डूंगरपुर. खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की मनरेगा योजना के तहत एक गांव-4 काम योजना वरदान साबित होगी. इस योजना के तहत प्रत्येक गांव में खेल मैदान तैयार किए जाएंगे. इस पर काम करते हुए जिला प्रशासन ने अमल भी शुरू कर दिया है. ऐसे में आने वाले समय में खिलाड़ियों के लिए न केवल अच्छे मैदान उपलब्ध होंगे बल्कि खिलाड़ियों को कई तरह की सुविधाएं भी मिल सकेंगी.
सरकार खेलों को बढ़ावा देने के साथ ही खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है. साथ ही खिलाड़ियों को कई तरह की सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं. इसी के तहत सरकार ने हर गांव में बेहतर खेल मैदान बनाने की योजना तैयार की है. खेल मैदान को लेकर सरकार और जिला प्रशासन की योजना के बारे में हमने डूंगरपुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपेंद्रसिंह राठौड़ से बात की.
सरकार की प्राथमिकता में हैं खेल
डूंगरपुर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपेंद्रसिंह राठौड़ ने बताया कि खेल मैदान विकास राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में भी खिलाड़ियों को अच्छे खेल मैदान उपलब्ध हो सकें और खिलाड़ी वहां नियमित अभ्यास कर अपने खेल में बेहतर प्रदर्शन कर सकें. सीईओ ने बताया कि महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत इन खेल मैदानों को तैयार किया जाएगा. मनरेगा में एक गांव-4 काम योजना पर अमल किया जा रहा है.
एक गांव- चार काम स्कीम
एक गांव-चार काम स्कीम के तहत जिले के प्रत्येक गांव में खेल मैदान बनाये जाएंगे. डूंगरपुर जिले में इन मैदान को तैयार करने का काम मनरेगा के तहत या इससे बाहर भी किया जा रहा है. जिले में अब तक 124 खेल मैदान स्वीकृत कर दिए गए हैं और अन्य खेल मैदान की मंजूरी भी जल्द ही जारी कर दी जाएगी. इसमें मनरेगा के साथ ही स्थानीय फंड का भी उपयोग किया जाएगा.
खेल मैदानों में होंगे ये काम
सीईओ ने बताया कि प्रत्येक गांव में खेल मैदान का विकास किया जा रहा है. जिसके तहत रेसिंग ट्रैक, वॉलीबॉल मैदान, फुटबॉल मैदान के अलावा स्थानीय खेलों के मैदान तैयार किये जायेंगे. खेल मैदान में बैठने के लिए सीटिंग स्टेप भी बनाये जाएंगे. ताकि वहां बैठकर दर्शक खेलों का आनंद ले सकें.
खेल मैदानों की कमी से जूझ रहे खिलाड़ी
जिले की खेल प्रतिभा किसी से छुपी हुई नहीं है. तीरंदाजी हो या फिर फुटबॉल, बास्केटबॉल या अन्य कोई भी खेल. जिले के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर तक नाम रोशन किया है. लेकिन आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में जितनी भी प्रतिभाएं उभरकर सामने आईं वे अपने दौर में अभावों से जूझ कर निकली. डूंगरपुर जिले में खेल मैदान की कमी भी इसकी प्रमुख कारण रहा.
डूंगरपुर जिला मुख्यालय पर लक्ष्मण मैदान, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदान की बेहतर सुविधाएं कहीं भी नहीं हैं. हालांकि स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में अब भी कई खेल मैदान नही बन पाए हैं और न ही सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं. खेल मैदानों की कमी के कारण खिलाड़ी अपना अभ्यास नहीं कर पाते और इसी कारण वे अपने प्रदर्शन में बेहतर नहीं कर पाते हैं. अब गांवों में मैदान बन जाने के बाद निश्चित ही ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को भी आगे आने का अवसर प्राप्त होगा.