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डूंगरपुर में रुटीन इम्यूनाइजेशन वैक्सीन का टोटा, नवजातों के जीवन पर बना संकट

जिले में रुटीन इम्यूनाइजेशन वैक्सीन की कमी होने से नवजातों और (Routine Immunization Vaccines shortage in Dungarpur) गर्भवती महिलाओं के जीवन पर संकट बन गया है. डूंगरपुर जिले में सरकार की ओर से अंतिम बार फरवरी माह में रुटीन इम्यूनाइजेशन वैक्सीन के तहत विभिन्न टीकों की आपूर्ति की गई थी. लेकिन मार्च और अप्रैल माह में डिमांड भेजने के बाद भी अभी तक इन वैक्सीन की आपूर्ति नहीं हो पाई है.

Routine Immunization Vaccines shortage in Dungarpur
डूंगरपुर में रूटीन इम्यूनाइजेशन वैक्सीन का टोटा
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Published : May 1, 2022, 12:58 PM IST

डूंगरपुर. नवजात के लिए रुटीन इम्यूनाइजेशन वैक्सीन बेहद जरूरी है, जिसके अभाव में बच्चे को कई तरह की बीमारियां (Routine Immunization Vaccines shortage in Dungarpur) हो सकती हैं. सरकार के तरफ से भी विभिन्न अभियानों के तहत टीकाकरण किया जा रहा है. लेकिन प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में रूटीन इम्यूनाइजेशन वैक्सीन की कमी होने के कारण नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के जीवन पर संकट बन गया है. यहां रूटीन इम्यूनाइजेशन वैक्सीन कार्यक्रम के तहत बीसीजी, डीपीटी, पेंटा, टीडी, एमआर और आईपीवी वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो चुका है.

फरवरी माह में हुई थी अंतिम आपूर्ति: डूंगरपुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश शर्मा ने बताया की डूंगरपुर जिले में वर्तमान में रूटीन इम्यूनाइजेशन वैक्सीन कार्यक्रम में विभिन्न टीकों की कमी है. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से फरवरी महीने में अंतिम बार टीकों की आपूर्ति की गई थी. लेकिन उसके बाद से कोई सप्लाई नहीं हुई है. डूंगरपुर जिला वैक्सीन स्टोर खाली हो चुका है. उन्होंने बताया कि डूंगरपुर स्वास्थ्य विभाग की ओर से मार्च और अप्रैल महीने के लिए डिमांड भेजी गई है, लेकिन टीका उपलब्ध नहीं हो पाया है. इसके चलते नवजात बच्चों और गर्भवती महिलाओं को लगने वाले टीकों के अलावा अन्य टीके नहीं लग पा रहे हैं.

डूंगरपुर में रूटीन इम्यूनाइजेशन वैक्सीन का टोटा

टीकाकरण क्यों है जरुरी: टीकाकरण कराने से बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरक्षण विकसित होता है. उनकी रोग से लड़ने की क्षमता बढती है. वहीं वैक्सीनेशन से बच्चो में कई संक्रामक बीमारियों की वक्त रहते रोकथाम हो जाती है. खसरा, टिटनस, पोलियो, क्षय रोग, गलघोटू, काली खांसी और हेपेटाईटिस जैसी बीमारियों से बचाव के लिए टीके लगवाना सभी बच्चों के लिए जरुरी है. कुछ टीके गर्भवती महिलाओं को भी लगाए जाते हैं, जिससे उन्हें और होने वाले शिशु को टिटनस या अन्य गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है. जिले में वैक्सीन की कमी पर डूंगरपुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया की डिमांड भेजी हुई है, जल्द ही डिमांड की पूर्ति हो जाएगी.

पढे़ं-भरतपुर के 25 फीसदी बच्चे और 27 फीसदी गर्भवती टीकाकरण से महरूम, अब सघन इंद्रधनुष अभियान से लक्ष्य प्राप्ति की कोशिश

बहराल डूंगरपुर जिले में रुटीन इम्यूनाइजेशन वैक्सीन की कमी एक बड़ी समस्या बनी हुई है. विभाग के (Vaccine for New Borns out of Stock in Dungarpur) उच्चाधिकारियों ने जल्द ही वैक्सीन की आपूर्ति होने का आश्वासन दिया है. लेकिन पिछले दो महीने से जिले में वैक्सीन के नहीं होने से (Routine Immunization Vaccines shortage in Dungarpur) राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान भी प्रभावित हुआ है. साथ ही नवजातों और गर्भवती महिलाओं के जीवन पर भी संकट बना हुआ है.

डूंगरपुर. नवजात के लिए रुटीन इम्यूनाइजेशन वैक्सीन बेहद जरूरी है, जिसके अभाव में बच्चे को कई तरह की बीमारियां (Routine Immunization Vaccines shortage in Dungarpur) हो सकती हैं. सरकार के तरफ से भी विभिन्न अभियानों के तहत टीकाकरण किया जा रहा है. लेकिन प्रदेश के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में रूटीन इम्यूनाइजेशन वैक्सीन की कमी होने के कारण नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के जीवन पर संकट बन गया है. यहां रूटीन इम्यूनाइजेशन वैक्सीन कार्यक्रम के तहत बीसीजी, डीपीटी, पेंटा, टीडी, एमआर और आईपीवी वैक्सीन का स्टॉक खत्म हो चुका है.

फरवरी माह में हुई थी अंतिम आपूर्ति: डूंगरपुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ राजेश शर्मा ने बताया की डूंगरपुर जिले में वर्तमान में रूटीन इम्यूनाइजेशन वैक्सीन कार्यक्रम में विभिन्न टीकों की कमी है. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से फरवरी महीने में अंतिम बार टीकों की आपूर्ति की गई थी. लेकिन उसके बाद से कोई सप्लाई नहीं हुई है. डूंगरपुर जिला वैक्सीन स्टोर खाली हो चुका है. उन्होंने बताया कि डूंगरपुर स्वास्थ्य विभाग की ओर से मार्च और अप्रैल महीने के लिए डिमांड भेजी गई है, लेकिन टीका उपलब्ध नहीं हो पाया है. इसके चलते नवजात बच्चों और गर्भवती महिलाओं को लगने वाले टीकों के अलावा अन्य टीके नहीं लग पा रहे हैं.

डूंगरपुर में रूटीन इम्यूनाइजेशन वैक्सीन का टोटा

टीकाकरण क्यों है जरुरी: टीकाकरण कराने से बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरक्षण विकसित होता है. उनकी रोग से लड़ने की क्षमता बढती है. वहीं वैक्सीनेशन से बच्चो में कई संक्रामक बीमारियों की वक्त रहते रोकथाम हो जाती है. खसरा, टिटनस, पोलियो, क्षय रोग, गलघोटू, काली खांसी और हेपेटाईटिस जैसी बीमारियों से बचाव के लिए टीके लगवाना सभी बच्चों के लिए जरुरी है. कुछ टीके गर्भवती महिलाओं को भी लगाए जाते हैं, जिससे उन्हें और होने वाले शिशु को टिटनस या अन्य गंभीर बीमारियों से बचाया जा सकता है. जिले में वैक्सीन की कमी पर डूंगरपुर जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया की डिमांड भेजी हुई है, जल्द ही डिमांड की पूर्ति हो जाएगी.

पढे़ं-भरतपुर के 25 फीसदी बच्चे और 27 फीसदी गर्भवती टीकाकरण से महरूम, अब सघन इंद्रधनुष अभियान से लक्ष्य प्राप्ति की कोशिश

बहराल डूंगरपुर जिले में रुटीन इम्यूनाइजेशन वैक्सीन की कमी एक बड़ी समस्या बनी हुई है. विभाग के (Vaccine for New Borns out of Stock in Dungarpur) उच्चाधिकारियों ने जल्द ही वैक्सीन की आपूर्ति होने का आश्वासन दिया है. लेकिन पिछले दो महीने से जिले में वैक्सीन के नहीं होने से (Routine Immunization Vaccines shortage in Dungarpur) राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान भी प्रभावित हुआ है. साथ ही नवजातों और गर्भवती महिलाओं के जीवन पर भी संकट बना हुआ है.

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