डूंगरपुर. निजीकरण के विरोध में बिजली निगम के कर्मचारियों का आंदोलन जारी है. इसी के तहत बुधवार को अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ की ओर से जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरना-प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के आदेशों का जमकर विरोध जताते हुए समस्या का समाधान करने की गुहार लगाई.
अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ के बैनर तले बुधवार को कर्मचारी कलेक्ट्रेट के सामने एकत्रित हुए और सरकार के आदेशों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया. संघ के जिलाध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि सरकार बिजली का निजीकरण करना चाहती है, जबकि निगम के कर्मचारी ही एमबीसी और एफआरसी का काम कर रहे हैं. बावजूद सरकार ने उन्हें ठेके पर देने के आदेश जारी कर दिए हैं.
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उन्होंने बताया कि निजीकरण व ठेकों के कारण निगम का घाटा बढ़ रहा है, जबकि निगम में पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध हैं. निगम की ओर से जो कार्य कम दर पर किया जा रहा है. उसी कार्य को दुगुनी दर पर ठेके में दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि विद्युत निगम का कार्य अत्यावश्यक कार्य की श्रेणी में आता है, इसलिए कोविड 19 के दौरान मार्च 2020 में स्थगित वेतन को वापस लौटाया जाए. साथ ही सितंबर माह से 1 से 2 दिन के वेतन कटौती को भी बंद करने की मांग रखी है. निगम कर्मचारियों ने उनकी मांगों के पूरा नहीं होने तक आंदोलन को जारी रखने की चेतावनी दी है.