डूंगरपुर. 12वीं कक्षा की एक छात्रा को डायन बताकर ठीक करने का झांसा देकर उससे दुष्कर्म के दोषी तांत्रिक को पोक्सो कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 65 हजार रुपये जुर्माना की सजा भी सुनाई गई है.
बता दें कि यह फैसला लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 एवं बाल अधिकार सरक्षण आयोग अधिनियम 2005 डूंगरपुर के पीठासीन अधिकारी महेंद्र कुमार सिंहल ने मामले में सुनवाई पूरी करते हुए सुनाया है. लोक अभियोजक भारत भूषण पंड्या ने बताया कि नाबालिग 12वीं की छात्रा को डायन बताकर दुष्कर्म के मामले में आरोपी तांत्रिक महेंद्र भाई पुत्र मोहन भाई बरंडा मीणा निवासी मालपुर सोतड़ा जिला अरवल्ली गुजरात हाल आकोट बावलवाड़ा जिला उदयपुर को पॉस्को और विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास के आदेश दिए हैं.
वहीं डायन प्रताड़ना में 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जिसमें से 60 प्रतिशत राशि पीड़िता को अदा करने के भी आदेश दिए हैं. इसके अलावा कोर्ट ने अलग-अलग धाराओं में 15 हजार रुपये जुर्माना भी सुनाया है. कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से पीड़ित प्रतिकर दिलाने की भी अनुशंषा की है.
गौरतलब है कि 4 अक्टूबर 2017 पीड़िता के भाई ने बिछीवाड़ा थाने में रिपोर्ट देकर बताया कि उसकी बहन एक सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा में पढ़ाई करती है. 28 सितंबर के दिन उसकी बहन बीमार ही गई तो झाड़ फूंक करने वाले तांत्रिक जीवा वरहात को बुलाया. झाड़-फूंक के बाद भी वह ठीक नहीं हुई तो जीवा ने अपने गुरु को बुलाया.30 सितंबर को तांत्रिक महेंद्र भाई ने आते ही पीड़िता पर डायन का असर बताकर लाते-घुसे मारे. इसके बाद अलग कमरे में ले जाकर छात्रा के शरीर पर काट खाया. छात्रा के साथ दुष्कर्म किया. काफी देर तक तांत्रिक बाहर नहीं आया तो देखा तो वह पीड़िता के साथ गलत हरकते कर रहा था और लोगों के आते ही मौके से भाग गया. कोर्ट ने इसी मामले में फैसला सुनाया है.