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डूंगरपुर: शराब के 22 ठेकों के लिए सरकार ने घटाए रिजर्व प्राइज, 18 जून को होगी ई नीलामी

डूंगरपुर में 50 में से 22 शराब के ठेके (Liquor Shops) अब तक नहीं उठे है. इसमें प्रदेश की सबसे महंगी और गुजरात राज्य की सीमा से सटी शराब की दुकान भी शामिल हैं.

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डूंगरपुर में 18 जून को होगी 22 ठेकों की ई नीलामी
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Published : Jun 15, 2021, 2:35 PM IST

डूंगरपुर. सरकार को सबसे ज्यादा कमाई देने वाला आबकारी विभाग (Excise Department) कोरोना संक्रमण का शिकार हो गया है. यही कारण है कि जिले में 50 में से 22 शराब के ठेके (liquor shops) अब तक नहीं उठे है. इसमें प्रदेश की सबसे महंगी और गुजरात राज्य की सीमा से सटी शराब की दुकान भी शामिल हैं.

डूंगरपुर में 18 जून को होगी 22 ठेकों की ई नीलामी

वहीं शराब ठेके नहीं उठने के बाद अब सरकार ने न्युनतम रिजर्व प्राइज (minimum reserve price) 70 प्रतिशत घटा दी है, जिससे सरकार को इन 22 दुकानों से 73 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा. हालांकि विभाग को शराब के ठेके उठने के बाद इस नुकसान के कम होने की उम्मीद है.

प्रदेश में शराब को सबसे बड़ा राजस्व का जरिया भले ही माना जाता है, लेकिन इस बार शराब के ठेकेदारों ने शराब के ठेके उठाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. इसकी बड़ी वजह है कोरोना संक्रमण काल के साथ ही शराब के ठेकों की महंगी रिजर्व प्राइज. जिस कारण शराब के बड़े ठेकेदारों ने भी रुचि नहीं ली.

पढ़ें: राजस्थान में ₹ 999 करोड़ से भी ऊपर निकली शराब के ठेके की बोली

ऐसे हालात से सरकार ने सातवीं बार फिर नीलामी की योजना बनाई है. जिसके तहत सरकार ने इन 22 शराब की दुकानों की रिजर्व प्राइज आधी से भी ज्यादा 70 प्रतिशत तक कम कर दी है. इसका असर यह हुआ कि पहले सरकार को इन 22 दुकानों से 1 अरब 17 करोड़ 37 लाख 57 हजार 320 रुपये का राजस्व मिलता. लेकिन न्यूनतम रिजर्व प्राइज घटाने के बाद अब सरकार को 43 करोड़ 93 लाख रुपये का राजस्व ही मिलेगा.

ऐसे में देखा जाए तो सरकार को सीधे 73 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान है. हालांकि इसे लेकर आबकारी विभाग का तर्क है कि शराब के ठेकों में नीलामी में कई ठेके न्यूनतम रिजर्व प्राइज से ज्यादा में उठेंगे. जिससे राजस्व घाटा कम होने की उम्मीद लगा रहे हैं.

पढ़ें: चूरू में जान पर भारी जाम !...दो शराब ठेके 72 घंटे के लिए सीज

इधर, कंपोजिट राशि मे भी 60 फीसदी तक कमी

सरकार ने शराब ठेकेदारों को लुभाने के लिए रिजर्व प्राइज के साथ ही कंपोजिट राशि (composite amount) मे भी 60 प्रतिशत तक की कमी की है. ऐसे में कंपोजिट राशि से भी सरकार को करोड़ो का नुकसान झेलना पड़ेगा. इधर सरकार की ओर से बची हुई इन 22 शराब की दुकानों के लिए 18 जून को नए सिरे से बोली लगाई जाएगी. इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है.

सबसे महंगी दुकान खजूरी 19 करोड़ की जगह 10 करोड़ पर अटकी

प्रदेश में शराब की सबसे महंगी दुकान खजूरी की है. जिसकी न्यूनतम रिजर्व प्राइज 19 करोड़ रुपये रखी गई थी. इसकी मूल वजह पिछले सालों में इस दुकान से शराब की भारी बिक्री के साथ ही गुजरात राज्य की सीमा से सबसे नजदीकी दुकान होना है. गुजरात मे शराब पर प्रतिबंध होने के कारण बड़ी संख्या में गुजराती लोग इसी दुकान से शराब खरीदते है.

बावजूद इस बार शराब ठेकेदारों ने रिजर्व प्राइज ज्यादा बताकर दुकान नहीं खरीदी तो सरकार ने इस दुकान पर 50 प्रतिशत तक रिजर्व प्राइज घटा दिए. जिससे इस दुकान की कीमत 10 करोड़ तक आ गई. अब माना जा रहा है कि रिजर्व प्राइज कम होने के बाद ठेकेदार दुकान खरीदने में दिलचस्पी दिखाएंगे.

पढ़ें: झालावाड़: शराब ठेका संचालकों ने अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

इसके अलावा खजूरी दुकान की कंपोजिट फीस पहले 10 करोड़ 80 लाख रुपये थी. इसमें भी सरकार ने 60 फीसदी तक कमी की है. जिससे अब कंपोजिट फीस 4 करोड़ 44 लाख रुपये ही रह गई है. इसी तरह जिले की सभी 22 दुकानों की रिजर्व प्राइज व कंपोजिट राशि मे भारी कमी हुई है.

इन दुकानों का उठाव अब तक बाकी

जिले में खजूरी समेत बिछीवाड़ा, आंतरी, झोथरी, माण्डली, पालदेवल, पुनावाड़ा, रघुनाथपुरा, सरथुना, तलैया, थाणा, वरदा, वीरपुर, बनकोडा, चितरी, गरियाता, कुंआ, निठाउवा, ओबरी, पारडा वगेरी, रामगढ़ व सरोदा की दुकान है. जिसकी ई नीलामी 18 जून को होगी.

डूंगरपुर. सरकार को सबसे ज्यादा कमाई देने वाला आबकारी विभाग (Excise Department) कोरोना संक्रमण का शिकार हो गया है. यही कारण है कि जिले में 50 में से 22 शराब के ठेके (liquor shops) अब तक नहीं उठे है. इसमें प्रदेश की सबसे महंगी और गुजरात राज्य की सीमा से सटी शराब की दुकान भी शामिल हैं.

डूंगरपुर में 18 जून को होगी 22 ठेकों की ई नीलामी

वहीं शराब ठेके नहीं उठने के बाद अब सरकार ने न्युनतम रिजर्व प्राइज (minimum reserve price) 70 प्रतिशत घटा दी है, जिससे सरकार को इन 22 दुकानों से 73 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा. हालांकि विभाग को शराब के ठेके उठने के बाद इस नुकसान के कम होने की उम्मीद है.

प्रदेश में शराब को सबसे बड़ा राजस्व का जरिया भले ही माना जाता है, लेकिन इस बार शराब के ठेकेदारों ने शराब के ठेके उठाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. इसकी बड़ी वजह है कोरोना संक्रमण काल के साथ ही शराब के ठेकों की महंगी रिजर्व प्राइज. जिस कारण शराब के बड़े ठेकेदारों ने भी रुचि नहीं ली.

पढ़ें: राजस्थान में ₹ 999 करोड़ से भी ऊपर निकली शराब के ठेके की बोली

ऐसे हालात से सरकार ने सातवीं बार फिर नीलामी की योजना बनाई है. जिसके तहत सरकार ने इन 22 शराब की दुकानों की रिजर्व प्राइज आधी से भी ज्यादा 70 प्रतिशत तक कम कर दी है. इसका असर यह हुआ कि पहले सरकार को इन 22 दुकानों से 1 अरब 17 करोड़ 37 लाख 57 हजार 320 रुपये का राजस्व मिलता. लेकिन न्यूनतम रिजर्व प्राइज घटाने के बाद अब सरकार को 43 करोड़ 93 लाख रुपये का राजस्व ही मिलेगा.

ऐसे में देखा जाए तो सरकार को सीधे 73 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान है. हालांकि इसे लेकर आबकारी विभाग का तर्क है कि शराब के ठेकों में नीलामी में कई ठेके न्यूनतम रिजर्व प्राइज से ज्यादा में उठेंगे. जिससे राजस्व घाटा कम होने की उम्मीद लगा रहे हैं.

पढ़ें: चूरू में जान पर भारी जाम !...दो शराब ठेके 72 घंटे के लिए सीज

इधर, कंपोजिट राशि मे भी 60 फीसदी तक कमी

सरकार ने शराब ठेकेदारों को लुभाने के लिए रिजर्व प्राइज के साथ ही कंपोजिट राशि (composite amount) मे भी 60 प्रतिशत तक की कमी की है. ऐसे में कंपोजिट राशि से भी सरकार को करोड़ो का नुकसान झेलना पड़ेगा. इधर सरकार की ओर से बची हुई इन 22 शराब की दुकानों के लिए 18 जून को नए सिरे से बोली लगाई जाएगी. इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है.

सबसे महंगी दुकान खजूरी 19 करोड़ की जगह 10 करोड़ पर अटकी

प्रदेश में शराब की सबसे महंगी दुकान खजूरी की है. जिसकी न्यूनतम रिजर्व प्राइज 19 करोड़ रुपये रखी गई थी. इसकी मूल वजह पिछले सालों में इस दुकान से शराब की भारी बिक्री के साथ ही गुजरात राज्य की सीमा से सबसे नजदीकी दुकान होना है. गुजरात मे शराब पर प्रतिबंध होने के कारण बड़ी संख्या में गुजराती लोग इसी दुकान से शराब खरीदते है.

बावजूद इस बार शराब ठेकेदारों ने रिजर्व प्राइज ज्यादा बताकर दुकान नहीं खरीदी तो सरकार ने इस दुकान पर 50 प्रतिशत तक रिजर्व प्राइज घटा दिए. जिससे इस दुकान की कीमत 10 करोड़ तक आ गई. अब माना जा रहा है कि रिजर्व प्राइज कम होने के बाद ठेकेदार दुकान खरीदने में दिलचस्पी दिखाएंगे.

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इसके अलावा खजूरी दुकान की कंपोजिट फीस पहले 10 करोड़ 80 लाख रुपये थी. इसमें भी सरकार ने 60 फीसदी तक कमी की है. जिससे अब कंपोजिट फीस 4 करोड़ 44 लाख रुपये ही रह गई है. इसी तरह जिले की सभी 22 दुकानों की रिजर्व प्राइज व कंपोजिट राशि मे भारी कमी हुई है.

इन दुकानों का उठाव अब तक बाकी

जिले में खजूरी समेत बिछीवाड़ा, आंतरी, झोथरी, माण्डली, पालदेवल, पुनावाड़ा, रघुनाथपुरा, सरथुना, तलैया, थाणा, वरदा, वीरपुर, बनकोडा, चितरी, गरियाता, कुंआ, निठाउवा, ओबरी, पारडा वगेरी, रामगढ़ व सरोदा की दुकान है. जिसकी ई नीलामी 18 जून को होगी.

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