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राजस्थान के जिन गांवों में नहीं है किराने की दुकान...वहां प्रशासन ने बनाया 'आपणी दुकान'

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Published : Apr 15, 2020, 6:32 PM IST

डूंगरपुर जिले के साबला उपखंड दूरस्त गावों में एक किराने की दुकान न होने से लॉकडाउन के दौरान ग्रामीणों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. ऐसे में साबला उपखंड अधिकारी ने पहल करते हुए गांव में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों पर ही 'आपणी दुकान' नाम से किराना स्टोर स्थापित किया है. यहां से ग्रामीणों को राशन का सामान उपलब्ध हो रहा है.

Grocery store in Anganwadi centers, आंगनबाड़ी में किराने की दुकान
आंगनवाड़ी केंद्र बने 'आपणी दुकान'

डूंगरपुर. कोरोना संक्रमण के प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाया है. लॉकडाउन में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोये इसके लिए डूंगरपुर जिला प्रशासन पूरी तरह से कटिबद्ध है.इसी कड़ी में डूंगरपुर के साबला उपखंड अधिकारी मनीष फौजदार ने दूरस्थ गावों और ढाणियों में जहां किराणा की दुकाने नहीं है, उन क्षेत्रों के लिए एक अनूठी पहल की है.

आंगनवाड़ी केंद्र बने 'आपणी दुकान'

साबला उपखंड अधिकारी मनीष फौजदार ने दूरस्थ गावों और ढ़ाणियों में जहां किराना की दुकाने नहीं हैं, उन क्षेत्रो के लिए एक अनूठी पहल की है. साबला उपखंड अधिकारी सम्बंधित क्षेत्रो की आंगनबाड़ी केन्द्रों को आपणी दूकान के रूप में विकसित किया है.

साबला उपखंड अधिकारी मनीष फौजदार ने बताया की साबला उपखंड क्षेत्र में 49 ऐसे गांव और ढ़ाणियां है,जहां एक भी किराना स्टोर नहीं है. इसे देखते हुए ऐसे दूरस्थ गांवों में आंगनवाड़ी केंद्रों में किराने का दुकान स्थापित किया गया है. ये आंगनवाड़ी तकरीबन 50 से 60 घरों पर होता है. यहां थोक रेट पर दूरस्थ स्थान वाले ग्रामों पर किराना की दुकान स्थापित की गई है.

ये पढ़ेंः पांच के पंच से COVID-19 पस्त, अजमेर कोरोना वायरस से मुक्त

एसडीएम ने बताया कि पुरे राज्य में यह पहला प्रयोग है. दूरस्थ स्थानों पर दुकान नहीं है और लोगों को आसपास के शहरों में पैदल किराना का सामान लाने हेतु जाना पड़ता था. उपखंड अधिकारी मनीष फौजदार ने बताया की 49 गावों की 25 आंगनबाड़ी को चयनित कर उन्हें 'आपणी दुकान' बनाया गया है. यहां पर लॉकडाउन के दरम्यान लोगों को उचित मूल्य पर तेल, आटा, मसाले, दाल, चीनी चाय पत्ती सहित किराना सामान मिलेगा.

बता दें कि इन केन्द्रों पर किराना सामान पहुंचा दिया गया है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोगों को समान बेच रहीं है. इन आंगनबाडी सेंटर पर किराना का सामान पहुंचाने और लोगों को उचित मूल्य पर सामान बेचने तक की जवाबदेही तहसीलदार बद्रीलाल सुथार, विकास अधिकारी हिंगलाजदान चारण और महिला बाल विकास विभाग सीडीपीओ प्रेमलता जैन सहित ग्राम सचिव और पटवारी को दी गई है.

डूंगरपुर. कोरोना संक्रमण के प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाया है. लॉकडाउन में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोये इसके लिए डूंगरपुर जिला प्रशासन पूरी तरह से कटिबद्ध है.इसी कड़ी में डूंगरपुर के साबला उपखंड अधिकारी मनीष फौजदार ने दूरस्थ गावों और ढाणियों में जहां किराणा की दुकाने नहीं है, उन क्षेत्रों के लिए एक अनूठी पहल की है.

आंगनवाड़ी केंद्र बने 'आपणी दुकान'

साबला उपखंड अधिकारी मनीष फौजदार ने दूरस्थ गावों और ढ़ाणियों में जहां किराना की दुकाने नहीं हैं, उन क्षेत्रो के लिए एक अनूठी पहल की है. साबला उपखंड अधिकारी सम्बंधित क्षेत्रो की आंगनबाड़ी केन्द्रों को आपणी दूकान के रूप में विकसित किया है.

साबला उपखंड अधिकारी मनीष फौजदार ने बताया की साबला उपखंड क्षेत्र में 49 ऐसे गांव और ढ़ाणियां है,जहां एक भी किराना स्टोर नहीं है. इसे देखते हुए ऐसे दूरस्थ गांवों में आंगनवाड़ी केंद्रों में किराने का दुकान स्थापित किया गया है. ये आंगनवाड़ी तकरीबन 50 से 60 घरों पर होता है. यहां थोक रेट पर दूरस्थ स्थान वाले ग्रामों पर किराना की दुकान स्थापित की गई है.

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एसडीएम ने बताया कि पुरे राज्य में यह पहला प्रयोग है. दूरस्थ स्थानों पर दुकान नहीं है और लोगों को आसपास के शहरों में पैदल किराना का सामान लाने हेतु जाना पड़ता था. उपखंड अधिकारी मनीष फौजदार ने बताया की 49 गावों की 25 आंगनबाड़ी को चयनित कर उन्हें 'आपणी दुकान' बनाया गया है. यहां पर लॉकडाउन के दरम्यान लोगों को उचित मूल्य पर तेल, आटा, मसाले, दाल, चीनी चाय पत्ती सहित किराना सामान मिलेगा.

बता दें कि इन केन्द्रों पर किराना सामान पहुंचा दिया गया है. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लोगों को समान बेच रहीं है. इन आंगनबाडी सेंटर पर किराना का सामान पहुंचाने और लोगों को उचित मूल्य पर सामान बेचने तक की जवाबदेही तहसीलदार बद्रीलाल सुथार, विकास अधिकारी हिंगलाजदान चारण और महिला बाल विकास विभाग सीडीपीओ प्रेमलता जैन सहित ग्राम सचिव और पटवारी को दी गई है.

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