डूंगरपुर. मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्लेसमेंट एजेंसी द्वारा भर्ती किए गए कार्मिकों को अचानक निकाले जाने के आदेशों के बाद वे बेरोजगार हो गए हैं. वहीं कार्मिकों का मेडिकल कॉलेज अस्पताल गेट के सामने बुधवार को दूसरे दिन भी धरना-प्रदर्शन जारी रहा. कार्मिकों ने बकाया मानदेय का भुगतान करने के साथ ही उन्हें यथावत रखने की मांग कर रहे हैं. साथ ही नर्सिंग एसोसिएशन भी कार्मिकों का समर्थन किया है.
डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मातृ दर्शन समिति की ओर से लगाएं गए स्वीपर और वार्ड बॉय को सोमवार को अचानक से निकालने के आदेश जारी कर दिए हैं, जबकि इन कार्मिकों का पिछले 6 महीने से मानदेय का भुगतान तक नहीं हुआ है और वे कोरोना काल में आर्थिक तंगी झेल रहे हैं. कार्मिकों ने बताया कि बकाया भुगतान की मांग को लेकर उन्होंने कई बार प्राचार्य और अधिकारियों से बातचीत की, लेकिन उनका कोई समाधान नहीं हुआ है.
उन्हें बकाया भुगतान मिलना तो दूर अब मेडिकल कॉलेज की ओर से नई प्लेसमेंट एजेंसी को ठेका देने के बाद उन्हें हटाने के आदेश दे दिए गए हैं. कार्मिकों ने बताया कि मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में करीब 115 कार्मिक लगे हुए हैं, जिसमें स्वीपर, वार्डबॉय, गार्ड, कंप्यूटर ऑपरेटर हैं, लेकिन प्लेसमेंट एजेंसी बदलने के साथ ही कार्मिकों को बिना मानदेय दिए ही निकाला जा रहा है. इससे यह कार्मिक बेरोजगार हो जाएंगे. वहीं इन परिवारों को दीवाली के त्योहार पर आर्थिक संकट से गुजरना पड़ेगा.
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कार्मिकों ने मंगलवार को भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल गेट के सामने बैठकर धरना-प्रदर्शन किया. कार्मिकों ने बकाया 6 माह का मानदेय दिलाने, उन्हें यथावत रखने और पुराना मानदेय ही दिलाने की मांग रखी है. नर्सिंग एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष बंशीलाल कटारा ने कहा कि अल्पवेतन भोगी कार्मिकों को बेवजह निकालने के आदेश जारी कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है, जबकि उन्हें उनका पूर्व का मानदेय भी नहीं दिया गया है. ऐसे में नर्सिंग एसोसिएशन उनकी मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन करेगा.