपल की जांच हो रही है और इसके लिए 6 रिसर्च असिस्टेंट और 18 लैब टेक्निशियन ही है, जिन्हें दिन-रात सैंपल जांच में ड्यूटी पर लगना पड़ रहा है. ऐसे में अब सैंपल जांच की क्षमता 4 हजार तक बढ़ाने के लिए मैन पावर भी बढ़ाया जाएगा. इसके लिए कोविड लैब में 6 रिसर्च असिस्टेंट ओर 10 नए लैब टेक्नीशियन की भर्ती की जाएगी, जिन्हें कोविड काल के भी अस्थाई तौर पर रखा जाएगा.
कितनी जल्दी मिलेगी रिपोर्ट
सरकार से लेकर प्रशासन कोरोना की रोकथाम को लेकर तमाम प्रयास कर रहा है. इसी के तहत कोरोना सैंपल बढ़ाने के साथ ही मरीजों को त्वरित रिपोर्ट देने का प्रयास प्रशासन की ओर से किए जा रहे है ताकि मरीजों को इलाज मिल सके. इसके लिए प्रशासन ने नई मशीनों के साथ मैन पावर भी बढ़ाने जा रहा है. अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन के यह प्रयास कितने रंग लाते है और कितनी जल्दी कोरोना सैंपल की रिपोर्ट मरीजों को मिल पाती है.