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डूंगरपुर हिंसा मामला: गृह सचिव ने दूसरे दिन भी की जनसुनवाई, बड़ी संख्या में पहुंचे लोग

डूंगरपुर हिंसा की जांच के लिए आए गृह सचिव नारायण मीणा ने अपने दौरे के दूसरे दिन भी हिंसा प्रभावित लोगों से बातचीत की. इस दौरान लोगों ने अपने नुकसान के बारे में गृह सचिव को बताया और सरकार से 100 फीसदी भरपाई की मांग की.

rajasthan news,  dungarpur violence
राजस्थान गृह सचिव का डूंगरपुर दौरा
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Published : Oct 11, 2020, 7:42 PM IST

डूंगरपुर. नेशनल हाइवे 8 पर शिक्षक भर्ती 2018 में अनारक्षित वर्ग के रिक्त 1167 पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग को लेकर हुए हिंसक उपद्रव की जांच के लिए गृह सचिव नारायणलाल मीणा डूंगरपुर आए हुए हैं. अपने दौरे के दूसरे दिन गृह सचिव ने सर्किट हाउस में जनसुनवाई की.

इस दौरान उन्होंने हिंसा प्रभावित लोगों के बयान दर्ज किए और पूरे मामले को सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया. जनसुनवाई के दूसरे दिन बड़ी संख्या में हिंसा प्रभावित लोग पहुंचे और अपने नुकसान के बारे में गृह सचिव को बताया. गृह सचिव नारायणलाल मीणा ने इस हिंसा में प्रभावित हुए लोगों की बात को ध्यान से सुना और उनके बयान भी दर्ज किए.

पढ़ें: Exclusive : महिला अत्याचारों पर जब तक सरकार गंभीर नहीं होगी, तब तक न्याय की बात बेइमानी : अनुपमा सोनी

जनसुनवाई में आए कई लोगों ने गृह सचिव को हिंसा से जुड़े ऑडियो-वीडियो और फोटो भी सबूत के तौर पर दिए. गृह सचिव से हिंसा प्रभावित लोगों ने नुकसान का 100 फीसदी भुगतान देने की बात कही. इस दौरान बीटीपी के चौरासी विधायक राजकुमार रोत, सागवाडा विधायक रामप्रसाद डिन्डोर ने भी गृह सचिव से अकेले में मुलाकात की और अपना पक्ष रखा.

विधायकों ने शिक्षक भर्ती को लेकर आंदोलनरत छात्रों का पक्ष भी बताया. गृह सचिव को पीड़ितों के बयानों और इस हिंसा के दौरान हुए नुकसान पर एक विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपनी हैं. जिसमें हिंसा रोकने में पुलिस प्रशासन की नाकामी और अब तक की कार्रवाई की भी रिपोर्ट दी जाएगी.

डूंगरपुर. नेशनल हाइवे 8 पर शिक्षक भर्ती 2018 में अनारक्षित वर्ग के रिक्त 1167 पदों को एसटी वर्ग से भरने की मांग को लेकर हुए हिंसक उपद्रव की जांच के लिए गृह सचिव नारायणलाल मीणा डूंगरपुर आए हुए हैं. अपने दौरे के दूसरे दिन गृह सचिव ने सर्किट हाउस में जनसुनवाई की.

इस दौरान उन्होंने हिंसा प्रभावित लोगों के बयान दर्ज किए और पूरे मामले को सरकार तक पहुंचाने का भरोसा दिलाया. जनसुनवाई के दूसरे दिन बड़ी संख्या में हिंसा प्रभावित लोग पहुंचे और अपने नुकसान के बारे में गृह सचिव को बताया. गृह सचिव नारायणलाल मीणा ने इस हिंसा में प्रभावित हुए लोगों की बात को ध्यान से सुना और उनके बयान भी दर्ज किए.

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जनसुनवाई में आए कई लोगों ने गृह सचिव को हिंसा से जुड़े ऑडियो-वीडियो और फोटो भी सबूत के तौर पर दिए. गृह सचिव से हिंसा प्रभावित लोगों ने नुकसान का 100 फीसदी भुगतान देने की बात कही. इस दौरान बीटीपी के चौरासी विधायक राजकुमार रोत, सागवाडा विधायक रामप्रसाद डिन्डोर ने भी गृह सचिव से अकेले में मुलाकात की और अपना पक्ष रखा.

विधायकों ने शिक्षक भर्ती को लेकर आंदोलनरत छात्रों का पक्ष भी बताया. गृह सचिव को पीड़ितों के बयानों और इस हिंसा के दौरान हुए नुकसान पर एक विस्तृत रिपोर्ट सरकार को सौंपनी हैं. जिसमें हिंसा रोकने में पुलिस प्रशासन की नाकामी और अब तक की कार्रवाई की भी रिपोर्ट दी जाएगी.

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