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डूंगरपुर में निजीकरण का विरोध...बिजली विभाग के कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, आंदोलन की चेतावनी

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Published : Oct 28, 2020, 3:53 PM IST

विद्युत निगम के निजीकरण के विरोध में अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ के बैनर तले कर्मचारियों ने डूंगरपुर जिला कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया. साथ ही उन्होंने सरकार से कोरोना काल के दौरान मार्च महीने का वेतन वापस करने सहित अन्य मांगें की हैं.

Power Employees Protest in Dungarpur, Employees Against Privatization
निजीकरण के विरोध में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

डूंगरपुर. निजीकरण के विरोध में बिजली निगम के कर्मचारियों का आंदोलन जारी है. इसी के तहत बुधवार को अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ की ओर से जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरना-प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के आदेशों का जमकर विरोध जताते हुए समस्या का समाधान करने की गुहार लगाई.

निजीकरण के विरोध में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ के बैनर तले बुधवार को कर्मचारी कलेक्ट्रेट के सामने एकत्रित हुए और सरकार के आदेशों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया. संघ के जिलाध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि सरकार बिजली का निजीकरण करना चाहती है, जबकि निगम के कर्मचारी ही एमबीसी और एफआरसी का काम कर रहे हैं. बावजूद सरकार ने उन्हें ठेके पर देने के आदेश जारी कर दिए हैं.

पढ़ें- राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा-2020 के एग्जाम सेंटर जारी, अब एडमिट कार्ड का इंतजार

उन्होंने बताया कि निजीकरण व ठेकों के कारण निगम का घाटा बढ़ रहा है, जबकि निगम में पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध हैं. निगम की ओर से जो कार्य कम दर पर किया जा रहा है. उसी कार्य को दुगुनी दर पर ठेके में दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि विद्युत निगम का कार्य अत्यावश्यक कार्य की श्रेणी में आता है, इसलिए कोविड 19 के दौरान मार्च 2020 में स्थगित वेतन को वापस लौटाया जाए. साथ ही सितंबर माह से 1 से 2 दिन के वेतन कटौती को भी बंद करने की मांग रखी है. निगम कर्मचारियों ने उनकी मांगों के पूरा नहीं होने तक आंदोलन को जारी रखने की चेतावनी दी है.

डूंगरपुर. निजीकरण के विरोध में बिजली निगम के कर्मचारियों का आंदोलन जारी है. इसी के तहत बुधवार को अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ की ओर से जिला कलेक्ट्रेट के सामने धरना-प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कर्मचारियों ने सरकार के आदेशों का जमकर विरोध जताते हुए समस्या का समाधान करने की गुहार लगाई.

निजीकरण के विरोध में बिजली विभाग के कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन

अजमेर विद्युत वितरण निगम श्रमिक संघ के बैनर तले बुधवार को कर्मचारी कलेक्ट्रेट के सामने एकत्रित हुए और सरकार के आदेशों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया. संघ के जिलाध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि सरकार बिजली का निजीकरण करना चाहती है, जबकि निगम के कर्मचारी ही एमबीसी और एफआरसी का काम कर रहे हैं. बावजूद सरकार ने उन्हें ठेके पर देने के आदेश जारी कर दिए हैं.

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उन्होंने बताया कि निजीकरण व ठेकों के कारण निगम का घाटा बढ़ रहा है, जबकि निगम में पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध हैं. निगम की ओर से जो कार्य कम दर पर किया जा रहा है. उसी कार्य को दुगुनी दर पर ठेके में दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि विद्युत निगम का कार्य अत्यावश्यक कार्य की श्रेणी में आता है, इसलिए कोविड 19 के दौरान मार्च 2020 में स्थगित वेतन को वापस लौटाया जाए. साथ ही सितंबर माह से 1 से 2 दिन के वेतन कटौती को भी बंद करने की मांग रखी है. निगम कर्मचारियों ने उनकी मांगों के पूरा नहीं होने तक आंदोलन को जारी रखने की चेतावनी दी है.

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