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डूंगरपुर में लगी शिव भक्तों की भीड़, साथ में बम-बम भोले.....के जयकारे भी

डूंगरपुर के शिव मंदिरों में सुबह से ही शिव अनुष्ठान शुरू हो गए है. मंदिरों में हर-हर महादेव के जयकारे गूंजने लगे है और दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ लग गई है.

पूजा करते शिव भक्त
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Published : Aug 2, 2019, 1:27 PM IST

डूंगरपुर. पूरे वागड़ क्षेत्र में श्रावण मास को लेकर शुक्रवार को सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगने लगी है. भगवान शिवजी को जल, दूध, दही, पंचामृत अभिषेक से पूजन किया जा रहा है. इसी के साथ भगवान शिव को बेल पत्र, फूल और ऑख के फूलों से पूजा की जा रही है. शहर के नवा महादेव मंदिर, सारणेश्वर शिवालय, धनेश्वर शिवालय, प्रगतिनगर गंगेश्वर शिवालय में सुबह से ही शिव भक्तों की भीड़ लगी हुई है.

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वहीं कई जगह शिव भक्त पैदल ही मंदिरों तक पंहुच रहे है. जहां भगवान शिव का दर्शन करेंगे. इसी के साथ जिले के बेणेश्वरधाम शिव मंदिर, देवसोमनाथ, भुवनेश्वर महादेव मंदिर, गामड़ी आहड़ा गंगेश्वर शिव मंदिरों में एक माह के लिए शिव अनुष्ठान शुरू हो गए.

पूजा करते शिव भक्त

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भगवान शिव के दरबार मे हर-हर महादेव, बम-बम भोले... के जयकारे भी लगाए जा रहे है. वहीं श्रावण मास को लेकर शिव चालीसा पाठ, महामृत्युंजय के पाठ, शिव महास्त्रोत के अनुष्ठान भी किए जाएंगे. इसके अलावा भी कई धार्मिक अनुष्ठानों का दौर चलेगा. इसी के संदर्भ में पंडित संजय पंड्या ने बताया कि श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा और उपासना करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. भगवान को सच्चे मन से भक्त अलग-अलग विधियों से पूजा करते है. इसके अलावा मान्यता है कि इससे घर परिवार में सुख-समृद्धि रहती है.

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डूंगरपुर. पूरे वागड़ क्षेत्र में श्रावण मास को लेकर शुक्रवार को सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगने लगी है. भगवान शिवजी को जल, दूध, दही, पंचामृत अभिषेक से पूजन किया जा रहा है. इसी के साथ भगवान शिव को बेल पत्र, फूल और ऑख के फूलों से पूजा की जा रही है. शहर के नवा महादेव मंदिर, सारणेश्वर शिवालय, धनेश्वर शिवालय, प्रगतिनगर गंगेश्वर शिवालय में सुबह से ही शिव भक्तों की भीड़ लगी हुई है.

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वहीं कई जगह शिव भक्त पैदल ही मंदिरों तक पंहुच रहे है. जहां भगवान शिव का दर्शन करेंगे. इसी के साथ जिले के बेणेश्वरधाम शिव मंदिर, देवसोमनाथ, भुवनेश्वर महादेव मंदिर, गामड़ी आहड़ा गंगेश्वर शिव मंदिरों में एक माह के लिए शिव अनुष्ठान शुरू हो गए.

पूजा करते शिव भक्त

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भगवान शिव के दरबार मे हर-हर महादेव, बम-बम भोले... के जयकारे भी लगाए जा रहे है. वहीं श्रावण मास को लेकर शिव चालीसा पाठ, महामृत्युंजय के पाठ, शिव महास्त्रोत के अनुष्ठान भी किए जाएंगे. इसके अलावा भी कई धार्मिक अनुष्ठानों का दौर चलेगा. इसी के संदर्भ में पंडित संजय पंड्या ने बताया कि श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा और उपासना करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है. भगवान को सच्चे मन से भक्त अलग-अलग विधियों से पूजा करते है. इसके अलावा मान्यता है कि इससे घर परिवार में सुख-समृद्धि रहती है.

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Intro:डूंगरपुर। गुजराती मान्यता के अनुसार शुक्रवार से श्रावण मास की शुरुआत हो गई। जिलेभर के शिव मंदिरों में सुबह से शिव अनुष्ठान शुरू हो गए। मंदिरों में हर-हर महादेव के जयकारे गूंजने लगे और दर्शनों के लिए भक्तों की भीड़ लग गई।


Body:डूंगरपुर सहित पूरे वागड़ क्षेत्र में श्रावण मास को लेकर शुक्रवार सुबह से ही शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगने लगी। भगवान शिवजी को जल, दूध, दही, पंचामृत अभिषेक से पूजन किया गया। इसके बाद भगवान शिव को बिल्व पत्र, फूल और आंक के फूलों से पूजा की गई। सुबह से शिव मंदिरों में उमड़ी भीड़ दिनभर रही। डूंगरपुर शहर के नवा महादेव मंदिर, सारणेश्वर शिवालय, धनेश्वर शिवालय, प्रगतिनगर गंगेश्वर शिवालय में सुबह से शिव भक्तों की भीड़ देखी गई।
वही कई जगह शिव भक्त पैदल-पैदल ही मंदिरों तक पंहुचे, जहां भगवान शिव के दर्शनों के साथ अनुष्ठान किये। जिले के बेणेश्वरधाम शिव मंदिर, देवसोमनाथ, भुवनेश्वर महादेव मंदिर, गामड़ी आहड़ा गंगेश्वर शिव मंदिरों में एक माह के शिव अनुष्ठान शुरू हो गए है। भगवान शिव के दरबार मे हर-हर महादेव, बम-बम भोले... के जयकारे भी लगाए। वही श्रावण मास को लेकर शिव चालीसा पाठ, महामृत्युंजय के पाठ, शिव महास्त्रोत के अनुष्ठान होंगे। इसके अलावा भी कई धार्मिक अनुष्ठानों का दौर चलेगा। पंडित संजय पंड्या ने कहा कि श्रावण मास में भगवान शिव की पूजा उपासना करना सबसे श्रेष्ठ है। भगवान को सच्चे मन से भक्त अलग-अलग विधियों से पूजा करते है और मान्यता है कि इससे घर परिवार में सुख-समृद्धि रहती है।

बाईट- संजय पंड्या, पंडित


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