डूंगरपुर. माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से दो दिवसीय प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापक की सत्रारंभ वाकपीठ का उद्घाटन गुरुवार को हुआ. वाकपीठ के पहले दिन उद्घाटन के साथ ही शिक्षा में नवाचारों पर चर्चा की गई.
नगर परिषद के ऑडिटोरियम हॉल में आयोजित वाकपीठ के उद्घाटन सत्र में कांग्रेस जिलाध्यक्ष दिनेश खोडनिया ने शिक्षा की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि पिछले दो सालों से हमारे यहां का नोजवान युवा गुमराह हो रहा है. उसे जातिवाद की विचारधारा से भ्रमित किया जा रहा है, जबकि सरकार सभी वर्ग के बेहतर शिक्षा के लिए काम कर रही है.
खोडनिया ने राजनीति से ऊपर उठकर जातिवादी विचारधारा को हराने ओर शिक्षकों को बच्चो के संस्कारित शिक्षा देने की बात कही. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनजाति क्षेत्र के विद्यार्थियों की भलाई चाहती है. इसीलिए सरकार ने अपने बजट में सागवाड़ा में उच्च स्तरीय कोचिंग सेंटर खोलने की घोषणा की है, जिससे आने वाले समय में जिले के विद्यार्थियों को कोटा से भी बड़ा सेंटर मिलेगा.
पूर्व सांसद ताराचन्द भगोरा ने भी शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने की बात कही. मंच पर पूर्व राज्यमंत्री असरार अहमद, कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री शंकर यादव, पूर्व विधायक सुरेंद्र बामनिया, शिक्षा विभाग के उपनिदेशक भरत मेहता, सीडीईओ हेमेंद्र कुमार उपाध्याय सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे.
वाकपीठ कार्यकारिणी के अध्यक्ष सुरेश मेहता ने बताया कि दो दिवसीय वाकपीठ में जिलेभर के प्रधानाचार्य और प्रधानाध्यापक मिलकर शिक्षा के क्षेत्र में किस तरह से बेहतर प्रयास किये जा सकते है. किन स्कूलो में अच्छे काम किये गए हैं, इस पर शिक्षाविदों की ओर से विचार रखे जाएंगे. अच्छे सुझाव और प्रयास के निर्णय लेकर सरकार को प्रस्ताव भेजे जाएंगे.