डूंगरपुर. जिले में चिकित्सा विभाग और पुलिस ने झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चला रखा है. जिसके तहत 100 से ज्यादा झोलाछाप के खिलाफ अब तक अलग-अलग कार्रवाई की गई है. जांच के दौरान इन झोलाछाप की दुकानों पर भारी मात्रा में एलोपैथिक दवाइयां मिली हैं. जिसमें खासकर दर्द निवारक, गर्भपात, मलेरिया के इंजेक्शन जैसी दवाइयां भी शामिल है. जबकि इन दवाईयों को केवल एक विशेषज्ञ डॉक्टर ही लिखकर दे सकता है. झोलाछाप के दुकानों में मरीजों को सस्ते और अच्छे इलाज के नाम पर जानलेवा दवाइयां दी जा रही थी.
CMHO डॉ. महेंद्र परमार ने कहा कि झोलाछाप के दवाखानों पर लगातार कार्रवाई जारी है. पुलिस की ओर से जहां भी कार्रवाई की जा रही है उनकी मांग पर ड्रग इंस्पेक्टर या संबंधित डॉक्टर से जांच करवाई जा रही है. अब तक जांच में झोलाछाप के क्लीनिक पर 50 से ज्यादा तरह की अवैध दवाइयां, इंजेक्शन, ड्रिप मिले है. जबकि उनके पास दवा करने की किसी तरह की कोई योग्यता तक नहीं है.
CMHO ने बताया कि दवा की जांच के दौरान यह भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि झोलाछाप के पास मिली दवाइयां किस बेंच की है और इसे किस केमिस्ट ने सप्लाई की थी. इसके बाद इन झोलाछाप तक यह दवाइयां कैसे सप्लाई की गई, यह भी पता लगाया जा रहा है. कुछ केमिस्ट कमीशन के लालच में इन झोलाछाप को दवाइयां सप्लाई करते है. ऐसे में चिकित्सा विभाग उन केमिस्टों पर भी निगरानी रख रहा है और जल्द ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
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8वीं और 10वी पास फिर भी डॉक्टर बताकर इलाज
CMHO डॉ. परमार ने बताया कि जांच में झोलाछाप के पास कोई वैध डिग्रियां नहीं मिली है. कोई झोलाछाप 8वीं पास है तो कोई 10वीं. मेडिकल की कुछ डिग्रियां फर्जी तरह से लाने के बाद दवाखाने खोलकर मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है.