डूंगरपुर. ग्राम पंचायत घुघरा में मनरेगा योजना में गड़बड़ी का एक नया खेल सामने आया है, जिसके तहत मनरेगा योजना में ग्राम पंचायत में पिछले कई दिनों से मजदूरों से सरपंच की ओर से पंचायत के काम न करवाकर स्वयं के व्यक्तिगत कार्य करवाकर उनका शोषण किया जा रहा है.
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मामले के मुताबिक, पंचायत की ओर से घूघरिया एनीकट कार्य के लिए मास्टर रोल जारी किया हुआ है. लेकिन सरपंच हेमा डोडियार कार्यस्थल पर मजदूरों से काम न करवाकर अपने खेतों में मजदूर लगाकर निराई-गुड़ाई का काम करवा रही हैं. मजदूरों ने बताया, उन्हें सरपंच हेमा ने मेट के जरिए उनके खेतों में काम करने के लिए पाबंद किया है.
माता-पिता की जगह बाल श्रमिक कर रहे थे काम
इतना ही नहीं, पंचायत की सरपंच की ओर से मनरेगा में गड़बड़ी के साथ जेजे एक्ट का भी उल्लंघन किया जा रहा है. सरपंच के खेतों पर निराई-गुड़ाई के काम में मजदूरों की जगह बाल श्रमिकों से काम करवाया जा रहा है. जो कि सीधे-सीधे बाल श्रम कानून की धज्जियां उड़ाने में आता है. वहीं मामले में जब सरपंच से संपर्क साधने की कोशिश की गई तो वो सामने नहीं आईं. लेकिन इस बात का पता चला कि सरपंच साहिबा के पति धूलेश्वर डोडियार जिला परिषद में सहायक विकास अधिकारी हैं और पूरा खेल उनके निर्देशन में चल रहा हैं. वहीं जब इस पूरे मामले में पंचायत समिति डूंगरपुर के विकास अधिकारी बालकृष्ण कोटेड से बात की गई तो उन्होंने पूरे मामले की जांच करवाने की बात कही है.
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बीडीओ ने दिया कार्रवाई का भरोसा
मनरेगा योजना में गड़बड़ी का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी जिले में कई मामले योजना में गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं. बहरहाल, इस पूरे मामले में पंचायत समिति की बीडीओ ने जांच करवाते हुए कार्रवाई की बात कही है. लेकिन पंचायत समिति की ये जांच कब तक पूरी होकर क्या कार्रवाई होती है ये देखने वाली बात होगी.