डूंगरपुर. जिला परिषद की आखरी साधारण सभा बुधवार को आयोजित की गई. जिसमें बिजली, रसद और स्कूलों में बच्चों को दिए जाने वाले दूध योजना के मुद्दे छाए रहे. साथ ही सदस्यों ने अधिकारियों की लापरवाही पर जमकर आक्रोश जताया.
जिला परिषद की आखरी साधारण सभा होने के कारण ईडीपी हॉल पूरी तरह से खचाखच भरा हुआ रहा. यह बैठक जिला प्रमुख माधवलाल वरहात की अध्यक्षता में आयोजित की गई. बैठक की शुरुआत पिछली बैठक में आई समस्याओं और उनकी अनुपालना रिपोर्ट के साथ हुई. इसके बाद पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों का सदस्यों ने अनुमोदन किया.
बैठक के दौरान पीएचईडी विभाग की ओर से पाइप लाइन के लिए सड़क खोदने के बाद उन्हें वापस नहीं भरने को लेकर सदस्यों ने आक्रोश जताया. बैठक में सदस्य गिरीश ने बिजली के बिल नहीं आने का मुद्दा उठाया. जिस पर प्रेम कुमार पाटीदार ने कहा कि बिल में भारी गड़बड़ियां हो रही हैं. जिनके घर मे एक बल्ब जलता है, उनके घर भी 8 हजार, 15 हजार ओर 20 हजार रुपए के बिल पंहुच रहे हैं. पाटीदार ने कहा कि विभाग की ओर से मीटर रिडिंग ही सही नहीं होती है और यह गंभीर समस्या है.
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इस पर विभागीय अधिकारी ने कहा कि अब से कहीं भी ऐसा होने पर मामले की शिकायत करें, जिस पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी. गिरीश ने कहा कि पहले कृषि कनेक्शन के बिल नहीं आते थे, लेकिन अब किसानों के पास आ रहे हैं. किसान कहां से पैसा लाएगा और अपना बिल भरेगा. जिस पर अधिकारी ने कहा कि अब किसान के एक बार बिल जमा करने पर बाद में पैसा वापस उसके खाते में जाएगा, ऐसी व्यवस्था की गई है.
रसद विभाग से विपिन जैन विभागीय एप के बारे में जानकारी दे रहे थे, जिसपर आसपुर प्रधान ने राशन कम तोलकर देने की शिकायत की और कहा कि डीलर 20 किलो की जगह 19 किलो ही राशन देता है. जिसपर विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. जिसके बाद जैन ने मामले में कार्रवाई का भरोसा दिलाया है. वहीं सदस्य अनिता ने राशन से भरे वाहनों का रात के समय ही डीलर के यहां खाली होने से गड़बड़ी होने का संदेह जताया. जिसपर विभागीय अधिकारी ने इस पर एक्शन लेने की बात कही है.
इस अवसर पर डूंगरपुर विधायक गणेश घोघरा ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय शुरू की गई स्कूलों में बच्चों को दूध पिलाने की योजना पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि बच्चे दूध नहीं पानी पी रहे हैं. जिले में इतने पशुपालन ही नहीं हैं और दूध उत्पादन ही नहीं होता है, तो फिर स्कूलों में बच्चों के लिए दूध कहां से आता है. उन्होंने दूध योजना को बंद करने तक कि बात कही. इस अवसर पर समाज कल्याण विभाग, चिकित्सा विभाग, आईसीडीएस सहित कई विभागों की योजनाओं के बारे में जानकारी दी गई.