डूंगरपुर. प्रभारी मंत्री राजेंद्र यादव प्रशासन शहरों के संग शिविर में अपने संबोधन के दौरान कहा कि आज जनता ने हमें विकास के लिए चुना है, लेकिन डेढ़ साल से कोरोना के कारण कहीं न कहीं विकास के काम रुके हैं. यह समस्या केवल हमारी नहीं पूरे विश्व में है. इसके बावजूद सरकार ने प्रत्येक व्यक्ति को मदद पहुंचाने का प्रयास किया है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की मंशा रही कि लोगों की जो भी छोटी-मोटी समस्याएं हैं, उनका हाथों-हाथ समाधान हो. इसके लिए सरकार ने प्रशासन शहरों के संग शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें 20 विभागों के अधिकारी एक साथ बैठकर लोगों की समस्याओं को दूर करेंगे.
प्रभारी मंत्री राजेंद्र यादव ने नगर परिषद सभापति अमृत कलासुआ के स्वागत भाषण पर चुटकी लेते हुए कहा कि सभापति जी कह रहे थे कि स्वागत है आपका जो कि आज आप आए. इस पर उन्होंने कहा कि आप हमें पहले बुला लेते, हम तो बीजेपी-कांग्रेस की बात नहीं हैं, जितने के बाद तो हम सभी के हो जाते हैं. आपको भी कभी मिलना चाहिए था. ये तो चलता रहता है, उतार-चढ़ाव और विचारधारा की लड़ाई अपनी जगह है, बाकी डुंगरपुर की सेवा करो, ये मौका दिया है भगवान ने आपको. इसे आप जितना हो सके उतना लोगों की सेवा करो. इसके बाद जो मेरे लायक काम है वो आप आधी रात को याद कर लो.
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राजेंद्र यादव ने माइक से सभापति से पूछा कि आपसे पहले जो सभापति थे, आपकी उनसे अच्छी बनती है या नहीं. इस पर शिविर में मौजूद लोगो में ठहाके शुरू हो गए, फिर बोले कि जाने वाले से कभी किसी की नहीं बनती. वैसे मेरा भी ये अनुभव है, मैं जीत के आया इसके बाद मेरी भी दूसरे 2-3 पुराने एमएलए से नहीं बनती है. कोशिश करो कि जो आपको जिम्मेदारी दी है भगवान ने, उसको अच्छे ढंग से बिना भेदभाव के अच्छे से निभाओ. ये तो चलता रहता है.
कोटपूतली नगर परिषद में 40 में से 8 ही कांग्रेस के जीते हैं, लेकिन बीजेपी वाले अच्छे हैं जो खुद ही आ जाते हैं वोट देने. 40 में से 24 हमारे पास आ गए, बाकी बीजेपी के पास ही थे तो इससे डरना मत. आपके यहां भी 2-3 बीजेपी पार्षद मेरे पास सर्किट हाउस आ गए तो पासा कभी भी बदल सकता है. इसके बाद पूरे कार्यक्रम में ठहाके लगने लगे और फिर प्रभारी मंत्री ने कहा कि ये तो मजाक कर रहा हूं. जरूरी नहीं है, ये तो हंसी-मजाक की बाते है. आज जो मुख्य मुद्दा है बीजेपी-कांग्रेस विचारधारा छोड़कर इस समय में जनता की समस्याओं का समाधान कर उन्हें राहत पहुंचाएं.