डूंगरपुर. रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने के बीच डूंगरपुर के 250 से ज्यादा स्टूडेंट यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. इन स्टूडेंट के साथ ही उनके पेरेंट्स में भी युद्ध की घोषणा के बाद डर बना हुआ है. ऐसे में पेरेंट्स अपने बच्चों को जल्द से जल्द वापस घर बुलाना चाह (Dungarpur students waiting to return home from Ukraine) रहे हैं. लेकिन इस बीच यूक्रेन से भारत आने की फ्लाइट का चार्ज महंगा हो गया है. हालांकि यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट का कहना कि वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं और बाजार भी खुला हुआ है. इससे उन्हें सबकुछ आसानी से मिल रहा है.
यूक्रेन में डूंगरपुर जिले के 250 से ज्यादा स्टूडेंट अलग-अलग मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं. डूंगरपुर जिले के सबसे ज्यादा 45 स्टूडेंट उजग्रोद यूनिवर्सिटी में हैं. इसके अलावा टरनोपिल यूनिवर्सिटी में 15, सूमी यूनिवर्सिटी में 15, खारकीव, कीव, बोगोमोलस, बुकोविनियन यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं. ये सभी स्टूडेंट यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में रह रहे हैं. इस वजह से सुरक्षित हैं. हालाकि रूस से युद्ध छिड़ने के बाद से सभी कॉलेजों ने ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी है. कॉलेजों ने स्टूडेंट को अपने देश या घर जाने के लिए भी बोल दिया है. ऐसे हालात में बच्चों के साथ ही उनके पेरेंट्स में सुरक्षा को लेकर डर समा गया है.
स्टूडेंट बोले - वे घुमफिर रहे हैं, लेकिन घर आना चाहते हैं: यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे मन व्यास, ध्रुव व्यास, रिया व्यास, जैनम जैन ने बताया कि वे पूरी तरह से सुरक्षित हैं. जिस दिन से रूस के साथ युद्ध की बात आ रही थी, उस दिन से डर लग रहा है. लेकिन वे बॉर्डर से दूर हैं. बाजार, मॉल सबकुछ खुला है. लेकिन जरुरी सामान महंगा हो गया है. आने-जाने के लिए भी गाड़ी मिल रही है. इधर कॉलेज में ऑफलाइन पढ़ाई नहीं चल रही है. इसलिए ऑनलाइन ही पढ़ाई करने हैं. रोजाना घर वालों से भी बात कर रहे हैं और जल्द ही घर जाने का इंतजार कर रहे है.
वीडियो कॉल से बच्चों को पूछ रहे हालचाल: पेरेंट्स चिराग व्यास, धर्मेश व्यास, केशुभाई नागदा बताते हैं कि रूस से युद्ध कि बात जिस दिन से सुनी है. उस दिन से टेंशन बढ़ गई है. दिन-रात वीडियो कॉल से बच्चों के हालचाल जान रहे हैं. बच्चे भी अभी किसी तरह कि दिक्कत नही बता रहे हैं. चिराग व्यास ने बताया कि वे अपने बेटे मन व्यास को अपने घर बुलाना चाहते हैं. फ्लाइट की टिकट देखी 60 से 70 हजार रुपए है. यही टिकट पहले 15 से 20 हजार में मिल रही थी.
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इंडियन एम्बेंसी से लगातार कर रहे सम्पर्क: यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे डूंगरपुर सहित प्रदेश के हजारों छात्र अब सरकार की ओर उम्मीद लगाकर बैठे हैं. स्टूडेंट लगातार यूक्रेन में भारतीय एम्बेसी से सम्पर्क कर रहे हैं. हालाकि कुछ स्टूडेंट ने महंगे दामों पर टिकट भी बुक करवा लिए हैं, लेकिन फ्लाइट लिमिटेड होने के चलते देश लौट नहीं पा रहे हैं. इधर परिजनों ने सरकार से उनके बच्चों को सुरक्षित भारत लाने की गुहार लगाई है.