डूंगरपुर. जिले के बिछीवाड़ा निवासी एक व्यक्ति की खाड़ी देश कुवैत में बीमारी से मौत पर हुई. ऐसे में लॉकडाउन के कारण फ्लाइट्स बंद होने की वजह से कुवैत सरकार ने शव का कुवैत में ही अंतिम संस्कार कर दिया. इधर, बिछीवाड़ा में मृतक के परिजनों ने पुतला बनाकर मृतक की शवयात्रा निकाली और सभी धार्मिक क्रियाए पूरी कर पुतले का अंतिम संस्कार किया.
जानकारी के अनुसार बिछीवाड़ा निवासी 55 वर्षीय रमेशचंद्र पंचाल पिछले 27 सालों से कुवैत में रोजगारत था. रमेशचंद्र सालभर में अपने घर बिछीवाड़ा आता था और करीब 4 महीने पहले ही वापस कुवैत लौटा था. करीब 20 दिन पहले रमेशचंद्र की तबीयत खराब होने पर उसे कुवैत के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां इलाज के दौरान 28 मई को उसकी मौत हो गई.
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परिजनों के अनुसार मृतक रमेशचंद्र को किडनी संबंधित बीमारी थी, लेकिन कुवैत सरकार ने मृतक को कोरोना पॉजिटिव होने का दावा करते हुए शव देने से इंकार कर दिया और शव को वहीं पर दफना दिया. इधर, बिछीवाड़ा में मृतक के परिजनों ने बेटे का शव तो नहीं मिला, लेकिन उसकी राख ही नसीब हो जाए, इसके लिए घर मे रखे कपड़ो से पुतला बनाया.
उस पर बेटे का फोटो लगाया. इसके बाद गमगीन माहौल में शवयात्रा निकाली और सभी धार्मिक क्रियाएं पूरी करते हुए पुतले का अंतिम संस्कार किया. जिससे पुतले से जो राख नसीब होगी उसका विसर्जन किया जा सके. साथ ही सामाजिक अन्य क्रियाएं भी पूरी की जा सके.
बता दें कि लॉकडाउन पीरियड के पिछले दो महीनों में खाड़ी देश कुवैत में डूंगरपुर जिले के 7 लोगों की मृत्यु हो गई है. कुवैत सरकार ने सभी 7 मृतकों को कोरोना पॉजिटिव होने का दावा करते हुए शवों को वहीं पर दफना दिया.
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इसके बाद यहां परिजनों ने अपने-अपने तरीके से बेटों की मौत पर शौक जताया. इससे पहले जिले के सीमलवाड़ा में भी एक युवक की कुवैत में कोरोना से मौत पर पुतला बनाकर अंतिम संस्कार किया गया था, जबकि दो दिन पूर्व सागवाड़ा क्षेत्र में पिंड बनाकर अंतिम संस्कार की क्रिया की गई थी.