जोधपुर: रेंज आईजी कार्यालय की साइक्लोनर टीम लगातार वांछित इनामी अपराधियों की धरपकड़ कर रही है. मंगलवार को एक बार फिर टीम ने ऑपरेशन शैली के तहत तीन साल से फरार चल रहे 25 हजार के इनामी तस्कर लोहावट निवासी मोहम्मद इलियास को गिरफ्तार कर लिया है.
रेंज आईजी ने बताया कि इलियास पर लगातार नजर रखी जा रही थी. वह सुदूर असम में अपना ठिकाना बन चुका था और बरपेटा से उत्तरपूर्व से मारवाड़ तक तस्करी का नेटवर्क चला रहा था. उसे पकड़ने के लिए टीम गुवाहाटी जाने वाली थी. संयोगवश वह कार से राजस्थान के लिए रवाना हो गया. मंगलवार को वह राजस्थान में प्रवेश कर गया. सीमा से टीम उसके पीछे लग गई. जयपुर रिंग रोड पर वह एक ढाबे पर रुका. जिसके बाद पीछा करती टीम ने उसे दबोच लिया. आईजी ने बताया कि इलियास के नाम के अक्षरों को उलटा कर ऑपरेशन शैली तय किया गया था.
तस्करों को मिलवाता था, फिर खड़ा किया नेटवर्क: इलियास ने झारखंड से तस्करी की शुरुआत की थी. वहां से खेप लेकर आता था. 2019 में रतनगढ़ पुलिस ने उसे पकड़ा. अगले साल जमानत पर बाहर आने तक वह उसके कई तस्करों से सम्पर्क हो गए. 2022 वह फलोदी में पुलिस के हत्थे चढ़ने से बच गया. इसके बाद उसने गुवाहाटी में अपना काम शुरू किया. होटल संचालक की आड़ में वह मारवाड़ के तस्करों का उत्तर पूर्वी क्षेत्र के तस्करों से गठजोड़ करवाने लगा. इसके बाद धीरे धीरे अपना नेटवर्क खड़ा कर लिया. फलोदी पुलिस ने उस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था.
सऊदी अरब गया कमाने, वापस आकर तस्कर बना: रेंज आईजी ने बताया कि इलियास दसवीं तक पढ़ा हुआ है. दसवीं पास करने के बाद वह सऊदी अरब काम करने के लिए चला गया था, लेकिन वहां मेहनत ज्यादा थी. इसलिए जब वापस लौटा तो दोबारा नहीं गया. उसे स्थानीय स्तर पर लोगों से पता चला कि मादक पदार्थों की एक खेप की डिलीवरी में ही लाखों के वारे न्यारे हो जाते हैं. इसके चलते उसने मार्बल का काम छोड़ अफीम की तस्करी चुनी. झारखंड से पहली बार ट्रक में खेप लेकर आया था.