डूंगरपुर. जिले में तेजी से पैर पसारते कोरोना संक्रमण के बीच राहत की बात ये है कि यहां रिकवरी रेट भी अच्छा है. डूंगरपुर में कोरोना का रिकवरी रेट करीब 90 फीसदी है. वहीं, अगर इस संक्रमण से बचाव की बात करें तो सरकार से लेकर प्रशासन मास्क का उपयोग करने, सोशल डिस्टेंसिंग की पालन के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है.
कोरोना संक्रमण से बचाव में सैनिटाइजेशन का भी अहम योगदान है. जिला अस्पताल के साथ ही शहर को संक्रमण से बचाने के सैनिटाइजेशन किस तरह हो रहा है. इस विषय पर ईटीवी भारत ने जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. कांतिलाल मेघवाल और नगर परिषद के सभापति केके गुप्ता से बातचीत की.
शहर के हर गली-मोहल्ले और घरों पर किया गया सैनिटाइजेशन
ईटीवी भारत से बातचीत में नगर परिषद सभापति केके गुप्ता ने कहा कि देश में कोरोना महामारी शुरू होते ही 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के साथ ही राज्य सरकार की ओर से लॉकडाउन लागू किया गया. इससे पहले ही नगर परिषद की ओर से बचाव के तमाम उपाय करना शुरू कर दिया था. स्वच्छता के मामले में देशभर में डंका बजाने वाले डूंगरपुर नगर परिषद ने शहर को सैनिटाइज करने का कार्य प्रारंभ कर दिया था.
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सभापति गुप्ता ने बताया कि कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा रोडवेज बसों में यात्रियों को था, तो इसके लिए 14 मार्च से ही बसों के साथ ही बस स्टैंड पर सोडियम हाइपोक्लोराइट से सैनिटाइजेशन किया गया. लॉकडाउन के दौरान हजारों की संख्या में प्रवासियों के आने के कारण कोरोना विस्फोट का डर था, लेकिन परिषद की ओर से डूंगरपुर शहर से लेकर सभी सार्वजनिक स्थान, सरकारी कार्यालयों के अलावा राजस्थान-गुजरात रतनपुर बॉर्डर पर भी सैनिटाइजेशन किया गया.
इसी दौरान शहर को संक्रमण से बचाने के लिए शहर के सभी 30 वार्डों में प्रत्येक गली-मोहल्ले को सैनिटाइज करवाया गया. इसके बाद शहर में 60 हजार की आबादी को कोरोना जैसे खतरे से सुरक्षित रखने के लिए प्रत्येक घर को भी सैनिटाइज किया गया.
सभापति ने बताया कि नगर परिषद लगातार शहर को कोरोना से बचाने के लिए प्रयास कर रही है. इसके लिए प्रत्येक शहरवासी को महिला उन्नति केंद्र की ओर से तैयार कपडे़ के मास्क वितरित किए गए हैं. शहर में जगह-जगह हाथ धोने के लिए केंद्र बनाए गए. सभापति केके गुप्ता ने बताया कि शहर को कोरोना से बचाने के लिए हर संभव प्रयास जारी रहेंगे.
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अस्पताल से लेकर डेड बॉडी सैनिटाइजेशन के लिए पर्याप्त इंतजाम: PMO
ईटीवी भारत से बातचीत में जिला अस्पताल के पीएमओ डॉ. कांतिलाल मेघवाल ने बताया कि कोरोना माहामारी को लेकर सुरक्षा के पूरे इंतजाम किए गए हैं. अस्पताल के प्रत्येक वार्ड को सोडियम हाइपोक्लोराइट से सैनिटाइज करने के साथ ही पोछा भी लगाया जा रहा है.
खासकर कोविड अस्पताल में भी सैनिटाइजेशन करवाया जा रहा है, ताकि संक्रमण का खतरा नहीं रहे. डॉ. मेघवाल ने बताया कि कोरोना से बचाव को लेकर मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन जरूरी हिस्सा है. कोरोना से मौत और इसके बाद शव को संक्रमण से मुक्त करने के सवाल पर पीएमओ ने कहा कि पहले बॉडी को नियमानुसार सैनिटाइज किया जाता है. फिर नाक, कान को रुई से पैक करने के बाद पीपीई किट पहनाकर प्लास्टिक में अच्छे से पैक किया जाता है. जिससे किसी तरह का कोई खतरा नहीं रहे.
उन्होंने कहा कि अभी अस्पताल के पास 600 लीटर सोडियम हाइपोक्लोराइट उपलब्ध है और जरूरत के अनुसार जिला कलेक्टर के माध्यम से खरीद की जाती है. इसे लेकर बजट की भी अभी तक कोई समस्या नहीं है.
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अब तक 677 कोरोना पॉजिटिव, 5 की मौत
जिले में कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है. अब तक 677 कोरोना पॉजिटिव केस आ चुके है और सबसे ज्यादा संक्रमित मामले सागवाड़ा क्षेत्र से हैं. इसके अलावा अब तक कोरोना से 5 लोगों की मौत हो चुकी है. जिसमें डूंगरपुर शहर के प्रतापनगर कॉलोनी से एक 22 साल की युवती को छोड़कर अन्य 4 बुजुर्ग लोगों की मौत हुई है. वहीं, जिले का रिकवरी रेट 91 प्रतिशत है.
जिले में किस महीने कितने पॉजिटिव आए
- अप्रैल- 8
- मई- 359
- जून- 76
- जुलाई- 147
- अब तक कुल- 677 पॉजिटिव केस